Coronavirus: जनता कर्फ्यू से कितना अलग है लॉकडाउन, जानिए एक-एक जरूरी बात
नई दिल्ली। 22 मार्च यानी रविवार को सुबह सात बजे से जनता कर्फ्यू पूरे देश में होगा। चीन के वुहान से दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस निकला था और इसने अब तक पूरी दुनिया में 11,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। भारत में भी रोजाना केसेज में इजाफा हो रहा है। चीन ने वुहान में लॉकडाउन कर कोरोना वायरस को नियंत्रित किया था और अब अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक ने लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। भारत में फिलहाल किसी भी तरह से लॉकडाउन के आदेश नहीं दिए गए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि जिस तरह के हालात हैं उसमें सरकार को लॉकडाउन ऑर्डर कर देना चाहिए। जानिए आखिर क्या होता है लॉकडाउन और इस समय दुनिया के किन देशों में दिए गए हैं आदेश।
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क्या होता है लॉकडाउन
लॉकडाउन वह आपातकालीन प्रोटोकॉल होता है जिसके तहत लोगों को किसी एक इलाके को छोड़ने से रोका जाता है। प्रोटोकॉल को सिर्फ अथॉरिटीज की तरफ से ही लागू किया जा सकता है। वहीं आशिंक लॉकडाउन यानी पार्शियल लाकडाउन के तहत किसी भी कम्युनिटी में गतिविधि या मूवमेंट की मंजूरी नहीं दी जाती है। कुछ संगठन काम करते हैं तो उन्हें कुछ प्रस्तावों को मानना पड़ता है। विशेषज्ञों की मानें तो लॉकडाउन के तहत बाहरी या आंतरिक खतरे से लोगों को बचाने की कोशिश की जाती है। फुल यानी पूर्ण लाकडाउन का मतलत होता है लोग जहां पर हैं, उन्हें वहीं रहना होगा। वह न तो किसी बिल्डिंग से बाहर आ सकते हैं और न ही उसके अंदर जा सकते हैं। अगर लोग कहीं बीच रास्ते में हैं तो फिर उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा जाता है।
ब्रिटेन में पीएम के आदेश के बाद सब-कुछ बंद
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। पीएम जॉनसन ने अपने ऐलान के साथ लोगों से कहा कि वे सभी अपने घरों में रहें और अगर बहुत जरूरी हो तो ही बाहर निकलें। पीएम के आदेश के साथ ही देशभर में सभी रेस्टोरेंट्स, पब्स और मॉल्स को बंद कर दिया गया है। इन सबके अलावा सभी स्कूल भी अब बंद कर दिए गए हैं। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की तरफ से बताया गया है कि यूके में अब तक कोरोना वायरस के 3297 केस सामने आए हैं और 168 लोगों की मौत हो चुकी है। लॉकडाउन के आदेश के साथ ही इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और नॉर्दन आयरलैंड के स्कूलों को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है।
अमेरिका में सात अप्रैल तक लॉकडाउन
अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में सैन फ्रांसिस्को और पांच दूसरे क्षेत्रों में लॉकडाउन है। सभी नागरिकों को उनके घरों में ही रहने को कहा गया है। अमेरिका में कई दशकों बाद लॉकडाउन की स्थिति देखने को मिली है। अमेरिका में सात अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा और सिर्फ जरूरी कामों को के लिए ही लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति दी गई है। अगर कोर्इ जबरदस्ती बाहर निकला तो फिर उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। सभी जिम, बार, पब और कैफे अगले आदेश तक बंद रहेंगे। फिलहाल लॉकडाउन के आदेश सात अप्रैल तक लागू रहेंगे। इसके बाद राशन की दुकानें, मेडिकल स्टोर, लॉन्ड्रीज, पेट्रोल स्टेशन और दूसरे जरूरी व्यवसाय चलते रहेंगे। लोगों को आदेश दिए गए हैं कि वे अगले इंसान से कम से कम छह फीट की दूरी पर रहें। एयरपोर्ट्सस, टैक्सी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिर्फ जरूरी सफर के लिए ही उपलब्ध रहेंगे। लॉकडाउन जैसे हालात दूसरे राज्यों में भी हैं।
इटली ने लगाया लोगों पर जुर्माना
इटली ने आठ मार्च को लॉकडाउन के आदेश दिए थे। नॉर्थ इटली जो सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, उसे सबसे पहले बंद किया गया था। इटली का यह हिस्सा कोरोना की सबसे ज्यादा मार झेलने को मजबूर है। इसके दो दिन बाद ही इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया। इटली की सरकार ने लोगों को आदेश दिए कि ऑफिस के काम और हेल्थ इमरजेंसी के अलावा अगर जरूरी नहीं है तो घर से बाहर न निकलें। यहां पर लोगों को बाहर निकलने के लिए पुलिस से एक डॉक्यूमेंट साइन कराना पड़ रहा है। इस डॉक्यूमेंट के बिना अगर वह बाहर निकलते हैं तो फिर उन्हें भारी जुर्माना अदा करना पड़ रहा है।