चीन के विदेश मंत्री ने बताई वजह क्यों मौलाना मसूद अजहर को आतंकी घोषित नहीं किया जा सकता
न्यूयॉर्क। चीन के विदेश मंत्री वांग वाई ने अपनी सरकार के उस फैसले का बचाव किया है जिसके तहत जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने वाले भारत के प्रस्ताव में बाधा डाली जा रही है। वांग वाई ने इसके पीछे तर्क दिया है कि इस मुद्दे पर यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) के सदस्यों के बीच रजामंदी नहीं बन पा रही है। उनका कहना है कि यहां तक मामले से संबधित दोनों पार्टियां भी इसे लेकर आम सहमति नहीं बना पा रही है। मसूद अजहर भारत में कई खतरनाक आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है जिसमें जनवरी 2016 में पठानकोट में हुआ आतंकी हमला और सितंबर 2016 में उरी आर्मी कैंप पर हुआ आतंकी हमला भी शामिल है।
भारत के खिलाफ लेकिन पाकिस्तान की तारीफ
वीटो पावर वाले चीन की ओर से बार-बार भारत के प्रस्ताव को ब्लॉक कर दिया जा रहा है जिसमें मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने की मांग की जा रही है। भारत के इस कदम को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का समर्थन हासिल है। ये देश भी चाहते हैं कि अजहर को सिक्योरिटी काउंसिल के उन्हीं प्रतिबंधों के तहत आतंकी घोषित किया जाए जिसके तहत अल कायदो को प्रतिबंधित किया गया था। जैश को पहले ही यूएन की प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की लिस्ट में शामिल है। वांग ने कहा, 'अगर सभी पक्ष एक आम सहमति पर पहुंचते हैं तो चीन भी इसका समर्थन करेगा लेकिन जब वही पक्ष जो इस मसले से सीधे तौर पर जुड़े हैं जैसे भारत और पाकिस्तान, वही आगे नहीं आ रहे हैं। इन दोनों पार्टियों का निष्कर्ष एक जैसा नहीं है।'
वांग ने यह बात उस समय कही जब उनसे अमेरिकी थिंक टैंक, काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मसूद अजहर पर सवाल पूछा गया था। वांग इस समय न्यूयॉर्क में हैं और वे यहां पर यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) के 73वें सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। उन्होंने तर्क दिया कि आतंकियों को सुबूतों के आधार पर लिस्ट में डालना चाहिए। उनकी मानें तो मसूद अजहर के खिलाफ र्प्याप्त सुबूत नहीं हैं। वांग ने यहां पर आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में पाकिस्तान की भी तारीफ की।