
चीन ने पहली बार रूस को दी चेतावनी, शी जिनपिंग बोले- यूक्रेन में परमाणु बम गिराने की सोचिए भी मत
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को परमाणु हथियारों का इस्तेमाल न करने की चेतावनी जारी दी है। जिनपिंग ने जर्मन चांसलर की यात्रा के दौरान यह बयान दिया है। चीनी राज्य प्रसारक सीसीटीवी द्वारा रिपोर्ट किए गए एक बयान में, शी जिनपिंग पूरी दुनिया से कहा कि, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को परमाणु हथियारों के उपयोग, या उपयोग की धमकी का संयुक्त रूप से विरोध करना चाहिए। बतादें कि इससे पहले कई बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पश्चिमी देशों को धमकियां देते रहे हैं। ऐसे में शी जिनपिंग का रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ दिया गया यह बयान रूस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

शी जिनपिंग ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से की अपील
चीनी राष्ट्रपति ने बीजिंग यात्रा पर पहुंचे जर्मनी के चांसलर आलोफ स्कोल्त्ज से अपील की कि वे रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता का प्रयास करें। जिनपिंग ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए माहौल बनाना चाहिए और हम परमाणु हथियारों के इस्तेमाल या उसकी धमकी देने का विरोध करते हैं। प्रेस वार्ता को संबोधित करने के बाद जर्मन चांसलर स्कोल्ज़ ने ये स्वीकार किया कि उन्होंने शी से कहा कि "चीन के लिए रूस पर अपना प्रभाव डालना महत्वपूर्ण है"।

जर्मन चांसलर बोले- पुतिन का बयान भड़काऊ
जर्मन चांसलर ने कहा कि राष्ट्रपति शी और वह इस बात पर सहमत हैं कि परमाणु धमकी गैरजिम्मेदाराना और तनाव को भड़काने वाला है। उन्होंने कहा कि रूस अगर परमाणु बम का इस्तेमाल करता है तो यह अंतरराष्ट्रीय समुदायों की ओर से मिलकर खींची की गई रेखा को पार करना होगा। द मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक एक जर्मन अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने में मदद करने के लिए रूस के सहयोगी के रूप में चीन के पास "विशेष जिम्मेदारी" थी, ऐसे में चीन ने परमाणु हथियारों के खतरे को कम करने के लिए मास्को पर दबाव डाला है।

जंग में पिछड़ता जा रहा रूस
हाल के महीनों में रूसी सेना यूक्रेन पर पकड़ बनाने में विफल रही है। यूक्रेन लगातार जंग में वापसी करता जा रहा है और उसने पूर्व और दक्षिण के कुछ हिस्सों में रूस को पीछे धकेल दिया है। पुतिन इससे पहले कई बार पश्चिमी देशों को चेतावनी दे चुके हैं। हालांकि उन्होंने कभी भी सीधे परमाणु हथियारों के बारे में खुलकर कुछ नहीं कहा है मगर उनके बयानों का मतलब यही निकाला जाता रहा है। इससे पहले सितंबर में पुतिन ने कहा था कि रूस अपने क्षेत्र को बचाने के लिए देश के हथियारों का विशाल भंडार युद्ध में लगा देगा।

पुतिन ने परमाणु हमले की दी थी चेतावनी
इसके बाद दिए गए एक बयान में पुतिन ने कहा कि वे रूस की रक्षा के लिए वह 'अपने पास उपलब्ध सभी उपायों' का इस्तेमाल करेंगे। पुतिन के इस बयान का मतलब 'परमाणु हथियार' ही माना गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया कि पुतिन मजाक नहीं कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के ऑफिस व्हाइट हाउस ने चेतावनी दी कि अगर पुतिन परमाणु हथियार इस्तेमाल करते हैं तो रूस के लिए इसके भयानक नतीजे होंगे। हालांकि बीते महीने पुतिन ने परमाणु हमले की किसी भी संभावना से इंकार किया। पुतिन ने कहा, 'रूस के लिए यूक्रेन पर परमाणु हथियारों से हमला करना निरर्थक है। हमें इसकी कोई जरूरत नहीं दिख रही है। इसका कोई मतलब नहीं है, न तो राजनीतिक और न ही सैन्य।'

रूस के राष्ट्रपति को चीन की पहली चेतावनी
बतादें कि अब तक चीन, रूस की हर हां में हां मिलाता रहा है। भारत ने भी रूस का खुलकर विरोध नहीं किया है। लेकिन अब चीन द्वारा रूस के खिलाफ दी गई सीधी चेतावनी, राष्ट्रपति पुतिन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इसके साथ विश्लेषक ये भी मान रहे हैं कि शी जिनपिंग, रूस के खिलाफ बयान देकर पश्चिमी देशों को साध रहे हैं। चीन, रूस की मदद से दुनिया पर राज नहीं कर सकता है। अगर चीन को अमेरिका की जगह लेनी है तो उसे यूरोपीय देशों को अपने करीब लाना होगा। हाल ही में जर्मनी ने अपना सबसे बड़ा पोर्ट चीन को बेचा है, यानी कि चीन, यूरोप के लिए अछूत नहीं है। चीनी राष्ट्रपति के इस बयान को विश्लेषक इसी रूप में देख रहे हैं।
इतमार
बेन-ग्विर
कौन
हैं,
जिनकी
चर्चा
इजरायल
में
बेंजामिन
नेतन्याहू
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