100 दिनों में कोविड-19 ने मचाई तबाही, एटमी बमों की ताकत से लैस बड़े-बड़े देश भी छोटे से वायरस के आगे मजबूर
नई दिल्ली। दुनियाभर में करीब एक लाख लोगों की जिंदगियां लील लेने वाली महामारी कोरोना वायरस को 100 दिन हो चुके हैं। इस महामारी ने इस साल के साथ ही पूरी एक सदी को बदलकर रख दिया है। साल 2020 के चार माह खत्म होने को आए हैं मगर अभी तक कोई नहीं जानता है कोविड-19 नाम का यह राक्षस कहां पर जाकर रुकेगा। अब तक दुनिया में इसकी वजह से 95,785 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 1,603,896 लोग इसके शिकार हैं। 100 दिनों के अंदर बड़े-बड़े एटम बमों वाले देशो में आज माइक्रोस्कोप से भी ठीक से नजर नहीं आने वाले इस वायरस ने तबाही मचाकर रख दी है।
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साल 2020 के सारे रेजोल्यूशन चौपट
31 दिसंबर में जब दुनिया नए साल के जश्न में डूबी थी तो मौत दबे पांव उन तक पहुंचने की कोशिश कर रही थी। जश्न मनाकर नए साल के रेजोल्यूशन में बिजी दुनिया को क्या पता था कि सारे प्लान धरे के धरे रहे जाएंगे। साल 2019 की आखिरी शाम थी जब चीन की सरकारी वेबसाइट की तरफ से पहली बार इस बात की जानकारी दुनिया को दी गई कि एक अजीब प्रकार के न्यूमोनिया का पता वुहान में लगा है। 11 मिलियन की आबादी वाले वुहान में सीफूड की होलसेल मार्केट के करीब इस वायरस का पहला मरीज मिला था। एक जनवरी को वुहान की सी-फूड मार्केट को बंद कर दिया गया।
वुहान में महामारी से एक की मौत
चीन की सोशल मीडिया पर सार्स जैसी एक बीमारी को लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं। लोगों को हाथ धोने की सलाह दी जाने लगीं। नर्सो को अस्पताल में ही रुकने के लिए कह दिया गया। ताइवान, सिंगापुर और हांगकांग की अथॉरिटीज सतर्क हो गईं और उन्होंने वुहान से आने वाले हर यात्री की स्क्रीनिंग शुरू कर दी। इस बीच वुहान में आठ लोगों को अफवाह फैलाने के चलते गिरफ्तार कर लिया गया। 9 जनवरी तक चीनी अथॉरिटीज ने बीमारी की पहचान कर ली थी और चीनी वैज्ञानिकों ने कहा कि मरीज ने एक अज्ञात कोरोना वायरस के संपर्क में आ गए हैं। इसी समय वुहान में 61 साल के एक वृद्ध की मौत हो गई और वह इस बीमारी के पहले शिकार बने।
WHO बोला इंसानों से नहीं फैलती बीमारी, चीन की थ्योरी का समर्थन
13 जनवरी को थाइलैंड में पहला मामला सामने आया। वायरस चीन से बाहर निकल चुका था। इस बीच चीन की सरकार ने कहा कि उसके पास इस बात के सुबूत नहीं हैं जिनसे साबित हो सके कि वायरस इंसानों के संपर्क में आने से फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने भी इसी थ्योरी का समर्थन किया। हांगकांग यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर गुआन वाई ने कहा कि अगर अगले कुछ दिनों तक कोई भी केस नहीं आता है तो फिर महामारी को खत्म मान लेना चाहिए। लेकिन वुहान में डॉक्टरों को एक नई तस्वीर देखने को मिल रही थी। शहर के अस्पताल ऐसे मरीजों से भर रहे थे जिनका सीफूड मार्केट से कोई कनेक्शन नहीं था।
अमेरिका में पहली मौत
20 जनवरी तक वायरस अमेरिका, जापान और साउथ कोरिया तक पहुंच चुका था। इसी दौरान वुहान से लौटे एक 35 साल के एक अमेरिकी शख्स कोरोना से संक्रमित पाया गया। थी। अमेरिका का यह पहला केस था। 24 जनवरी तक वुहान में 800 मरीज थे और 25 लोगों की मौत हो चुकी थी। 25 जनवरी तक वायरस यूरोप में पहुंच चुका था और दो लोगों की मौत फ्रांस में हो गई थी। 31 जनवरी तक चीन में 258 लोगों की मौत हो गई थी और 10,000 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके थे।
चीन के बाहर पहली मौत
4 फरवरी को फिलीपींस के मनीला में वायरस की वजह से एक व्यक्ति की मौत हुई जो वुहान का ही रहने वाला था। अब तक चीन में 20,000 से ज्यादा मरीज थे और 425 लोगों की मौत हो गई थी। मनीला में व्यक्ति की मौत ने अथॉरिटीज के कान खड़े कर दिए। चीन के बाहर मौत का यह पहला मामला था। लेकिन इसके बाद भी डब्लूएचओ के मुखिया टेडरॉस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वायरस काफी धीमी गति से फैल रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसकी वजह से व्यापार और ट्रैवल को रोकने की जरूरत नहीं है।
यूरोप के इटली में मौत की दस्तक
25 फरवरी तक दुनिया भर मे 80,000 मामले सामने आ चुके थे। इटली में कोरोना वायरस दस्तक दे चुका था और 25 फरवरी तक यहां पर 11 लोगों की मौत हो गई थी। पहली बार नॉर्दन इटली जहां की आबादी करीब 50,000 है, उसेचार दिनों के लॉकडाउन में लाया गय। ईरान में भी लोगों की मौत हो रही थी और 12 मरीजों की जान इस वायरस से चली गई थी। अमेरिका में भी 14वां केस सामने आया लेकिन तब भारत दौरे पर आए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उनके देश में स्थिति नियंत्रण में है।
77वें दिन जागा WHO, कोरोना को बताया महामारी
11 मार्च को 77वें दिन अमेरिका में 1000 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके थे और दुनियाभर में 116,000 लोग संक्रमित थे। इटली में एक ही दिन में 168 लोगों की मौत हुई। अमेरिका और यूके का बाजार साल 2008 के बाद से सबसे बुरे दौरे में पहुंचे और धाराशयी होने लगे। इटली के पीएम डैनियल कोंटे ने कहा कि देश इस समय अंधेरे में हैं। 11 लाख केस सामने आने के बाद डब्लूएचओ को सुधि आई और उसने कोविड-19 को एक महामारी घोषित किया।
दुनिया 'लॉकडाउन,' हर कोई घर में ही दुबका
10 अप्रैल को 100 दिन होते-होते बीमारी की वजह से एक लाख लोग मौत के मुहाने पर हैं। दुनिया में सब बंद हो चुका है। न स्कूल खुले हैं, न कोई फ्लाइट टेक ऑफ कर रही है, दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भारतीय रेल भी खामोश है और लोग लॉकडाउन में घर में दुबक कर रहने को मजबूर हैं। भारत में 6,000 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और करीब 200 लोगों की मौत हो गई है।