द. कोरिया में अगले साल कम हो जाएगी लोगों की उम्र, जानिए कैसे 24 घंटे में ही 2 साल के हो जाते हैं बच्चे?
दक्षिण कोरिया में 2023 में जून की पहली तारीख को 5.7 करोड़ लोगों की उम्र एक साल कम हो जाएगी। संसद ने देश में उम्र की गिनती के दो पारंपरिक तरीकों को खत्म करने के लिए एक कानून पारित किया है।
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दक्षिण कोरिया में 2023 में जून की पहली तारीख को 5.7 करोड़ लोगों की उम्र एक साल कम हो जाएगी। जी हां। यह सौ फीसदी सच सूचना है। हालांकि यह उम्र में आया बदलाव सिर्फ कागजों पर दिखेगा। दरअसल गुरुवार को, दक्षिण कोरियाई संसद ने देश में उम्र की गिनती के दो पारंपरिक तरीकों को खत्म करने के लिए एक कानून पारित किया है। जून 2023 से, आधिकारिक दस्तावेजों पर कोरियन एज सिस्टम को खत्म कर दिया जाएगा।
इंटरनेशनल एज सिस्टम अपनाएगा द. कोरिया
द. कोरिया भी इंटरनेशनल एज सिस्टम को अपनाने जा रहा है। दरअसल वर्तमान में द. कोरिया में उम्र की गणना बाकी देशों की तुलना में अलग तरीके से की जाती है। द. कोरिया में उम्र का हिसाब लगाने के लिए कोरियन एज सिस्टम का उपयोग किया जाता है। इस एज सिस्टम में जब कोई बच्चा जन्म लेता है तभी उसकी उम्र 1 साल मान ली जाती है। और जब ठीक 1 साल बाद उसकी उम्र वाकई में 1 साल होती है तो उसे 2 साल का मान लिया जाता है।
पारंपरिक तरीके से होती है गणना
अब तो आप ये समझ ही गए होंगे कि द. कोरिया में आयु की गणना जन्म की गणना किस प्रकार होती है। जैसे बाकी देशों में कोई जन्म लेता है तो उसकी उम्र शून्य से जोड़ी जाती है वहीं, द. कोरिया में यह 1 से शुरू होती है। हालांकि द. कोरिया की गिनती की गणना में सिर्फ इतनी ही परेशानी नहीं है। असल परेशानी तो दूसरी है, जिसके बारे में हम आपको एक उदाहरण से समझाएंगे। मानिए कि किसी बच्चे का जन्म 31 दिसंबर 2020 को हुआ है। ठीक अगले दिन उसकी आयु 1 दिन पूरी मानी जाएगी लेकिन द. कोरिया में उसकी आयु को 2 साल का मान लिया जाएगा।
ये क्या गड़बड़झाला है?
जी हां। उपर गलती से 2 नहीं लिखा बल्कि वह बिल्कुल सही है। अब यहां आपको 1 साल तो समझ आ गया होगा मगर 2 साल का चक्कर क्या है? असल में द. कोरिया में नया साल आने पर लोगों की आयु में एक साल जोड़ दिया जाता है। ठीक इसी तरह 31 दिसंबर को जन्म लेने वाले बच्चे की उम्र दुनिया में शून्य साल, कोरिया में 1 साल मानी जाएगी। ठीक एक दिन के बाद 1 जनवरी के आते ही पूरी दुनिया में उसे एक दिन का माना जाएगा लेकिन द. कोरिया में उसे 1+1 यानी कि 2 साल का माना जाएगा।
चुनाव से पहले राष्ट्रपति ने किया था वादा
द. कोरिया में उम्र की इस गणना से लोगों को दूसरे देशों की यूनिवर्सिटी में दाखिले में या नौकरी में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इस साल जनवरी में कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान इस पारंपरिक सिस्टम को खत्म करने की मांग तेजी से उठी थी। दरअसल अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन को पूरा करने को लेकर देश में बहुत उलझन की स्थिति पैदा हो गई थी। इस वजह से राष्ट्रपति चुनाव में यह बेहद अहम मुद्दा बन गया था। राष्ट्रपति यूं सुक योल ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि वह राष्ट्रपति बनने के बाद इस पारंपरिक सिस्टम को खत्म कर देंगे।
चीन, जापान में भी लोकप्रिय थी यह प्रणाली
सिर्फ द. कोरिया में ही उम्र गिनने की ऐसी परंपरा नहीं है। चीन, जापान, वियतनाम में भी इसी कोरियन सिस्टम से उम्र की गणना की जाती है। हालांकि चीन और जापान ने कुछ साल पहले इस प्रणाली से छुटकारा पा लिया है। लेकिन वियतनाम में अभी भी यही पारंपरिक तरीका अपनाया जाता है।