कैपिटल हिल हिंसा: उन पुलिसवालों की दास्तां जिन्होंने जान की बाज़ी लगा दी
छह जनवरी के दिन ट्रंप समर्थकों ने चुनाव नतीजों के विरोध में अमेरिकी संसद की इमारत पर हमला कर दिया था.
पिछले हफ्ते अमेरिका के कैपिटल हिल में हुई हिंसा की घटना में जिन पुलिस वालों को ट्रंप समर्थकों का निशाना बनना पड़ा, उन्होंने उस दिन के बारे में बताया है. पुलिस को उस दिन हथियारबंद दंगाइयों का सामना करना पड़ा था. अमेरिकी मीडिया को दिए इन पुलिस वालों के इंटरव्यू से हमने जो कुछ जाना है, उसे यहाँ पेश कर रहे हैं.
सादे कपड़े पहनने वाले नार्कोटिक्स विभाग के जासूस 40 साल के माइकल फैनोन को उस दिन वर्दी पहनने को कहा गया और कैपिटल हिल के पश्चिम की तरफ के टैरेस पर जाने को कहा गया. वहाँ उन्होंने भीड़ को नियंत्रित किया. ये भीड़ पुलिस वालों पर जलन पैदा करने वाले रासायनिक पदार्थों का छिड़काव कर रही थी.
माइकल ने वाशिंगटन पोस्ट से बातचीत में कहा, "हम कोई 50-60 दंगाइयों से नहीं निपट रहे थे, बल्कि हम 15,000 लोगों से लड़ रहे थे. ये कोई मध्ययुगीन युद्ध जैसा नज़ारा था."
जब उन्हें हेलमेट से पकड़ कर सीढ़ियों से नीचे गिरा दिया गया तब भीड़ उन पर टूट पड़ी. वो उनके कान में लगे रेडियो और बैज को खींचते हुए 'अमेरिका, अमेरिका' चिल्ला रहे थे.
माइकल ने बताया कि उन्होंने भीड़ को कहते सुना, "हमने एक को पकड़ लिया है! हमने एक को पकड़ लिया है! उसे उसी की बंदूक से मार दो!"
माइकल ने सीएनएन को बताया कि भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने उन्हें तब बचाया जब उन्होंने चिल्लाना शुरू किया कि उनके बच्चे हैं और वो चार बच्चों के पिता हैं. उन्हें मामूली चोटे आई थीं लेकिन बाद में अस्पताल जाने के बाद पता चला कि उन्हें इस दौरान हल्का हार्ट अटैक आया था.
भीड़ ने कहा - 'देशद्रोही हो'
कोलंबिया के मेट्रोपॉलिटन पुलिस डिपार्टमेंट (एमपीडी) के एक दूसरे अधिकारी 32 साल के डैनियल हॉग हिंसा शुरू होने से कई घंटे पहले से ड्यूटी पर तैनात थे. उन्होंने एबीसी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि, "हम अपनी ज़िंदगी बचाने के लिए जूझ रहे थे."
एक वायरल वीडियो में हॉग कांच के एक शिल्ड के बीच में फंसे दिख रहे हैं जिसमें एक तरफ पुलिस अधिकारी हैं तो दूसरी तरफ ग़ुस्साए लोगों की भीड़. दंगाइयों ने उनके गैस मास्क को नोच कर फेंक दिया था और उन्हें उनके ही डंडे से मार रहे थे. एक दंगाई ने तो उनकी आंखें फोड़ने तक की कोशिश की.
हॉग बताते हैं, "उस दिन तीन बार ऐसा मुझे लगा कि अब मेरा अंत आ गया."
आंसू गैस में फंसे हॉग वीडियो में सांस लेने के लिए तड़पते हुए दिख रहे हैं और मदद के लिए पुकार रहे हैं. आखिरकार पुलिस वाले उन्हें वहां से निकालने में कामयाब रहे.
हॉग ने रेडियो स्टेशन डब्लूएएमयू से कहा, "हर कोई उस भीड़ में मुझ पर चिल्ला रहा था और कह रहा था तुम ऐसा क्यों कर रहे हो. तुम देशद्रोही हो."
अपनी ज़िंदगी को लेकर भयभीत होने के बावजूद उन्होंने भीड़ पर गोली नहीं चलाने का फ़ैसला लिया. वो कहते हैं, "हम देशद्रोही नहीं हैं. हम उनमें से हैं जिन्होंने उस दिन संसद को बचाया. हम जब भी ज़रूरत होगी ऐसा बार-बार करेंगे."
हॉग ने वाशिंगटन पोस्ट से कहा, "मैं ऐसा शख्स नहीं बनना चाहता था, जिसने गोलीबारी की शुरुआत की. मैं जानता था कि उनके पास भी बंदूकें हैं. हम सारा दिन बंदूक जब्त करते रहे."
