Ladakh Standoff: इस बार LAC पर घुसपैठ के बाद खतरे में है चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का भविष्य!
बीजिंग। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव कब खत्म होगा कोई नहीं जानता है। मई माह से जारी टकराव में अब भारत आक्रामक मुद्रा में है। भारत ने हाल ही में उन ऊंची चोटियों पर अपना कब्जा किया है जो चीन के कब्जे में थीं। चीन की सेनाएं हैरान हैं कि आखिर भारतीय जवान कैसे उन रणनीतिक जगहों पर पहुंच सकते हैं। एक अमेरिकी मैगजीन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के शासक राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बार लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) में घुसपैठ करके अपने भविष्य को खतरे में डाल दिया है।
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फेल हो गई है जिनपिंग की डराने की नीति
अमेरिकी मैगजीन न्यूजवीक में 'द चाइनीज आर्मी फ्लॉप्स इन इंडिया' टाइटल के साथ गॉर्डन सी चांग ने एक आर्टिकल लिखा है। इस आर्टिकल में उन्होंने चीनी मिलिट्री को भारत के खिलाफ फ्लॉप करार दे दिया है। उन्होंने लिखा है कि चीन में एक और बड़ा उलटेफेर होने को है। उन्होंने साफतौर पर चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) को असफल करार दिया है। चांग का कहना है कि इससे साफ है कि चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग की किसी को भी डराने की क्षमता कम हो गई है और अब उनकी रणनीतिक कारगर नजर नहीं आ रही है। गॉर्डन जी चांग एक वकील हैं और चीनी मूल के ही हैं। मगर अब वह अमेरिका में रहते हैं। चांग के मुताबिक एलएसी पर घुसपैठ के साथ ही जिनपिंग ने अपने भविष्य को खतरे में डाल दिया है। उन्होंने इस घुसपैठ को पूरी तरह से असफल करार दिया है। चांग ने भारत के खिलाफ इस आक्रामकता के पीछे जिनपिंग के शैतानी दिमाग को जिम्मेदार ठहराया है। लेकिन पीएलए जिस तरह से भारत के खिलाफ फ्लॉप साबित हुई है, उसने जिनपिंग को परेशान कर दिया है। भारतीय सीमा पर चीनी सेना की असफलता के आक्रामक नतीजे भी होंगे।
वियतनाम की तरह ही मुंह की खाएगा चीन
चांग के मुताबिक चीन के आक्रामक मंसूबे फेल हो रहे हैं और जिनपिंग जो कि चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के चेयरमैन भी हैं, वह भारतीय पोस्ट्स के खिलाफ एक और आक्रामक कदम उठा सकते हैं। चांग ने लिखा है चीन ने आखिरी बार कोई युद्ध सन् 1979 में लड़ा था। उस समय उसने वियतनाम को एक सबक सिखाने के मकसद से हमला किया था। उन्होंने लिखा है कि पिछले एक माह में भारत जितना आक्रामक हुआ है, 50 साल पहले कभी नहीं था। भारत ने हाल ही में उन ऊंची चोटियों पर अपना कब्जा किया है जो चीन के कब्जे में थीं। चीन की सेनाएं हैरान हैं कि आखिर भारतीय जवान कैसे उन रणनीतिक जगहों पर पहुंच सकते हैं। चांग के मुताबिक चीन के शासक राष्ट्रपति शी जिनपिंग जानते हैं कि उनके खिलाफ एक बड़ा अभियान छेड़ा जा चुका है। उन्हें इस बात की चिंता है कि उनके दुश्मन इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।