टूना मछली को पकड़ने के लिए चीन ने तोड़े सारे नियम कानून, हिंद महासागर में अवैध फिशिंग कैसे?
हिंद महासागर में चीन के जहाज विशालकाय जालों के साथ टूना का शिकार कर रहे हैं। नॉर्वे की रिपोर्ट ने सनसनी मचा दी है।
नई दिल्ली, दिसंबर 09: हिमालय की पहाड़ी में भारत की चैन छीनने वाले चीन ने हिंद महासागर में भी घुसपैठ करना शुरू कर दिया है और अपनी तय रणनीति के तहत ही चीन ने मछली पकड़ने वाले जहाजों को हिंद महासागर में भेजना शुरू कर दिया है। जिस तरह से चीन जमीनों पर कब्जा करता है, ठीक उसी तरह की प्लानिंह लगता है चीन ने हिंद महासागर में बनानी शुरू कर दी है और नार्वे स्थिति एक जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, चीन ने हिंद महासागर में मछली पकड़ने के लिए जहाजों को भेजना शुरू कर दिया है। (सभी तस्वीर फाइल)
हिंद महासागर में चीनी जहाज
नॉर्वे स्थित वॉचडॉग समूह की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, हिंद महासागर में चीन ने अवैध और अनियमित गतिविधियों को काफी बढ़ा दिया है और पहले से ही हिंद महासागर में चोरी-छिपे मछली पकड़ने वाला चीन अब टूना को पकड़ने के लिए जहाजों को भेजना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, टूना मछलियों का शिकार करने के लिए चायनीज जहाजों ने बड़़े-बड़े शिकारी जालों का इस्तेमाल किया है। नार्वे की निगरानी संस्था की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि, चीन ने समुद्र में जीवों को पकड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का उल्लंघन किया है। नार्वे की निगरानी संस्था 'ट्रिग मैट ट्रैकिंग' ने बुधवार को इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया है।
हिंद महासागर में बढ़ी घुसपैठ
'ट्रिग मैट ट्रैकिंग' ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, साल 2016 के बाद से चीन ने हिंद महासागर में मछलियों को पकड़ने ले लिए 6 गुना ज्यादा जहाजों को भेजना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, ओमान और यमन के तट से दूर समुद्र में नौकायन करने वाले ज्यादातर जहाजों में चीन के झंडे लगे हुए थे, जिसका विदेशी बेड़ा, दुनिया का सबसे बड़ा, दुनिया भर में अवैध, अप्रतिबंधित और अनियमित तरीके से मछलियों को पकड़ने के लिए कुख्यात है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, मछली पकड़ने वाले सभी जहाजों में विशालकाय जाल रखे हुए थे, जिसका इस्तेमाल वर्जित है। क्योंकि, इन विशालकाय जालों में वैसे समुद्री जीव भी फंसकर मर जाते हैं, जिन्हें पकड़ना लक्ष्य नहीं होता है। लेकिन, चीन खुले तौर पर इन बातों को दरकिनार करता है।
टूना मछलियों का शिकार
रिपोर्ट में कहा गया है कि, ड्रोन के जरिए जहाजों में फंसी मछलियों के बीच टूना मछलियों को भी देखा गया है और सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि, इस मौसम में इस इलाके में पाए गये 341 जहाजों में से किसी भी जहाज ने ने अंतर्राष्ट्रीय जल में मछलियों को पकड़ने के लिए ली जाने वाली इजाजत 'हिंद टूना आयोग' या आईओटीसी से टूना मछलियों के शिकार करने की इजाजत नहीं ली थी। टीएमटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, सक्रिय पांच जहाजों को 30 मिट्रिक टन स्किपजैक और येलोफिन के साथ पाकिस्तान के एक बंदरगाह पर बुलाया गया था। आपको बता दें कि, आईओटीसी पिछले कई सालों से हिंद महासागर में टूना मछलियों की आबादी को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जबकि चीन उन मछलियों को मारने में लगा हुआ है।
मछलियों के अवैध शिकार का इतिहास
नार्वे की निगरानी संस्था टीएमटी ने हिंद महासागर में जिन चीनी जहाजों को मछलियों का शिकार करने का जिक्र किया है, उनमें कई जहाज ऐसे हैं, जो पूरी दुनिया के अलग अलग समुद्री हिस्से में मछलियों के अवैध शिकार करने के लिए कुख्यात रहे हैं और रिपोर्ट में कहा गया है कि, अब उन जहाजों को ओमान और यमन की सीमाओं की तरफ जाते हुए देखा गया है, जहां भी उन्हें मछली पकड़ने की इजाजत नहीं है।
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