खून के थक्के बनाने वाली वैक्सीन को अमेरिका में मंजूरी, शर्तों के साथ लगेगी जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन
अमेरिका में जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन लगाने की इजाजत फिर मिल सकती है। जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन पर लगाई गई अस्थाई रोक हटाई जा सकती है।
वॉशिंगटन, अप्रैल 24: अमेरिका में फिर से जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन तत्काल इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी मिल सकती है लेकिन इस बार शर्तों के साथ जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन लगाने की इजाजत मिल सकती है। अमेरिकन हेल्थ रेग्यूलेटरी ने कहा है कि जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन को खून के थक्के बनने के बाद इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई थी लेकिन अब इस वैक्सीन को फिर से इस्तेमाल की इजाजत दी जाएगी लेकिन इस बार शर्तों के साथ इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिलेगी। 14 अप्रैल को अमेरिकन हेल्थ अधिकारियों ने जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन को खून के थक्के मिलने के बाद इस्तेमाल पर पाबंदी लगा थी थी लेकिन एक बार फिर इसका डोज दिया जाना शुरू किया जा सकता है।
शर्तों के साथ जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन
जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन पर पिछले 10 दिनों से रोक लगी हुई थी और इन 10 दिनों में इस वैक्सीन पर काफी रिसर्च किया गया है, जिसके बाद पता चला है कि जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन लेने के बाद ब्लड काउडिंग बनने की संभावना बेहद बेहद कम है और अगर खून के थक्के बनेंगे भी तो उससे नुकसान होने की संभावना भी काफी कम है, जिसे देखते हुए एक बार फिर से इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंन्सन यानि सीडीसी ने कहा है कि इस वैक्सीन को लेने के बाद खून के थक्के और प्लेटलेट्स कम होने की संभावना काफी ज्यादा कम है और अब तक डेढ़ करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई है, जिसमें से सिर्फ 15 केस ही खून के थक्के के मिले हैं, लिहाजा इस वैक्सीन को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
इस्तेमाल की इजाजत!
सीडीसी ने कहा है कि 'हम अब जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन पर रोक लगाने की बात को आगे नहीं बढ़ाएंगे और हमने इसे फिर से रिस्टार्ट करने का फैसला लिया है'। हालांकि, सीडीसी ने खून के थक्के बनने की बात से इनकार नहीं किया है लेकिन सीडीसी का कहना है कि खून के थक्के बनने की संभावना काफी ज्यादा कम है और अगर बनेगा भी तो वो नुकसानदायक नहीं हैं। अमेरिका के एफडीए के अधिकारियों का कहना है कि जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन कारगर है और हम इसे वैक्सीनेशन के लिए मंजूरी दे रहे हैं, हालांकि वैक्सीन लेने वाले को इस वैक्सीन को लेकर चेतावनी भी दी जाएगी। जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन को लेकर एफडीए अधिकारियों की दिनभर बैठक चली जिसमें पैनल ने जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन के पक्ष में 10-4 से वोट डाला। यानि, 10 अधिकारियों ने वैक्सीन के पक्ष में मतदान किया तो 4 अधिकारियों ने वैक्सीन के खिलाफ मतदान किया।
जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन की खासियत
जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन की खासियत ये है कि सभी वैक्सीन का दो खुराग लेना पड़ता है जबकि जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन सिर्फ एक खुराक ही लगता है। जहां तक मॉडर्ना वैक्सीन का सवाल है, ये वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ काफी ज्यादा प्रभावी है, लेकिन इस वैक्सीन को लेकर काफी दिक्कतें हैं। सबसे बड़ी दिक्कत इसके रखरखाव को लेकर है। इस वैक्सीन को माइनस 25 डिग्री में रखा जाता है, लेकिन जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन सामान्य टेम्परेचर पर ही रखा जाता है और इसका प्रोडक्शन और मेंटिनेंस कॉस्ट काफी कम है। लिहाजा गरीब देशों में ये वैक्सीन काफी कारगर साबित हो सकती है। जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन कंपनी की तरफ से बयान में कहा गया है कि 'हम दुनिया के अलग अलग देशों के स्वास्थ्य अधिकारियों से बात कर रहे हैं और उन्हें वैक्सीन के बारे में बता रहे हैं। हमारे वैक्सीन में कई ऐसी बात है जो दूसरी वैक्सीन से अलग है। जहां तक खून के थक्के बनने की कुछ घटनाएं हुई हैं, तो वो काफी दुर्लभ बाते हैं। और हमें उम्मीद है कि आने वाले वक्त में दुनिया के अलग देशों में भी जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन इस्तेमाल करने की इजाजत मिल जाएगी'
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