क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा को मिला 'वैकल्पिक नोबल पुरस्कार'
स्टॉकहोम: स्वीडन की जलवायु एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को बुधवार को 'राइट लाइवलीहुड अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया। स्वीडिश ह्यूमन राइट्स प्राइज की जूरी ने बताया कि इस अवॉर्ड को 'वैकल्पिक नोबल पुरस्कार' भी कहा जाता है। ग्रेटा के अलावा यह सम्मान अमिनतोउ हैदर (मोरक्को), गुओ जियानमेई (चीन) और डवी कोपेनवारा (ब्राजील) को दिया गया है। ग्रेटा को यह सम्मान जलवायु परिवर्तन को लेकर पूरे विश्व का ध्यान इस ओर आकर्षित करने और तत्काल कदम उठाने की मांग को लेकर प्रदान किया गया।

16 साल की थनबर्ग ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में जलवायु शिखर सम्मेलन की शुरुआत में सोमवार को अपने एक भाषण में जलवायु परिवर्तन से निपटने में विफल रहने पर विश्व नेताओं की निंदा की। राइट लाइवीहुड फाउंडेशन ने बताया कि, ग्रेटा को यह पुरस्कार तत्काल जलवायु कार्रवाई के लिए राजनीतिक मांगों, वैज्ञानिक तथ्यों के लिए प्रेरक और प्रवर्धित करने के लिए दिया गया है। पुरस्कार विजेता के कार्य को समर्थन देने के लिए विजेता को 10 लाख स्वीडिश क्रोनर (10 लाख तीन हजार डॉलर या 94000 यूरो) की इनामी राशि प्रदान की जाती है।
ग्रेटा ने वैश्विक जलवायु आंदोलन 'फ्राइडे फॉर फ्यूचर' और 'स्कूल स्ट्राइक फॉर द क्लाइमेट' नाम से अगस्त 2018 में शुरू किया था। उन्होंने स्कूल जाना बंद कर दिया था और स्वीडन की संसद के सामने अकेले बैठकर प्रदर्शन करती थी। इसके बाद धीरे-धीरे कई स्कूल के बच्चों ने उनका साथ देना शुरू कर दिया था। इससे वह चर्चा में आई थीं। उनसे प्रेरित होकर, लाखों युवा पिछले शुक्रवार को दुनियाभर में सड़कों पर उतरे और सयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए दुनिया के नेताओं को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आपातकालीन कार्रवाई की मांग की।
इसी साल मार्च में ग्रेटा को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जा चुका है। अगर दिसंबर में उन्हें यह अवॉर्ड मिलता है तो वे इसे पाने वाली सबसे युवा शख्सियत होंगी। जलवायु परिवर्तन पर अभियान के लिए उन्होंने एक साल के लिए स्कूल से छुट्टी ली है।
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