
पोलियो के टीके से वैज्ञानिकों को बड़ी उम्मीद, Coronavirus से निपटने में हो सकता है कारगर
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का संक्रमण अब बेकाबू हो चुका है। जैसे-जैसे इसके वैक्सीन में वक्त लग रहा है वैसे-वैसे ये जानलेवा वायरस और खतरनाक होता जा रहा है। दुनिया भर में इस वायरस से मरने वालों को संख्या 45 लाख के पर पहुंच चुकी है। पूरी दुनिया इसकी दवा ढूंढने में लगी हुई है। वहीं अमेरिका में वैज्ञानिक टीवी और पोलियो के टीके का ट्रायल कर यह आकलन कर रहे हैं कि क्या इससे कोरोना के खिलाफ सीमित सुरक्षा पाया जा सकता है या नहीं। अमेरिकी अखबार 'द वॉशिंगटन पोस्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक इस बात का पता लगाने के लिए परीक्षण किए जा रहे हैं कि क्या टीबी और पोलियो के टीके से कोरोना वायरस के प्रभाव की गति को धीमा किया जा सकता है या नहीं। टेक्सास ए एंड एम हेल्थ साइंस सेंटर' में रोग प्रतिरोधी क्षमता विज्ञान के प्रोफेसर जेफ्री डी सिरिलो के हवाले से कहा, ''विश्व में यही एकमात्र टीका है जो कोरोना वायरस से निपटने लिए के फिलहाल इस्तेमाल किया जा सकता है।''
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क्या कहना है वैज्ञानिकों का
कुछ वैज्ञानिकों ने प्रस्ताव दिया है कि मौजूदा वैक्सीन शरीर के इम्यून सिस्टम को अस्थायी तौर पर अनिवार्य मजबूती प्रदान कर सकती है। इससे संक्रमण को दूर रखने में सफलता मिलेगी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस तरह का एप्रोच कारगर होगा या नहीं। इजरायल, नीदरलैंड्स और ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं व अन्य देशों में भी इस बात पर शोध हो रहा है कि टीबी वैक्सीन इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मददगार हो सकता है या नहीं। साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस वैक्सीन से कोविड-19 के खतरे को कम करने में कितनी सफलता मिलेगी।

सुरक्षा कवच का काम करता है यह टीका
वैज्ञानिक जर्नल में लिखने वाले अन्य शोधकर्ताओं ने पोलियो वैक्सीन के इस्तेमाल का प्रस्ताव दिया है जो बच्चों के जीभ पर डालते ही घुल जाता है। टीबी और पोलियो के लिए विकसित वैक्सीन पहले ही लाखों लोगों पर इस्तेमाल किया जा चुका है। लेकिन वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, इसका इस्तेमाल कोविड-19 के लिए कारगर नहीं है बल्कि कोरोना वायरस के संक्रमण में थोड़ी राहत दे सकता है वहीं सुरक्षा कवच का भी काफी हद तक काम करता है।

दुनिया भर में कोरोना की ताजा स्थिति
‘जॉन हॉप्किन्स कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर' के अनुसार इस संक्रमण से दुनियाभर में 75,00,000 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 4,25,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में दुनिया में सर्वाधिक 20 लाख 20 हजार से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं जिनमें से 1,13,000 लोगों की मौत हो चुकी है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बीमारी के उपचार के लिए टीका या दवाइयां तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।
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