अब बलविंदर का सउदी अरब में नहीं होगा सिर कलम, 2 करोड़ रुपये देकर जानिए कैसे बचेगी जान
सऊदी अरब की रियाद जेल में बंद बलविंदर सिंह को अब मौत की सजा का सामना नहीं करना होगा। उसकी जान बच सके इसके लिए 2 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं।
चंडीगढ़, 13 मईः सऊदी अरब की रियाद जेल में बंद बलविंदर सिंह को अब मौत की सजा का सामना नहीं करना होगा। उसकी जान बच सके इसके लिए 2 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। एक कत्ल के आरोप में जेल में कैद बलविंदर के पास बचने का दो ही रास्ते थे। उसे अपनी जान बचाने के लिए पीड़ित परिवार को 2 करोड़ रुपये देने होते या उसे इस्लाम कुबूल करना होता। परिवार ने ये रुपये जुटा लिए हैं। अब बलविंदर की फांसी नहीं होगी। हालांकि बलविंदर के परिवार को 2 करोड़ रुपये सउदी अरब ट्रांसफर करने में समस्या आ रही है।
ट्रांसफर करने में आ रही दिक्कत
बलविंदर के चचेरे भाई हरदीप सिंह ने बताया कि मौत की सजा रोकने के लिए ब्लड मनी के तौर पर दो करोड़ की ही जरूरत थी, लेकिन भारत और विदेशों में बसे लोगों के सहयोग से करीब 2.08 करोड़ रुपये एकत्र हो गए हैं। इसमें 20 लाख रुपये समाजसेवी एसपी सिंह ओबराय, दस लाख खालसा एड के रवि सिंह तथा पांच लाख की सहायता एसजीपीसी से भी प्राप्त हुई है। अब यह राशि सऊदी अरब ट्रांसफर करने में दिक्कत आ रही है।
राज्य सरकार की मांगी मदद
बलविंदर सिंह के चचेरे भाई ने बताया कि वकील ने उन्हें जो अकाउंट नंबर दिया था, उसमें दो बार राशि ट्रांसफर की गई, लेकिन दोनों बार राशि वापस उनके अकाउंट में आ गई है। बताया जा रहा है कि दिया गया अकाउंट नंबर अंतरराष्ट्रीय नहीं है। इसके चलते पैसे उसमें ट्रांसफर नहीं हो रहे हैं। उन्होंने इस राशि को सऊदी अरब ट्रांसफर करने के सिए एसपी सिंह ओबराय के अलावा राज्य सरकार से भी मदद मांगी है।
काम की तलाश में सउदी गया था बलविंदर
बलविंदर के परिवार के मुताबिक वह काम की तलाश में वर्ष 2008 में सऊदी अरब गया था। वहां वह एक कंपनी में काम करने लगा था। इसी बीच 2013 में उसकी एक युवक से लड़ाई हो गई, जिसमें वह जख्मी हो गया। उस युवक की चार दिन बाद इलाज दौरान मौत हो गई। इसके बाद अदालत ने पहले बलविंदर को सात साल की कैद की सजा सुनाई थी।
धर्म परिवर्तन का भी बन रहा था दबाव
सात साल की कैद की सजा पूरी होने पर अक्टूबर 2021 में अदालत ने वहां के कानून के अनुसार बलविंदर को 8 नवंबर 2021 तक पीड़ित परिवार को दो करोड़ रुपये ब्लड मनी देने का फैसला सुनाया था। इसके साथ ही बलविंदर पर धर्म परिवर्तन करने का भी दबाव बनाया जा रहा था। लेकिन बलविंदर ने धर्म बदलने से साफ मना कर दिया। रुपये न देने की एवज में मौत की सजा के तौर पर बलविंदर का सिर कलम कर लिया जाता।
जल्द जेल से बाहर होगा बलविंदर
बलविंदर का परिवार बलविंदर की जिंदगी बचाने के लिए 2019 से पैसा जुटा रहा था। पहले जिस कंपनी में बलविंदर काम करता था उसने वादा किया था कि वह कंपनी मदद करेगी, लेकिन उसने भी ऐन वक्त पर साथ छोड़ दिया। लेकिन अब मदद की रकम जमा हो चुकी है तो उम्मीद है जल्द ही बलविंदर जेल की सलाखों से बाहर होगा और चैन की जिंदगी बसर करेगा।
पहले भी ऐसी सजा पा चुके हैं भारतीय
सऊदी अरब में भारतीय लोगों की फांसी की सजा कोई नई बात नहीं है। पहले भी कुछ भारतीय यहां के कठोर कानून का शिकार हो चुके हैं। 28 फरवरी 2019 में पंजाब के होशियारपुर के सतविंदर कुमार और लुधियाना के हरजीत सिंह का सिर कलम कर मौत की सजा दी गई थी। हालांकि, दोनों आदमियों का सिर कलम करने से पहले भारतीय दूतावास को इसकी जानकारी नहीं दी गई थी।
भारतीय नागरिक की हत्या का आरोप
ये दोनों वर्क परमिट पर वहां काम कर रहे थे। सतविंदर और हरजीत को 9 दिसम्बर, 2015 को गिरफ्तार किया गया था। दोनों के ऊपर भारतीय नागरिक आरिफ इमामुद्दीन की कथित हत्या का आरोप था। इनकी फांसी के बाद पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे 'बर्बर और अमानवीय' बताते हुए नाराजगी जाहिर की थी।