चीन ने कतर के साथ विश्व इतिहास का सबसे बड़ा सौदा किया, हमेशा के लिए खत्म किया गैस संकट!
कतर पहले से ही दुनिया का शीर्ष एलएनजी निर्यातक है, और इसकी नॉर्थ फील्ड एक्सपेंशन प्रोजेक्ट उसकी स्थिति को और भी ज्यादा मजबूत करेगी।
China Qatar LNG deal: चीन ने कतर के साथ गैस समझौता कर रूस को सबसे बड़ा सिरदर्द दे दिया है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, कतर एनर्जी ने चीन के सिनोपेक के साथ 27 सालों के लिए एनर्जी डील पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत कतर की कंपनी आने वाले 27 सालों तक चीन को लिक्विफाइड नेचुरल गैस यानि LNG की आपूर्ति करेगा। चीन ने कतर के साथ 27 सालों के लिए ये समझौता कर अपनी ऊर्जा समस्याओं को खत्म करने की दिशा में बहुत बड़ा कदम उठाया है और एनर्जी सिक्योरिटी की दिशा में चीन का ये समझौता अभी तक का सबसे लंबी अवधि का समझौता है।
कतर और चीन में गैस एग्रीमेंट
फरवरी में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से एलएनजी के लिए मारामारी काफी तेज हो गई है और कई यूरोपीय देशों में ऊर्जा संकट का खतरा मंडरा रहा है। जर्मनी जैसे देशों मे आर्थिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं और अगर यूरोप को ऊर्जा संकट से खुद को बचाना है, तो उसे कम से कम अपने आयात का 40 प्रतिशत एलएनजी गैस का विकल्प किसी दूसरे देश से खोजना होगा, क्योंकि यूरोपीय देश अपनी जरूरत का 40 प्रतिशत से ज्यादा गैस रूस से खरीदते हैं।
कतर के लिए बहुत बड़ा सौदा
वहीं, कतरएनर्जी के प्रमुख साद अल-काबी ने सिनोपेक सौदे पर हस्ताक्षर करने से कुछ समय पहले समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि, एलएनजी खरीदने की इच्छुक यूरोपीय कंपनियों को यह देखने की जरूरत है, कि एशियाई खरीदार अपनी बातचीत कैसे कर रहे हैं और लंबी अवधि के लिए सौदा करने के लिए किस तरह से आगे बढ़ रहे हैं। अल-काबी ने कहा कि, "नॉर्थ फील्ड ईस्ट प्रोजेक्ट के लिए फर्स्ट सेल्स एंड परचेज एग्रीमेंट (एसपीए) के तहत ये महत्वपूर्ण समझौता किया गया है, जिसके तहत आने वाले 27 सालों तक चीन के सिनोपेक को 100 मिलियन टन गैस की सप्लाई की जाएगी और ये समझौता दोनों देशों के बीच मील का पत्थर है।"
2050 तक के लिए समझौता
चीन के साथ हुए इस समझौते को लेकर अल-काबी काफी उत्साहित हैं और उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा कि, "चीन के साथ हुआ ये एग्रीमेंट ये साबित करता है, कि लंबी अवधि के लिए सौदा किया जा सकता है और इसके लिए विक्रेता और खरीददार दोनों यहां मौजूद हैं।" उन्होंने कहा कि, "यह सौदा एलएनजी क्षेत्र की सबसे बड़ी एकल बिक्री और रिकॉर्ड पर खरीद समझौता है।" आपको बता दें कि, नॉर्थ फील्ड दुनिया के सबसे बड़े गैस क्षेत्र का हिस्सा है, जिसे कतर ईरान के साथ साझा करता है, और कतर अपने हिस्से के फील्ड को साउथ पारस कहता है। कतरएनर्जी ने इस साल की शुरुआत में नॉर्थ फील्ड ईस्ट (एनएफई) के लिए पांच एग्रीमेंट्स पर हस्ताक्षर किए हैं, जो दो चरण के नॉर्थ फील्ड विस्तार योजना का पहला और बड़ा सौदा है, जिसमें छह एलएनजी ट्रेनें शामिल हैं, जो कतर की गैस उत्पादन क्षमता को साल 2027 तक प्रति वर्ष 77 मिलियन टन से 126 मिलियन टन तक बढ़ा देंगी। वहीं, कतर ने इसने बाद में विस्तार के दूसरे चरण में नॉर्थ फील्ड साउथ (एनएफएस) के लिए तीन पार्टनर्स के साथ एग्रीमेंट्स पर हस्ताक्षर किए।
और खरीददारों के साथ हो रही बातचीत
अल-काबी ने कहा कि, चीन और यूरोप के अन्य खरीदारों के साथ बातचीत चल रही है जो आपूर्ति सुरक्षा चाहते हैं। आपको बता दें कि, कतर पहले से ही दुनिया का शीर्ष एलएनजी निर्यातक है, और इसकी नॉर्थ फील्ड एक्सपेंशन प्रोजेक्ट उसकी स्थिति को और भी ज्यादा मजबूत करेगी और यूरोप को गैस की दीर्घकालिक आपूर्ति की गारंटी देने में मदद करेगी। यूरोप पहले से ही रूसी गैस आपूर्ति से पीछा छुड़ाने के लिए विकल्प की तलाश कर रहा है। अल-काबी ने कहा कि, "हाल की अस्थिरता ने खरीदारों को लंबी अवधि की आपूर्ति के महत्व को समझने के लिए प्रेरित किया है, जिससे लंबी अवधि के लिए उचित कीमत पर गैस की आपूर्ति के महत्व को दर्शाता है।