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पाकिस्तान के साथ सैन्य रिश्ते को और मजबूत करेगा चीन, जानिए भारत के लिए इसके क्या हैं मायने?

पाकिस्तान के आर्मी चीफ का चीन दौरा उस वक्त हो रहा है, जब पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक संकट में फंसा हुआ है और पाकिस्तान में चीनी नागरिकों और संस्थानों पर हमले हो रहे हैं।

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China-Pakistan Military Tie

China-Pakistan Military Tie: पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर इस वक्त चीन के दौरे पर हैं और बीजिंग में उनकी मुलाकात चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के उपाध्यक्ष झांग यूक्सिया से हुई है।

पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख के बीजिंग दौरे को लेकर चीन का कहना है, कि वह पाकिस्तान की सेना के साथ दोनों देशों के आपसी हितों को "और गहरा और विस्तारित" करने के लिए काम करेगा और संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की रक्षा करेगा।

चीनी रक्षा मंत्रालय के बयान में बुधवार को कहा गया है, कि चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के उपाध्यक्ष झांग यूक्सिया ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर के साथ मुलाकात के दौरान यह टिप्पणी की है, जो बीजिंग की अपनी पहली यात्रा पर हैं।

बयान में कहा गया है, कि "यह देखते हुए कि चीन और पाकिस्तान सदाबहार रणनीतिक सहकारी साझेदार और करीबी दोस्त हैं, झांग ने कहा, कि अंतर्राष्ट्रीय स्थिति चाहे कितनी भी बदल जाए, चीन हमेशा अपने पड़ोस की कूटनीति में पाकिस्तान को प्राथमिकता देता रहेगा।"

पाकिस्तान-चीन में बढ़ेगा सैन्य भागीदारी

पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, कि आर्मी चीफ मुनीर का बुधवार को बीजिंग में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी मुख्यालय पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

आईएसपीआर के बयान में कहा गया, कि "पारस्परिक सुरक्षा हितों और सैन्य सहयोग के मामलों पर दोनों के बीच चर्चा की गई। दोनों सैन्य कमांडरों ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने और सेना से सैन्य सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता को दोहराया"।

आईएसपीआर ने कहा, कि मुनीर अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान "दोनों सेनाओं के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों" को बढ़ाने के लिए चीन में सैन्य अधिकारियों के साथ और बैठकें कर रहे हैं।

अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद स्थित विदेश नीति विश्लेषक और पाकिस्तान-चीन संबंधों के करीबी पर्यवेक्षक मुहम्मद फैसल ने, मुनीर की यात्रा को महत्वपूर्ण बताया, क्योंकि उनकी बीजिंग यात्रा पाकिस्तान में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संकट के बीच हो रही है।

China-Pakistan Military Tie

उन्होंने कहा, कि "आर्थिक स्थिरता और क्षेत्रीय सुरक्षा समन्वय के लिए पाकिस्तान की चीन पर निर्भरता वित्तीय चुनौतियों, आतंकवाद के नए खतरे और भारत केंद्रित चुनौतियों के सामने बढ़ी है"।

उन्होंने कहा, कि "पाकिस्तान और चीन का भारत के साथ सीमा विवाद चल रहा है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा है"।

मुनीर के पूर्ववर्ती जनरल कमर जावेद बाजवा ने ने भी पिछले साल नवंबर में अपनी सेवानिवृत्ति से दो महीने पहले चीन का दौरा किया था। उस महीने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी बीजिंग की यात्रा की थी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी।

चीन से आर्थिक मदद की उम्मीद

पाकिस्तान अपने आर्मी चीफ की बीजिंग यात्रा से चीन से कुछ आर्थिक मदद की उम्मीद भी लगाए हुआ है। चीन ने महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना में 60 अरब डॉलर का निवेश किया है और यह पाकिस्तान का प्रमुख आर्थिक और रक्षा साझेदार है।

इसके अलावा, दक्षिण एशियाई देश पाकिस्तान पर करीब 30 अरब डॉलर यानी कुल कर्ज का 23 फीसदी - चीन का बकाया है।

वहीं, इस्लामाबाद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ बेहद जरूरी 1.1 अरब डॉलर ऋण कार्यक्रम को फिर से शुरू करने के लिए संघर्ष कर रहा है और उसने अपने सहयोगियों, मुख्य रूप से चीन से मौजूदा ऋणों को रोल ओवर करने के लिए मदद मांगी है।

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इस्लामाबाद स्थिति विश्लेषक फैसल ने कहा, कि जहां पाकिस्तानी सेना क्षेत्रीय सुरक्षा पर चीन के काम कर रही है, वहीं अर्थव्यवस्था भी दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच बैठकों में केंद्रीय एजेंडे के रूप में चल रही है। उन्होंने अलजजीरा से कहा, कि "यह एक नया विकास है और इशारा करता है, कि चीनी सेना, पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियों को बारीकी से देख रही है।"

उन्होंने कहा, कि जैसा कि चीन आर्थिक रूप से पाकिस्तान की मदद करना जारी रखे हुआ है, पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान में सशस्त्र समूहों द्वारा चीनी नागरिकों और चीनी सुविधाओं पर कई हमले किए गए हैं।

इस महीने की शुरुआत में, उत्तरी पाकिस्तान में एक चीनी कंपनी द्वारा बनाए जा रहे जलविद्युत संयंत्र में काम करने वाले एक चीनी नागरिक पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था, जो मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में एक संवेदनशील मुद्दा है। चीनी नागरिग फिलहाल दो हफ्ते की न्यायिक हिरासत में है, जो 2 मई को खत्म हो रहा है।

दो साल पहले, उसी जलविद्युत परियोजना में काम करने वाले नौ चीनी नागरिकों सहित 13 लोग पाकिस्तान तालिबान द्वारा किए गए एक हमले में मारे गए थे, जिसे टीटीपी के संक्षिप्त नाम से जाना जाता है।

पिछले साल अप्रैल में, पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में एक विश्वविद्यालय में आत्मघाती हमले में तीन चीनी शिक्षकों और उनके पाकिस्तानी ड्राइवर की मौत हो गई थी। दक्षिण पश्चिम में एक अलग बलूचिस्तान के लिए लड़ रहे एक बलूच विद्रोही समूह ने हमले का दावा किया था।

चीनी अधिकारियों ने देश में बढ़ती हिंसा के बीच बार-बार अपने नागरिकों की सुरक्षा की मांग की है।

उन्होंने कहा, कि "बीजिंग के लिए, पाकिस्तान में हिंसक घटनाओं में हो रहे इजाफे के बीच, अपने नागरिकों की सुरक्षा और सुरक्षा सर्वोच्च चिंता बनी हुई है। इस पर सेना प्रमुख के आश्वासन को गंभीरता से लिया जाएगा"।

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English summary
Pakistan's Army Chief General Asim Munir is on a visit to Beijing. Know, what has been said on its military relations with China and Pakistan?
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