WHO ने भारत की 10 लाख आशा वर्कर्स को किया सम्मानित, संगठन के महानिदेशक ने कही ये बात
नई दिल्ली, 22 मई। भारत के ग्रामीम क्षेत्रों में हर कोने तक स्वास्थ्य सुविधाओं के पहुंचाने में आशा वर्कर्स का अहम योगदान रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसिस ने वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान, क्षेत्रीय स्वास्थ्य मुद्दों के लिए प्रतिबद्धता और शानदार नेतृत्व करने के लिए रविवार को छह पुरस्कारों की घोषणा की। जिसके तहत 10 लाख भारतीय आशा कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ.टेड्रोस ने ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड्स के लिए पुरस्कार विजेताओं पर फैसला किया। उन्होंने कहा कि आशा अर्थ होप (Asha) है। भारत की दस लाख से अधिक महिला वॉलंटियर्स ने समुदाय को स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये सम्मान की असली हकदार हैं।
रविवार को भारत की 10 लाख महिला आशा कार्यकर्ताओं को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सम्मानित किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आशा कार्यकर्ताओं को यह सम्मान भारत के ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाएं सुगमता से पहुंचाने और वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान बेहतर कार्य के लिए दिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसिस ने कहा कि पुरस्कार विजेताओं में समर्पण और मानवता की निस्वार्थ सेवा भावना शामिल है।
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डब्ल्यूएचओ से सम्मानित आशा कार्यकर्ता भारत सरकार से मान्यता प्राप्त हैं और ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने की प्रथम इकाई हैं। कोरोना महामारी के दौरान इन आशा कार्यकर्ताओं ने बच्चों के काकरण, महिलाओं के मातृत्व की देखभाल में बेहतर सहयोग दिया। आशा वर्कर्स ने गांव की गलियों से स्वास्थ्य केंद्र तक स्वास्थ्य सेवाओं को जरूरतमंदों तक पहुंचाने में अथक प्रयास किया। कोरोना संकट के दौरान भी आशा वर्कर अपनी ड्यूटी पर डटी रहीं। जिसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उन्हें सम्मानित किया।