ट्रंप-किम मीटिंग पर मंडराया चीनी जासूसों का साया, चप्पे-चप्पे पर अमेरिका की नजर
वॉशिंगटन। सिंगापुर में मंगलवार को अमरिकी राष्ट्रपति और डोनाल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरियाई सुप्रीम लीडर किम जोंग उन के बीच न्यूक्लियर समिट होने वाली है। इस समिट में चीन भले ही शामिल नहीं है, लेकिन उन्होंने ट्रंप-किम के पूरे दौरे पर अपनी निगाहें जमा दी है। इस बीच अमेरिका अधिकारियों का कहना है कि वे चीनी जासूसों से मुकाबला करने की तैयारी कर रहे हैं, जो सिंगापुर में वार्ता के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश में लगे हैं।
पूर्व अमेरिकी खुफिया अधिकारियों की मानें तो चीन के जासूस अमेरिका के खिलाफ किसी अन्य की तुलना में सबसे अधिक विरोधी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सिगांपुर शिखर सम्मेलन जासूस बनाम जासूस के युद्ध का मैदान बन गया है। बता दें कि हाल ही में अमेरिकी मीडिया में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन के हैकर्स ने अमेरिकी नेवी से खुफिया डाटा को चुरा लिया है।
अमेरिकी अधिकारियों को चिंता है कि सिंगापुर होटल के वेटर्स और अन्य स्टाफ से चीन खुफिया जानकारी हासिल कर सकता है। अमेरिकी अधिकारियों ने इस समिट में जगहों पर इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स पर निगरानी रख रही है। अमेरिका कापेला होटल (जहां मीटिंग होनी है) के कैमरों और प्रत्येक इलेक्टॉनिक आइटम्स को ब्लॉक कर दिया जाएगा, ताकि मीटिंग की डिस्कसन को कोई और ना सुन सके।
अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के मुताबिक, चीन के अपनी तकनीक से बंद मोबाइलों से भी डाटा चोरी कर सकता है, इसलिए अधिकारियों को अपने मोबाइल की बैटरी निकालने की सलाह दी है। अमेरिका को डर है कि सिंगापुर समिट को देखते हुए चीनी खुफिया एजेंसियां बहुत ज्यादा सक्रिय हो गई है। अमेरिका और नॉर्थ कोरिया समिट पर फोकस करने के लिए हर प्रकार की तकनीक का प्रयोग कर रहा है।