India-China faceoff: गलवान घाटी में मारे गए 35 चीनी सैनिक, लद्दाख के करीब PLA जवानों की कब्रें!
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर 15-16 जून को चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) और भारतीय सेना के बीच हिंसा हुई थी। दोनों देशों के बीच जारी टकराव के बीच हुई इस हिंसा ने सबकी नींद उड़ा दी थी। भारत के 20 सैनिक इसमें शहीद हुए तो पीएलए को भी काफी नुकसान हुआ। लेकिन आज तक चीन ने अपने सैनिकों की मौत पर चुप्पी साधी हुई है। अब पहली बार चीनी ट्विटर यूजर ने एक कब्रिस्तान की फोटो शेयर कर दावा किया है कि यह पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के उन्हीं चीनी सैनिकों की कब्रें हैं जो 15 जून को मारे गए थे। इस यूजर के मुताबिक 35 चीनी सैनिक मुठभेड़ में ढेर हुए थे। हालांकि इस दावे में कितनी सच्चाई है कोई नहीं जानता है।
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हैंड-टू-हैंड युद्ध में मारे गए सैनिक
ट्विटर यूजर चेंग काइफू ने लिखा है, 'गलवान घाटी में 15 जून को हैंड-टू-हैंड बैटल में भारतीय और चीनी जवानों की मौत हो गई थी और कुछ जवान घायल हो गए थे। लेकिन चीनी राजदूत ने इस बात की जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया था कि कितने लोग इसमें मारे गए थे। इंटेलीजेंस का कहना था कि 35 पीएलए ऑफिसर्स और जवान मारे गए थे। यह फोटो जानकारी है जो सामने आई है, यह उन सैनिकों की कब्र हैं जो उस युद्ध में मारे गए थे।' फोटो देखकर लगता है कि जहां पर यह कब्रिस्तान है, वह जगह लद्दाख से सटे चीनी के अधिकार क्षेत्र वाले इलाके में है। मारे गए सैनिकों पर चीन की चुप्पी के बीच ही पिछले दिनों एक ऐसा सुबूत मीडिया के हाथ लगा है जो उसके दावों की पोल खोलता है।
19 साल के चीनी सैनिक की कब्र
19 साल के सैनिक की कब्र की तस्वीर ने पहली बार चीन का झूठ दुनिया के सामने रखा था। इस कब्र को पीएलए के 19 साल छेन शियानग्रोंग की बताया जा रहा है। छेन पीएलए की 69316 यूनिट के साथ तैनात थे। यह फोटो कहां से आई है इस बात की कोई जानकारी नहीं है लेकिन चीनी मामलों के जानकार इसे चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए बड़ा झटका करार दे रहे हैं। उनका मानना है कि यह तस्वीर चीन की पोल खोलने के लिए काफी है। इस क्रब पर कुछ सिगरेट्स भी नजर आ रही हैं। जब इस बारे में जानने की कोशिश की गई तो पता लगा कि चीनी सेना में ऐसी मान्यता है कि आप मरने वाले सैनिक की कब्र पर ऐसी चीजें चढ़ा सकते हैं जो उन्हें पसंद रही हों।
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यूनिट पर लद्दाख से सटी सीमा की जिम्मेदारी
छेन, फुजियान प्रांत के पिंगनान के रहने वाले थे और उनका जन्म दिसंबर 2001 में हुआ है। कब्र पर मौत जून, 2020 लिखी है। चीनी भाषा में लिखा है कि उनकी मौत बॉर्डर पर भारत के खिलाफ लड़ते हुए हुई है। कब्र पर यह भी लिखा है कि सैनिक को चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) से 'फर्स्ट क्लास मेरिट' का प्रशस्ति-पत्र मिला है। सीएमसी के चैयरमैन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुद हैं। शियानग्रोंग की कब्र पर उसकी मिलिट्री यूनिट तक का नाम लिखा है। इस कब्र पर उन्हें दक्षिणी शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट से जुड़ा बताया गया है। इनकी यूनिट नंबर 69316 शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट ही पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी की सुरक्षा में तैनात है।
43 सैनिकों की मौत का अंदेशा
पूर्व सेना प्रमुख और अब बीजेपी की केंद्र सरकार में मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने कहा था कि अगर इंडियन आर्मी ने अपने 20 बहादुर सैनिक 15/16 जून को हुए संघर्ष में गंवाएं हैं तो चीन के डबल सैनिक उन्होंने ढेर किया है। जनरल सिंह के मुताबिक चीन के करीब 43 सैनिक मारे गए हैं। जनरल सिंह के मुताबिक चीन कभी भी अपने मारे हुए सैनिकों के बारे में कभी सार्वजनिक तौर पर नहीं स्वीकारेगा क्योंकि सन् 1962 की जंग में भी उसने ऐसा ही किया था। 15 जून को 45 साल बाद यह पहला मौका था जब भारतीय जवानों ने एलएसी पर चीनी सेना के साथ हुए संघर्ष में अपनी जान गंवाई है। अमेरिकी इंटेलीजेंस रिपोर्ट की तरफ से भी 35 सैनिकों की मौत की बात कही गई थी।