कोरोना वायरस से भारत में कोहराम, जानिए अमेरिका, यूरोपीयन देश और इजरायल की क्या है स्थिति?
कोरोना वायरस भारत में बेकाबू हो चुका है, जानिए अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, इजरायल समेत विश्व के अलग अलग देशों में कोरोना वायरस की क्या स्थिति है।
नई दिल्ली, अप्रैल 19: पिछले एक हफ्ते में कोरोना वायरस ने फिर से भारत में तबाही मचा दी है। भारत में हर दिन 2 लाख से ज्यादा कोरोना वायरस संक्रमित लोग मिल रहे हैं वहीं एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना वायरस से हो रही है। लेकिन, सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई बड़े बड़े देश कोरोना वायरस से त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं। इस खतरनाक वायरस से हजारों लोगों की मौत लगातार हो रही है और अब तक पूरी दुनिया में 30 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की वजह से काल के गाल में समा चुके हैं। चाहे ब्रिटेन हो या फ्रांस या फिर ब्राजील या अमेरिका...सभी देशों में कोरोना वायरस की नई लहर लोगों का चैन छीन रही है। ऐसे में आईये देखते हैं कि अमेरिका, ब्राजील, इजरायल और यूरोपीयन देशों की कोरोना वायरस से क्या स्थिति है?
भारत में विकराल स्थिति
लोगों की लापरवाही ने भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण काफी तेजी से फैला दिया है। पिछले कुछ महीनों में भारत में लोगों ने सावधानी के सारे नियम को तोड़ दिए। लोगों ने मास्क लगाना बंद कर दिया तो स्कूल-कॉलेज खुल गये। बाजारों में पहले की तरह ही भीड़ जुटने लगी और इसका नतीजा ये हुआ कि भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ा है। भारत में आलम ये है कि सभी के सभी कोरोना अस्पताल पूरी तरह से भरे हुए हैं। नये मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं। देश के हर इलाकों से ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी की रिपोर्ट आ रही है तो श्मशान घाटों में शवों की कतारें लगी हुई हैं। कोरोना वायरस के इस लहर ने सरकारी इंतजामों और लापरवाही की पोल खोलकर रख दी है। देश की अलग अलग सरकार लॉकडाउन पर विचार कर रही है तो शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं। हालांकि, भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने की कोशिश की जा रही है लेकिन अब वैक्सीन की कमी होने लगी है, जिसकी वजह से भारत ने दूसरे देशों को वैक्सीन सप्लाई करनी बंद कर दी है।
फ्रांस की स्थिति
फ्रांस में कोरोना वायरस का नया लहर तेजी से फैला है जिसकी वजह से पूरे फ्रांस में एक अप्रैल से लॉकडाउन लगाया गया है। फ्रांस में 4 हफ्तों का लॉकडाउन लगाया गया है। फ्रांस की सभी स्कूलों को 4 हफ्तों के लिए बंद कर दिया गया है और सिर्फ जरूरी सामान लेने के लिए ही लोग घर से बाहर निकल सकते हैं। फ्रांस में एक अप्रैल से पहले हर दिन 50 हजार से ज्यादा कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ रहे थे जो अब घटकर 36 हजार से कम पर पहुंच गया है। वहीं, फ्रांस में वैक्सीनेशन की रफ्तार भी तेजी से जारी है। फ्रांस की सरकार बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान चला रही है।
जर्मनी की कोरोना वायरस से स्थिति
जर्मनी में पिछले साल कोराना वायरस ने जमकर कहर बरपाया था और हर दिन एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना वायरस की वजह से होने लगी थी। जिसको देखते हुए इस बार जर्मनी की सरकार सतर्कता बरत रही थी। जर्मनी में मार्च के पहले हफ्ते में फिर से कोरोना वायरस का ग्राफ तेजी से बढ़ने लगा था, जिसको देखते हुए जर्मनी ने नियम कड़े करने शुरू कर दिए थे। जर्मनी में भी ब्राजील की तरह युवा आबादी कोरोना वायरस की चपेट में आने लगी थी, जिसको देखते हुए जर्मनी में कड़े कदम उठाए गये। जर्मनी की चांसलर एंजला मर्केल ने अलग अलग राज्यों को अपने अपने हिसाब से लॉकडाउन लगाने और नियमों को सख्त करने की छूट दे दी। जर्मनी की राजधानी बर्लिन में सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया। वहीं, जर्मनी के जिन राज्यों में कोरोना वायरस का संक्रमण कम था, वहां एहतियात कड़े कर दिए गये। रेस्टोरेंट और थियेटरों में सिर्फ कोविड-19 निगेटिव सर्टिफिकेट वाले लोगों को ही प्रवेश करने की इजाजत दी गई। जर्मनी में अभी भी मास्क लगाना अनिवार्य है और मास्क नहीं लगाने वालों पर जुर्मना लगाया जा रहा है। सख्त नियमों की वजह से जर्मनी ने कोरोना वायरस ग्राफ को कम करने में कामयाबी हासिल कर ली है।
इटली की खराब स्थिति
