गिरफ्तारी के बाद क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग रिहा, जर्मनी की सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
ग्रेटा थनबर्ग अपने देश स्वीडन को भी जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार ठहरा चुकी हैं और साल 2019 में उन्हें 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर' चुना गया था।
Greta Thunberg News: स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को जर्मनी में गिरफ्तार करने के बाद रिहा कर दिया गया है। ग्रेटा थनबर्ग जर्मनी के एक गांव में खदान के विस्तार के खिलाफ हो रहे बड़े विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए पहुंची थी, जिसके बाद उन्हें कुछ और कार्यकर्ताओें के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में जर्मनी की पुलिस ने उन्हें रिहा कर दिया। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रेटा थनबर्ग की पहचान करने के बाद जर्मन पुलिस ने उन्हें रिहा कर दिया।
ग्रेटा थनबर्ग की गईं रिहा
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रेटा थनबर्ग जर्मनी के लुएत्ज़ेरथ गांव से लगभग 9 किमी दूर, गरज़वेइलर 2 की ओपनकास्ट कोयला खदान में चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई थीं। ग्रेटा थनबर्ग को पहले चेतावनी दी गई थी, कि अगर वो खदान क्षेत्र से बाहर नहीं होती हैं, तो फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा और बाद में उन्हें बलपूर्वक वहां से हटा दिया गया। आपको बता दें कि, जर्मनी के पश्चिमी राज्य उत्तरी राइन-वेस्टफेलिया में एक खदान को विस्तार देने के लिए एक गांव को हटाया जा रहा है और उसी के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। रॉयटर्स ने बताया कि खान के मालिक ने सरकार से सहमति व्यक्त की गई, कि कोयले से तेजी से बाहर निकलने के लिए लुएत्जेरथ गांव को खाली किया जा सकता है, जिसके बाद से ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
खान को लेकर प्रदर्शन
जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ताओं का कहना है, कि जर्मनी को उस खान से और अधिक लिग्नाइट, या भूरे कोयले का खनन नहीं करना चाहिए, और इसके बजाय नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार पर ध्यान देना चाहिए। वहीं, स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने करीब 6,000 प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, कि "खदान का विस्तार करना वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों करे साथ विश्वासघात है।" इस दौरान हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी लुएत्ज़ेरथ गांव में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि, "जर्मनी दुनिया के सबसे बड़े प्रदूषकों में से एक है और उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।"
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कौन हैं ग्रेटा थनबर्ग?
ग्रेटा थनबर्ग का जन्म 2 जनवरी 2003 को स्वीडन में हुआ था और वो दुनिया की प्रसिद्ध पार्यावरण कार्यकर्ताओं में से एक हैं, जिन्होंने अपने ही देश स्वीडन को प्रदूषण फैलाने का जिम्मेदार ठहराकर केस कर दिया था। उन्होंने सबसे पहले अपने स्कूल के बाहर ही हाथों में तख्ती लेकर प्रदर्शन करना शुरू किया था और फिर वो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गईं। उन्हें 11 दिसंबर 2019 को 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर' से नवाजा गया था और वो दुनिया के बड़े नेताओं की सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ चुप रहने को लेकर आलोचना कर चुकी हैं। ग्रेटा थनबर्ग की मां एक ओपेरा सिंगर हैं, जबकि उनके पिता एक एक्टर हैं।
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