अमेरिकी विदेश मंत्री के दलाई लामा के प्रतिनिधियों से मुलाकात पर भड़का चीन, बताया-निजी मसलों में दखल
नई दिल्ली, जुलाई 29: भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को नई दिल्ली में तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है। बीजिंग ने गुरुवार को तिब्बती नेता दलाई लामा के प्रतिनिधि से मुलाकात के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की आलोचना की है। चीन ने कहा कि, इसने तिब्बत को चीन के हिस्से के रूप में मान्यता देने की वाशिंगटन की प्रतिबद्धता का उल्लंघन किया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को ही गोदुप दोंगचुंग से मुलाकात की थी, जो सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन के प्रतिनिधि हैं। इसे तिब्बत की निर्वासित सरकार भी कहा जाता है। दोंगचुंग ने दलाई लामा की ओर से भेजे गए स्कार्फ को ब्लिंकन को भेंट किया था। चीनी प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका, चीन के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए तिब्बत का इस्तेमाल करना और चीनी विरोधी लगाववादी ताकतों का समर्थन बंद करे।
2016 में वाशिंगटन में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा से दलाई लामा की मुलाकात के बाद से ब्लिंकन की नोगोडुप डोंगचुंग के साथ बैठक को महत्वपूर्ण के रूप में देखा जा रहा है। इस मीटिंग को लेकर चीन ने तीखे तेवर अपना लिए हैं। चीन ने कहा है कि अमेरिका की यह हरकत हमारे आंतरिक मामलों में दखल देने के जैसा है। अमेरिका ने नोगोडुप डोंगचुंग से भेंट कर चीन के लिए यह स्पष्ट संकेत है कि बाइडन प्रशासन तिब्बत मुद्दे का समर्थन जारी रखेगा। बैठक में डोंगचुंग ने अमेरिका द्वारा तिब्बत आंदोलन का समर्थन जारी रखने के लिए ब्लिंकन को धन्यवाद दिया है।
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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि तिब्बत का मामला पूरी तरह से चीन का निजी मसला है। इसमें किसी भी बाहरी ताकत का दखल स्वीकार नहीं किया जा सकता। 14वें दलाई लामा धार्मिक हस्ती नहीं है बल्कि एक राजनीतिक व्यक्ति हैं, जिन्होंने दूसरे देश में शरण ली है। वह लंबे समय से चीन के खिलाफ अलगाववादी गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं। वह तिब्बत को चीन से अलग करने के लिए काम कर रहे हैं। झाओ लिजियान ने कहा कि चीन किसी भी देश की ओर से दलाई लामा से संपर्क किए जाने की कड़ी निंदा करता है।