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Winter Solstice: लंबी रातें...जल्दी अंधेरा होने की वजह, क्यों गिरता है पृथ्वी का तापमान? सब जानते थे पूर्वज

लंबी सर्द रातों में स्वास्थ्य के जोखिम का अंदाजा सिर्फ उन्हीं को होता है जो देर रात बाहर निकलते हैं। लेकिन हमारे पूर्वज इसे पहले ही भांप लेते थे।

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Winter Solstice

Winter Solstice: सौर मंडल के कुछ 8 ग्रहों में से पृथ्वी भी एक है। जो अपनी धुरी पर घूमते हुए सूर्य के चक्कर लगाती है। हमारे ग्रह पर मौसम परिवर्तन का यही प्रमुख कारण है। दिन, रात, सुबह, शाम दोपहर होने की वजह यही है। ये बातें अब तक के खगोलीय अध्ययन के अनुसार कही जाती हैं। लेकिन क्या हजारों लाखों वर्ष पहले भी हमारे पूर्व इस बात को जानते थे? आइए जानते हैं कि ये सवाल ही क्यों उठा और इसका जवाब क्या है?

दिन और रात की वजह

दिन और रात की वजह

सौर मंडल में सूर्य को स्थिर माना गया है। आठों ग्रह सूर्य के चक्कर लगाते हैं। उनमें से पृथ्वी भी एक है। पृथ्वी सालभर में सूर्य का एक चक्कर पूरा के दौरान अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक बार पूरा घूम जाती है। सर्दी, गर्मी, बरसात जैसे मौसम के परिवर्तन पृथ्वी के गतिमान होने की वजह से होते हैं। सूर्य की परिक्रमा के दौरान चूंकि पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक राउंड घूमती है, ऐसे में जो सिरा जितनी देर के लिए सामने पड़ता है वहां दिन वैसा ही प्रहर होता है। वहीं पृथ्वी के जिस भाग पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ती वहां रात होती है।

बदलती है सूर्य की ऊंचाई

बदलती है सूर्य की ऊंचाई

बुधवार को साल 2022 की शीतकाली शाम 4:48 बजे से शुरू हो चुकी है। बता दें कि संक्रांति वर्ष में दो बार आती है। उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म संक्रांति जून में आती है। शीतकालीन संक्रांति से मतलब सूर्य का पृथ्वी के दक्षिणायन में जाना होता है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार ये स्थिति पूरे साल आकाश में सूर्य की बदलती ऊंचाई और पृथ्वी के झुकाव के कारण होती है। 21 दिसंबर शीतकालीन संक्रांति के बाद से उत्तरी गोलार्ध में दिन की रोशनी बढ़ने लगेगी और दिन लंबे हो जाएंगे।

शीतकालीन संक्रांति

शीतकालीन संक्रांति

21 दिसंबर को शीतकालीन संक्रांति माना जाता है। इस दिन पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे छोटा दिन और रात सबसे लंबी होती है। ठीक इसी दिन से भूमध्य रेखा के दक्षिण में गर्मियों की शुरुआत हो जाती है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार शीकालीन संक्रांति (Winter Solstice) के समय पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूसरी सबसे अधिक होती है।

गर्मियों में लंबा दिन

गर्मियों में लंबा दिन

सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा के तल की तुलना में पृथ्वी का झुकाव होता अधिक है। पृथ्वी का तापमान उत्तरी गोलार्ध में सबसे अधिक होता है। इसका कारण ये है कि इस समय पृथ्वी की सूर्य से दूरी कम हो जाती है। नासा के अनुसार उस वक्त दक्षिणी गोलार्ध में सबसे अधिक सीधी धूप का अनुभव होता है। जिसके कारण सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होती है।

पूर्वज जानते थे संक्रांति का कारण

पूर्वज जानते थे संक्रांति का कारण


संक्रांति के बारे में जानकारी पहले से है। ऐसा कहा जाता है कि लाखों वर्ष पहले हमारे पूर्वजों को इसका ज्ञान था। उन्हें संक्रांति का ठीक समय भी पता था। अगर हम प्राचीन संस्कृतियों का अध्ययन करें तो ये बात साफ हो जाती है। प्राचीन स्मारकों से पता चला है कि हमारे पूर्वज आकाशीय घटना के बारे में जानते थे। बता दें कि पृथ्वी पर सूर्य कि किरणों की तीव्रता में बदलाव और इसकी गति की भविष्यवाणी करने के लिए इंग्लैंड में स्टोनहेंज और पेरू के माचू पिच्चू में टॉरियन जैसे स्मारकों का निर्माण किया था। इससे पता चलता है कि इस काल से पू्र्व हमारे पूर्वजों को भी संक्रांति के बदलाव की जानकारी होती रही होगी।

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English summary
Celestial Phenomena Winter Solstice ancestors known to Shortest day longest nights
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