डिप्लोमेटिक टॉक की पहली झलक: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो और किम जोंग उन की तस्वीर हुई रिलीज
वॉशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप के सबसे नजदीकी माने जाने वाले और पूर्व सीआईए डायरेक्टर माइक पोंपेयो अब अमेरिका के नए विदेश मंत्री बन चुके हैं। वहीं, नया कार्यभार मिलते ही व्हाइट हाउस ने माइक पोंपेयो और किम जोंग उन की तस्वीर जारी की है। 18 साल बाद किसी भी अमेरिकी प्रतिनिधि और नॉर्थ कोरियाई सुप्रीम लीडर के बीच हुई मुलाकात की यह पहली झलक है, जिसे ट्रंप प्रशासन ने पूरी दुनिया के सामने साझा की है। व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी सारा सैंडर्स ने गुरुवार को ट्वीट कर किम और पोंपेयो की तस्वीर जारी की।
अमेरिका के अगले सेक्रेटरी ऑफ स्टेट बनाए जाने के तुरंत बाद किम जोंग उन और माइक पोंपेयो की तस्वीर जारी हुई है। किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रंप के साथ होने वाली मीटिंग को संभव बनाने के लिए माइक पोंपेयो की ही सबसे बड़ी भूमिका मानी जा रही है। पोंपेयो और किम के बीच प्योंगयांग में ईस्टर वीकेंड ट्रीप के दौरान मुलाकात हुई थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'फोक्स एंड फ्रेंड' प्रोग्राम में कहा कि पोंपेयो और किम के बीच मुलाकात के दौरान एक घंटे तक बातचीत हुई। ट्रंप ने कहा कि दोनों ही नेताओं की एक अद्भुत तस्वीर भी है। इस सीक्रेट मीटिंग के बारे में सिर्फ दो लोगों को ही मालूम था और इन दो लोगों की हवाले से अमेरिकी मीडिया की ओर से यह जानकारी दी गई थी। पोंपेयो, ट्रंप के दूत बनकर नॉर्थ कोरिया पहुंचे थे।
ट्रंप के करीबी और विश्वासपात्र माने जाने वाले पोंपेयो के नॉर्थ कोरिया जाने का मकसद ट्रंप और किम के बीच होने वाली वार्ता से पहले दोनों की मुलाकात के लिए एक जमीन तैयार करना था।
गौरतलब है कि साल 2000 के बाद दोनों देशों के बीच इस तरह का कोई संपर्क हुआ है। साल 2000 में अमेरिका की विदेश मंत्री मैडलिन अलब्राइट ने तत्कालीन नॉर्थ कोरियन शासक किम जोंग इन से मुलाकात की थी जो कि किम जोंग उन के ही पिता थे। अलब्राइट ने उस समय कई रणनीतिक मु्द्दों पर चर्चा की थी। इसके अलावा साल 2014 में अमेरिका के नेशनल इंटेलीजेंस के डायरेक्टर जेम्स आर कलैपर जूनियर ने भी नॉर्थ कोरिया का दौरा किया था। उस समय वह दो अमेरिकी बंधकों की रिहाई के लिए नॉर्थ कोरिया गए थे।