इटली को पिछले साल भी कोरोना वायरस की वजह से तबाही का सामना करना पड़ा था और इस साल भी इटली की स्थिति बुरी तरह से खराब है। आपको याद होगा कि कैसे पिछले साल इटली कोरोना वायरस का मुख्य सेंटर बन गया था। इटली की आबादी बेहद कम है और यहां अब तक कोरोना वायरस के 38 लाख से ज्यादा कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें एक लाख 16 हजार लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है। इटली में इस साल भी कोरोना वायरस का ग्राफ तेजी से बढ़ना शुरू हुआ जिसके बाद इटली की सरकार ने पूरे देश में फौरन लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। इटली में 30 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन लगाया गया है। इटली की सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के लिहाज से देश के अलग अलग हिस्सों को रेड कैटोगिरी और ऑरेंज कैटोगिरी में बांटा गया है। जो इलाके रेड जोन में हैं, वहां के स्कूल कॉलेज बंद हैं और कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो सकते हैं। सख्ती का असर भी इटली में दिख रहा है। एक अप्रैल को जहां इटली में 23 हजार मामले सामने आए थे वहीं अब ये आंकड़ा घटकर 15 हजार से नीचे आ गया है। वहीं, इटली में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों में भी कमी दर्ज की गई है।
ब्रिटेन में अब भी सख्ती जारी
ब्रिटेन लगातार लॉकडाउन से गुजरने वाला देश है और अब भी ब्रिटेन में कोराना वायरस को लेकर बेहद कड़े नियम हैं। ब्रिटेन में आने वाली यात्रियों के लिए 14 दिन क्वारंटाइन रहना अनिवार्य है, जिसके लिए सरकार ने कई होटलों को बुक करके रखा हुआ है। हालांकि, अब जबकि ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी कम हो चुकी है तो सरकार ने सख्ती में कमी करना शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी भी ब्रिटेन में शादियों में 15 लोग से ज्यादा शामिल नहीं हो सकते हैं तो अंतिम संस्कार के वक्त 30 लोग से ज्यादा शामिल नहीं हो सकते हैं। प्रिसि फिलिप के अंतिम संस्कार के वक्त भी सिर्फ 30 लोग ही शामिल थे। एक अप्रैल को ब्रिटेन में 4500 केस दर्ज किए गये थे वहीं 17 अप्रैल को ब्रिटेन में 2206 लोग कोरोना संक्रमित मिले। वहीं 18 अप्रैल को ब्रिटेन में 1882 केस मिले और 10 लोगों की मौत हुई। यानि, ब्रिटेन में सख्ती की वजह से कोरोना का ग्राफ काफी कम हुआ है।
अमेरिका में तेजी से वैक्सीनेशन
कोरोना वायरस की तबाही झेलने वाला सबसे बड़ा देश अमेरिका है। पिछले साल भी अमेरिका में कोरोना वायरस ने भारी तबाही मचाई थी और सुपरपावर के सारा घमंड तोड़ डाला था। अमेरिका में अभी भी कोरोना वायरस के मामले कम नहीं हुए हैं। अभी भी अमेरिका में 80 हजार से 90 हजार के करीब मामले हर दिन दर्ज किए जा रहे हैं। वहीं अमेरिका में अभी भी हजार के करीब लोगों की मौत कोरोना वायरस की वजह से हो रही है। राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन ने अमेरिका में वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेजी से बढ़ाया है। अमेरिका में अगले 2 महीने में पूरी आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा गया है। खासकर 19 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन देने की कोशिश की जा रही है। अमेरिका में ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि घर से सिर्फ 5 किलोमीटर के अंदर लोगों को वैक्सीनेशन की सुविधा मिल सके।
इजरायल का जंग जीतने का दावा
इजरायल ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जीत ली है और इजरायल सरकार ने देश में खुले स्थानों पर मास्क पर लगी पाबंदी को हटा लिया है। इजरायली वैज्ञानिकों का कहना है कि देश में करीब 70 फीसदी तक लोगों ने कोरोना वायरस के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी हासिल कर ली है, लिहाजा अब खुले स्थान पर मास्क की जरूरत नहीं है। इजरायल के स्वास्थ्य मंत्री एडलस्टेन ने लोगों से अभी भी मास्क अपने साथ रखने को कहा है। उन्होंने कहा है कि खुले क्षेत्र में अब लोगों को मास्क लगाने की इजाजत नहीं है, लेकिन बंद क्षेत्र में अभी भी लोगों को मास्क लगाना चाहिए। इजरायल में अब कोरोना वायरस के काफी कम मामले सामने आ रहे हैं। इस साल जनवरी तक प्रतिदिन इजरायल में 10 हजार से ज्यादा कोरोना वायरस के मामले रिपोर्ट किए जा रहे थे जबकि अब इजरायल में 100 से कम केस हर दिन आ रहे हैं। वहीं, इजरायल रे वीजमैन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एरेन सीगल ने पिछले हफ्ते ट्विटर पर कहा है कि '85 प्रतिशत से ज्यादा 16 साल के ऊपर वाले इजरायली या तो कोरोना वायरस से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं या फिर उन्होंने वैक्सीन ले ली है'
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