ट्रंप-किम समिट के बाद चीन ने नॉर्थ कोरिया पर प्रतिबंध हटाने के लिए कहा
बीजिंग। सिंगापुर मे डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच मुलाकात खत्म हो चुकी है। अमेरिका और नॉर्थ कोरिया ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर पर अपनी पुरानी दुश्मनी को भुलाते हुए शांति और स्थिरता लिए एक-दूसरे प्रतिबद्धता जताई है। सिंगापुर समिट के तुरंत बाद किम जोंग उन के सबसे करीबी चीन ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नॉर्थ कोरिया के खिलाफ लगे प्रतिबंधों को हटाने या उन पर ढ़िलाई बरतने का सुझाव दिया है। सिंगापुर समिट में नॉर्थ कोरिया ने परमाणु निरस्त्रीकरण पर प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
चीन शुरू से ही नॉर्थ कोरिया का आर्थिक और रणनीतिक सहयोगी रहा है। ट्रंप और किम वार्ता के बाद के चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुहांग ने कहा कि चीन ने हमेशा से ही नॉर्थ कोरिया के खिलाफ यूएन के प्रस्तावों का समर्थन किया है। पिछले साल चीन ने यूएन के प्रस्ताव पर अपने पड़ोसी देश नॉर्थ कोरिया के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंधों पर हस्ताक्षर किए थे।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'यूएन सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को पारित करते वक्त कहा गया था कि अगर नॉर्थ कोरिया संकल्पों का सम्मान करते हुए काम करता है, तो प्रतिबंधों को रोका और हठाया जा सकता है।' गेंग ने कहा कि चीन शुरू से ही कहता आया है कि प्रतिबंध लगाना सही नहीं है। सुरक्षा परिषद को इस समस्या का समाधान के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक कोशिशों के जरिए मसलों को सुलझाना चाहिए।
चीन के लिए नॉर्थ कोरिया एक बड़ा व्यापारिक देश होने के साथ-साथ कूटनीतिक लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। चीन नहीं चाहता कि उनके पड़ोसी मुल्क में किसी भी प्रकार का तनाव पैदा हो, जिससे लोगों को उनके देश में पलायन होने के लिए मजबूर होना पड़े।