इस्लाम से देश का संबंध नहीं: जर्मनी के गृहमंत्री
जर्मनी के नए गृहमंत्री का मानना है कि "इस्लाम का संबंध" उनके देश से नहीं है.
होर्स्ट ज़इहोफ़ाम का यह बयान जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल की नीतियों के ठीक विपरीत है.
वो लंबे वक्त से एंगेला मर्केल की शरणार्थी नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं, लेकिन अब वो उनके साथ नए गठबंधन की सरकार में ज़िम्मेदार पद पर हैं
जर्मनी के नए गृहमंत्री का मानना है कि "इस्लाम का संबंध" उनके देश से नहीं है.
होर्स्ट ज़इहोफ़ाम का यह बयान जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल की नीतियों के ठीक विपरीत है.
वो लंबे वक्त से एंगेला मर्केल की शरणार्थी नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं, लेकिन अब वो उनके साथ नए गठबंधन की सरकार में ज़िम्मेदार पद पर हैं.
ज़इहोफ़ाम का यह बयान दक्षिणपंथी पार्टी 'अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी' के वोटरों को वापस खींचने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है.
एंगेला मर्केल ने उनके इस बायन से दूरी बनाने में देरी नहीं की.
एक स्थानीय अख़बार 'बिल्ज' को दिए इंटरव्यू में ज़इहोफ़ाम ने कहा कि "ईसाइयत ने जर्मनी को आकार" दिया है और देश को अपनी संस्कृति नहीं भूलनी चाहिए.
उन्होंने कहा, "नहीं. इस्लाम का जर्मनी से कोई संबंध नहीं है. ईसाइयत ने जर्मनी को आकार दिया है."
इंटरव्यू में उन्होंने आगे कहा, "जो मुसलमान हमारे बीच रहते हैं वो स्वाभाविक रूप से जर्मनी के हैं... पर इसका मतलब ये नहीं है कि हमें अपनी संस्कृति और पहनावे को त्याग देना चाहिए."
उन्होंने कहा, "मुसलमान हमारे साथ रहें, लेकिन न तो हमारे बाद या हमारे ख़िलाफ़.''
गठबंधन की सरकार
ज़इहोफ़ाम एंगेला मर्केल की वबेरिया राज्य के सहयोगी दल क्रिश्चियन सोशल यूनियन के नेता हैं.
चांसलर एंगेला मर्केल ने 2015 में कहा था कि इस्लाम जर्मनी का हिस्सा है. उन्होंने यह बयान सीरियाई शरणार्थियों के ख़िलाफ़ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों पर दिया था.
पूर्व राष्ट्रपति क्रिश्चियन वल्फ भी ऐसा ही मानते थे.
एंगेला मर्केल ने शुक्रवार को धार्मिक सौहार्द की आवश्यकता पर ज़ोर दिया. उन्होंने कहा, "हमारे देश में ईसाइयत का बड़ा प्रभाव है, लेकिन यहां 40 लाख मुसलमान भी रहते हैं."
"ये मुसलमान इस्लाम को मानते हैं. ये जर्मनी के हैं और इनका धर्म भी. इस्लाम का संबंध जर्मनी से है."
क्यों दिया ऐसा बयान?
बीबीसी के बर्लिन संवाददाता जेनी हिल के अनुसार होर्स्ट ज़इहोफ़ाम एंगेला मर्केल की शरणार्थी नीतियों के मुखर विरोध रहे हैं. वो अब उनके कैबिनेट में शामिल ज़रूर हैं पर चांसलर की नीतियों का विरोध कर रहे हैं.
जेनी हिल मानते हैं कि अगले साल बवेरिया में क्षेत्रीय चुनाव होंगे और ज़इहोफ़ाम उसकी तैयारी में जुट गए हैं.
इस राज्य में 'अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी' की तरफ़ वोटरों का झुकाव बढ़ा है. उनका यह बयान मुस्लिम संगठनों पर हुए हमलों के कुछ दिन बाद आया है और यह मर्केल की नई सरकार की ख़राब शुरुआत मानी जा रही है.
2015 में सीरियाई शरणार्थियों के लिए देश का दरवाज़ा खोलने के एंगेला मर्केल के फ़ैसले के बाद क़रीब 10 लाख प्रवासी जर्मनी पहुंचे हैं.
एंगेला मर्केल बुधवार को चौथी बार जर्मनी की चांसलर बनी हैं. उनकी पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन ऑफ जर्मनी और ज़इहोफ़ाम की पार्टी क्रिश्चियन सोशल यूनियन के गठबंधन को विश्व युद्ध के बाद पहली बार 1949 में हुए चुनाव के बाद सबसे कम वोट मिले हैं.