जानें कैसे टैक्स बचाने में फंसे कंजरवेटिव पार्टी के चेयरमैन नादिम जहावी? ऋषि सुनक ने किया बर्खास्त
पीएम ऋषि सुनक ने रविवार को कंजर्वेटिव पार्टी के अध्यक्ष नादिम जहावी को बर्खास्त कर दिया है। नादिम जहावी पर टैक्स में हेर-फेर का आरोप है।
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यूके में पीएम ऋषि सुनक ने रविवार को कंजर्वेटिव पार्टी के अध्यक्ष नादिम जहावी को बर्खास्त कर दिया है। नादिम जहावी पर टैक्स में हेर-फेर का आरोप है। पीएम सुनक ने नादिम को पद से हटाने के अपने निर्णय के बारे में सूचित करते हुए सार्वजनिक रूप से पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि नादीम के खिलाफ सरकार ने जांच शुरू की थी जिसमें उन्हें मंत्रिस्तरीय संहिता का गंभीर उल्लंघन करते हुए पाया गया, जिसके बाद उन्हें हटाने का निर्णय लिया गया।
सुनक ने दिया था जांच का आदेश
सुनक ने अपने स्वतंत्र सलाहकार लॉरी मैग्नस को जहावी के खिलाफ लगे टैक्स में हेराफेरी आरोप पर जांच करने का आदेश दिया था, जो पिछले साल ब्रिटेन में राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान कुछ समय के लिए वित्त मंत्री थे। दो हफ्ते पहले यह बात सामने आई थी कि जहावी ने एचएमआरसी को चांसलर रहते हुए अवैतनिक कर के लिए 5.96 मिलियन डॉलर के समझौते के हिस्से के रूप में जुर्माना अदा किया था। तब यह आरोप लगाया गया था कि जहावी ने टैक्स ऑफिसर्स के साथ विवाद को सार्वजनिक नहीं किया था।
सालों पुरानी गलती अब खुली
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक नादिम जहावी पर आरोप है कि एक YouGov नाम की ओपिनियन पोलिंग फर्म में उनके जितने भी शेयर थे, उसे उन्होंने अपने पिता का बता दिया था। ऐसा कर वे टैक्स देने से बचते रहे लेकिन पिछले साल वित्त मंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति के दौरान टैक्स अधिकारियों ने उनकी गलती पकड़ ली थी। इसका खुलासा होने पर ब्रिटेन की सियासत में भूचाल आ गया और पीएम ऋषि सुनक को उन्हें बर्खास्त करने पर मजबूर होना पड़ा।
पूरा
मामला
ये
है
नदीम
जाहावी
ने
2000
में
YouGov
की
सह-स्थापना
की
थी।
यह
2005
में
एक
सार्वजनिक
कंपनी
बन
गई।
जाहावी
2010
तक
पोलिंग
कंपनी
के
मुख्य
कार्यकारी
थे,
उस
समय
उन्हें
आम
चुनाव
में
स्ट्रैटफ़ोर्ड-ऑन-एवन
के
लिए
चुना
गया
था।
5
जुलाई
2022
को,
जाहावी
तत्कालीन
पीएम
लिज
ट्रस
के
तहत
चांसलर
बने।
इसी
अवधि
के
दौरान
जहावी
ने
YouGov
में
शेयरों
से
संबंधित
HMRC
के
साथ
मिलियन
पाउंड
का
कर
समझौता
किया
था।
25
अक्टूबर
2022
को
नए
प्रधानमंत्री
सुनक
ने
जहावी
को
कंजर्वेटिव
पार्टी
के
अध्यक्ष
के
रूप
में
नियुक्त
किया।
यह
स्पष्ट
नहीं
है
कि
वह
उस
समय
जहावी
के
कर
संबंधी
मुद्दों
के
बारे
में
उन्हें
कितना
पता
था।
विपक्ष
ये
आरोप
लगा
रहे
हैं
कि
सुनक
को
पता
था।
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