US: कैलिफोर्निया में जातिगत भेदभाव के खिलाफ सीनेट पैनल ने पास किया बिल, जानें कानून बनेगा तो क्या होगा?
कैलिफोर्निया से पहले इस साल फरवरी में सिएटल जातिगत भेदभाव को खत्म करने वाला पहला अमेरिकी शहर बन गया था।
California Passes caste discrimination Bill: भारतीय-अमेरिकी व्यापार और मंदिर संगठनों के कड़े विरोध के बीच कैलिफोर्निया में जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक पास कर दिया गया है।
कैलिफोर्निया राज्य की सीनेट न्यायपालिका समिति ने सर्वसम्मति से जातिगत भेदभाव को रोकने वाले इस बिल को पास कर दिया है, जिसके बाद अब इस बिल के सीनेट में जाने का रास्ता साफ हो गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कैलिफोर्निया सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी ने मंगलवार को सर्वसम्मति से जाति-विरोधी भेदभाव बिल को सीनेट के पास ले जाने के लिए 'हां' के पक्ष में वोट दिया है और यह पहली बार है, जब किसी अमेरिकी राज्य विधायिका, जाति पर कानून बनाने पर विचार करेगी।
यदि अब कैलिफोर्निया सीनेट में भी ये बिल पारित हो जाता है, तो ये कानून अमेरिका के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य को, जातिगत पूर्वाग्रह को खत्म करने वाला पहला राज्य बना देगा।
इक्वैलिटी लैब्स और द ट्रॉमा ऑफ कास्ट के लेखक थेनमोझी साउंडराजन ने कहा, कि "आज मैं जाति-उत्पीड़ित समुदाय के सदस्यों, जाति समानता आंदोलन के आयोजकों, और अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता जताते हुए उनके साथ खड़ी हूं। अब कैलिफोर्निया के जाति-उत्पीड़ित लोग, अब वो सुरक्षा हासिल करने के काफी करीब आ गये हैं, जिसके वो हकदार हैं।" उन्होंने कहा, कि "उस जातिगत सुरक्षा के लिए, जिसके लिए वो लड़ रहे थे, उसे उन्होंने करीब करीब हासिल कर लिया है।"
इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, कि "यह बिल राज्य में जाति-उत्पीड़ित लोगों के पिछले 15 सालों से चल रहे संघर्ष और कड़ी मेहनत के आयोजन का परिणाम है।" उन्होंने कहा, कि "इस बिल की तत्काल आवश्यकता है। हमारे पास राज्य में किसी भी एशियाई अमेरिकी समुदाय के भेदभाव की उच्चतम दर है। यही कारण है कि हम अपनी आजादी के लिए संगठित होने के लिए यहां खड़े हैं।"
आपको बता दें, कि इस साल फरवरी में सिएटल जातिगत भेदभाव को खत्म करने वाला पहला अमेरिकी शहर बन गया था।
कैलिफोर्निया में जातिगत भेदभाव?
कैलिफोर्निया अमेरिका के सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है, जहां करीब 4 करोड़ लोग रहते हैं। ये प्रशांत तट के पास स्थित एक पश्चिमी अमेरिकी राज्य है, जो क्षेत्रफल के हिसाब से अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है।
'हिंदू फॉर कास्ट इक्विटी' की पूजा रेन ने बिल के अपनी पहली बड़ी विधायी बाधा के पार करने के बाद कहा, कि "जातिगत भेदभाव गैरकानूनी और अन्यायपूर्ण है, यह बिल हम सभी को जाति की भयावहता से उबारेगा।" वहीं, प्रोग्रेसिव कॉकस के डेमोक्रेटिक चेयर अमर शेरगिल ने कहा, कि कैलिफोर्निया ने स्पष्ट कर दिया है, कि वह किसी भी तरह के भेदभाव या हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगा।
राज्य
की
विधायिका
के
लिए
चुनी
गई
पहली
मुस्लिम
और
अफगान
अमेरिकी
सीनेटर
आयशा
वहाब
ने
पिछले
महीने
इस
बिल
को
पेश
किया
था।
यह
कदम,
सिएटल
के
जातिगत
भेदभाव
को
खत्म
करने
वाला
पहला
अमेरिकी
शहर
बनने
के
ठीक
एक
महीने
बाद
आया
है।
सिएटल
में
जातिगत
भेदभाव
को
खत्म
करने
वाले
बिल
को
'ऊंची
जाति'
के
हिन्दू
क्षमा
सावंत
ने
पेश
किया
था,
जिसे
पास
दिया
गया
था।
The California Senate Judiciary Committee approved bill #SB403 to ban caste-based discrimination by a vote of 8-0. The bill now heads to the House for consideration. This is a victory for Senator @aishabbwahab’s tireless advocacy for social justice. Watch her powerful speech in… pic.twitter.com/mV9574eXg2
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) April 26, 2023
किन संगठनों ने किया बिल का विरोध?
वहीं, प्रमुख भारतीय व्यवसायों और मंदिरों ने प्रस्तावित कैलिफोर्निया जाति विधेयक एसबी-403 बिल का विरोध करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया है।
Recommended Video
एशियन अमेरिकन होटल ओनर्स एसोसिएशन (AAHOA), जो अमेरिका में सबसे बड़ा होटल मालिक संघ है और जिसके 20 हजार होटल मालिक सदस्य हैं, उसके साथ साथ एशियन अमेरिकन स्टोर ऑनर्स एसोसिएशन (AASOA), जिससे अमेरिका के 8,300 से ज्यादा स्टोर मालिक जुड़े हुए हैं, उसने इस बिल की निंदा की है।
वहीं, हिंदू मंदिर कार्यकारी सम्मेलन (HMEC), उत्तरी अमेरिका में हिंदू मंदिरों का एक छत्र संगठन, हिंदू बिजनेस नेटवर्क (HBN), और हिंदू पॉलिसी रिसर्च एंड एडवोकेसी कलेक्टिव (HinduPACT) ने भी बिल की आलोचना की है।
एशियन अमेरिकन होटल ऑनर्स एसोसिएशन के बोर्ड सदस्य कल्पेश जोशी ने कहा, कि AAHOA बिल के सख्त खिलाफ है। उन्होंने कहा, कि "हम मानते हैं कि यह भारतीय होटल और मोटल मालिकों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।" उन्होंने कहा, कि "इस बिल के पास होने के बाद अब होटल मालिकों और छोटे दुकानों के खिलाफ मनगढंग आरोप लगाए जाएंगे, जिससे चुनौतीपूर्ण आर्थिक हालात उत्पन्न होंगे, जिससे राज्य को नुकसान होगा।"
वहीं, एशियन अमेरिकन शॉप ओनर्स एसोसिएशन (ASOA) के अध्यक्ष विपुल पटेल ने कहा, कि यह बिल अमेरिका में जातिगत भेदभाव के मनगढ़ंत आख्यान पर आधारित है।