एमपीडी के कमांडर रॉबर्ट ग्लोवर ने स्थानीय समयानुसार दोपहर 1:50 बजे दंगे भड़कने की घोषणा की. यह ट्रंप के व्हाइट हाउस में दिए उस भाषण के दो घंटे बाद हुआ जिसमें उन्होंने अपने समर्थकों से कैपिटल हिल की ओर बढ़ने को कहा था.
रॉबर्ट ने अपने अफसरों से तत्काल इनॉगुरेशन के लिए लगाई गई तख्तियों को हटाने का आदेश दिया ताकि भीड़ को रोका जा सके. रॉबर्ट ने वाशिंगटन पोस्ट से कहा कि कुछ दंगाई इसकी वजह से पकड़े गए लेकिन कुछ 'फ़ौजी तरीक़े' से आगे बढ़ रहे थे मानो उन्होंने इसके लिए तैयारी कर रखी हो. रॉबर्ट का कहना है कि वे लोग इशारों से एक-दूसरे को मदद पहुँचाने की तरकीब का इस्तेमाल कर रहे थे.
वर्जीनिया, मैरीलैंड और टेक्सस से सेना के कई वरिष्ठ अधिकारियों और ड्यूटी पर तैनात नहीं रहे पुलिस अधिकारियों को दंगे में भाग लेने की वजह से या तो निलंबित किया गया है या फिर उन्हें गिरफ़्तार किया गया है.
दिलेरी और बहादुरी से सामना
एमपीडी की 32 साल की अफसर क्रिस्टीना लौरी उन कुछ चंद पुलिस अधिकारियों में से थीं जो घटनास्थल पर सबसे पहले पहुँची थीं. जब वो कैपिटल हिल पहुँचीं तब तक पुलिस के जवानों पर दंगाइयों ने बुरी तरह हमला बोल दिया था और वो कैपिटल बिल्डिंग में घुसने की कोशिश कर रहे थे.
वो बताती हैं, "उनके पास भालू को मारने वाले वो डंडे थे. मुझे उस दिन कई बार उससे मारा गया था. इससे मेरी आंखे बंद हो जाती थीं और मैं सिर्फ पुलिस वालों को नीचे बैठकर पानी से बचते हुए देख पा रही थी. वे अफसर अपनी आंखे दोबारा खोलकर देखने की कोशिश कर रहे थे."
"मैंने उस दिन उन जवानों की दिलेरी और बहादुरी देखी थी. वे जैसे ही अपनी आंखें खोल पाने में कामयाब हो रहे थे वैसे ही वे वापस से उस भीड़ को अंदर आने से रोकने की कोशिश में लग जाते थे."
एक और अफसर हैं जिनकी हीरो की तरह वाहवाही की जा रही है, उन्होंने अब तक अपने अनुभवों के बारे में नहीं बताया था. ये हैं यूजीन गुडमैन. वे कैपिटल हिल पुलिस फोर्स के 100 सदस्यों में से एक हैं.
अफ्रीकी-अमेरिकी गुडमैन इराक़ युद्ध में हिस्सा ले चुके हैं. उन्हें अकेले भीड़ को तितर-बितर करते हुए देखा गया. इससे सांसदों को अपने चैम्बर खाली कर सुरक्षित निकलने का मौक़ा मिल पाया.
गुरुवार को सभी दलों के सांसदों के एक दल ने अमेरिकी लोकतंत्र को बचाने में उनकी दिलेरी के लिए उन्हें कॉन्ग्रेसनल गोल्ड मेडल देने का प्रस्ताव रखा है.
पुलिस को लेकर आलोचना
हालांकि कैपिटल हिल की पुलिस को उनकी तैयारी और प्रतिक्रिया को लेकर आलोचना झेलनी पड़ रही है.
कैपिटल हिल पुलिस चीफ़ और हाउस और सीनेट के सार्जेंट-एट-आर्म्स समेत कैपिटल हिल की सुरक्षा में लगे कई अधिकारियों ने इस घटना को लेकर इस्तीफ़ा दे दिया है. सासंदों ने उन पर भीड़ से निपटने की पर्याप्त तैयारी नहीं करने का आरोप लगाया है.
शुक्रवार को संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने घोषणा की है कि जनरल रसेल हॉनर तत्काल कैपिटल हिल की सुरक्षा बंदोबस्त का जायज़ा लेंगे.
एक वीडियो फुटेज में एक पुलिस वाले को कैपिटल हिल के अंदर एक दंगाई के साथ सेल्फ़ी लेते हुए भी देखा गया.
कुछ पुलिस अधिकारियों को कथित तौर पर दंगाइयों को डेमोक्रेटिक सांसदों के दफ्तर का रास्ता दिखाते हुए भी देखा गया.
कैपिटल हिल के कई पुलिस अधिकारियों को कथित तौर पर नियमों के अवहेलना करने पर निलंबित भी किया गया है. एजेंसी इस मामलों में आंतरिक जांच भी कर रही है.