वाशिंगटन पोस्ट का चीन पर हड़कंप मचाने वाला दावा, भारत को मिला है धोखा, कैलाश रेंज पर कब्जा करेगा ड्रैगन
वाशिंगटन: भले ही भारत और चीन के बीच एलएसी पर अभी तनाव थम गया हो और दोनों देशों की सेना पीछे हट गई हो लेकिन चीन का मकसद भारत को धोखा देना है और इस साल के अंत तक चीन की सेना फिर से वापस आएगी और इस बार एलएसी की स्थिति को पूरी तरह से बदलना चीन का मकसद होगा। चीन इस बार पूरी तरह आक्रामक होते हुए भारत के कैलाश रेंज पर कब्जा करने की नीयत से वापस आएगी। ये खुलासा किया है अमेरिकन अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने। जिसमें कहा गया है कि चीन ने एलएसी से हटने का बड़ा नाटक किया है, जिसका मकसद भारत को धोखा देना है।

चीन ने दिया भारत को धोखा
अमेरिकी अखबार ने चीन को लेकर बड़ा दावा किया है। और अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट का ये दावा अगर सही है तो पता चलता है कि चीन ने भारत को बहुत बड़ा धोखा दे दिया है। अमेरिकी अखबार के मुताबिक चीन इस साल मई में यानि मई 2021 में लाइन ऑफ एक्च्वल कंट्रोल को पूरी तरह से बदल देगा जब भारतीय सेना मई 2021 में एलएसी पर उन जगहों पर पेट्रोलिंग नहीं कर पाएगी जहां अब तक करती आ रही थी।

चीन ने बदला एलएसी
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत और चीन के बीच हुई लेटेस्ट डिसइंगेजमेंट बातचीत शांति वार्ता का बस एक पक्ष है। वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि इस एग्रीमेंट के तहत चीन की सेना को फिंगर-8 से नॉर्थ बैंक तक हटना होगा वहीं इंडियन आर्मी को अपने स्थायी बेसकैंप धनसिंह थापा पोस्ट तक लौटना होगा जो फिंगर-3 के पास है। लेकिन, ये एग्रीमेंट चीन की एक साजिश मात्र है। इस एग्रीमेंट के तहत दोनों देशों की सेना ने जो भी निर्माण कार्य अप्रैल 2020 में किए थे उन्हें हटाने को लेकर सहमति बनी थी और पहले की स्थिति को फिर से बहाल करना था।

चीन का विश्वासघात
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने इस एग्रीमेंट के जरिए असल में भारत के साथ विश्वासघात किया है और चीन इस एग्रीमेंट को पूरी ढिठाई के साथ तोड़ने वाला है। वाशिंगटन पोस्ट में ये दावा जियानली यांग ने किया है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 से 2019 के बीच में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 18 बार मुलाकात हुई है। जिसमें दोनों नेताएं ने 2 समिट में भी हिस्सा लिया था। लेकिन, सिर्फ 7 महीने के बाद चीन की सेना पीएलए ने भारत के क्षेत्र में घुसने की हिमाकत की। चीन इससे पहले भी 1986, 2013, 2014 और 2017 में भारतीय जमीन पर घुसपैठ कर चुका है। रिपोर्ट में चीन की नीयत पर सवाल उठाते हुए पूछा गया है कि क्या चीन वास्तव में एलएसी को मान रहा है या फिर चीन का मकसद फिर से अपनी सेना को घुसपैठ करने के लिए शह देना है।

चीन की नीयत पर सवाल
वाशिंगटन पोस्ट ने चीन की नीयत को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने एलएसी पर भारत के अरूणाचल प्रदेश में एक गांव का निर्माण कर लिया है। जो इस साल जनवरी में भारत के लिए गरम मुद्दा बन गया था। कई राउंड की बातचीत और विवाद के बाद भी, जब एलएलसी पर डिसइंगेजमेंट को लेकर दोनों देशों के बीच बात बन भी गई, फिर भी चीन ने अरूणाचल प्रदेश की सीमा पर बनाए गये गांव को हटाने से इनकार कर दिया। और चीने के द्वारा गांव बनाने का विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है।

चीन की नीयत में खोट
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन एक तरफ कह रहा है कि भारत के साथ एलएसी पर विवाद को शांत करने में बड़ी सफलता मिली है लेकिन दूसरी तरफ चीन की नीयत का पता इस बात से चलता है जब चीन ने धरती से आसमान में मार करने वाली मिसाइल की तैनाती एलएसी पर कर दी है। जिसके सीधे निशाने पर माउंड कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील है। इससे पता चलता है कि चीन की नीयत में बड़ा खोट है। इतना ही नहीं, चीन के इस मिसाइल बेस पर 2200 किलोमीटर तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल की भी तैनाती की गई है। इस मिसाइल रेंज की सीधी पकड़ में भारत के कई इलाके आ रहे हैं। जैसे ब्रह्मपुत्र नदी का इलाका, सतलब, इंडस नदी और करनाली नदी, जो सीधे सीधे भारत के लिए बड़ा खतरा है।

चीन का फ्यूचर प्लान
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में चीन के फ्यूचर प्लान को लेकर सनसनीखेज खुलासे किए गये हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के पास निश्चित तौर पर फ्यूचर प्लान्स हैं और वो अपने प्लान के तहत ही आगे बढ़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन इस साल अंत कर कैलास रेंज से इंडियन आर्मी को हटा देना चाहता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन भारत के साथ डिसइंगमेंट का नाटक कर रहा है जबकि चीन का असल मकसद कैलास रेंज से इंडियन आर्मी को हटाना है। डिसइंगजमेंट एग्रीमेंट के जरिए चीन सिर्फ कुछ महत्वहीन जगहों से अपनी सेना को हटा रहा है जबकि चीन का असल मकसद भारतीय सेना को डिसइंगेजमेंट की आड़ में कैलास रेंज से हटाना है।

चीन पर चुटकी भर नमक भरोसा
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में भारत को सावधान करते हुए लिखा गया है कि भारत चीन के खतरे को नजरअंदाज करने की गलती किसी भी हाल में नहीं कर सकता है। और भारत इससे भी इनकार नहीं कर सकता है कि इस बार ठंढ के मौसम में चीन की सेना फिर से मिलिट्री एक्शन चलाने वाली है। और जैसे ही भारतीय सेना कैलाश रेंज से हटेगी, चीन उसपर कब्जा कर लेगा। इस रिपोर्ट के जरिए भारत को सावधान करते हुए लिखा गया है कि भारत को इस डिसिंगेजमेंट सिर्फ चुटकी भर नमक के तौर पर लेना चाहिए। क्योंकि सवाल ये उठता है कि चीन एलएएसी पर किए गये निर्माण कार्य को डिसइंगेजमेंट प्रोसेस के तहत किस तरह से हटाने की प्लानिंग कर रहा है, क्या चीन वास्तव में पूरी तरह से अपने निर्माण कार्य को हटा लेगा? रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने एलएसी पर जो हथियार तैनात रखे हैं, उसका इस्तेमाल वो आने वाले वक्त में घुसपैठ करने के लिए करने वाला है।