गेहूं निर्यात पर लगा प्रतिबंध, बंदरगाहों पर अटके मध्य प्रदेश के हजारों ट्रक!
इंदौर, 17 मई: भारत की ओर से विदेशों में होने वाले गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगने का सीधा असर अब मध्यप्रदेश के व्यापारियों पर भी देखने मिल रहा है, जहां प्रदेश के व्यापारी संगठन गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले से परेशान नजर आ रहे हैं. गेहूं निर्यात पर अचानक रोक लगने से व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान होने का अनुमान है. इसके साथ ही विभिन्न बंदरगाहों पर गेहूं से लदे हजारों ट्रक अटके हुए हैं. व्यापारियों ने ट्रकों के माध्यम से गेहूं निर्यात के लिए बंदरगाहों तक पहुंचाया है, लेकिन अब गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगने के कारण यह ट्रक अटक गए हैं. गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध का सीधा असर किसानों पर भी देखने मिल रहा है, जहां गेहूं की मांग में कमी होने से किसानों को आने वाले समय में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
इस कारण लगाया गया निर्यात पर प्रतिबंध
भारत सरकार की ओर से गेहूं के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के पीछे कई अहम कारण हो सकते हैं, जिसमें कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार की ओर से निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने की जानकारी निकलकर सामने आ रही है. साथ ही सरकार की ओर से गेहूं के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध का विरोध भी अब शुरू हो गया है, जहां विभिन्न राज्यों में व्यापारी संगठनों ने सरकार की ओर से निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ आवाज बुलंद की है.
मध्य प्रदेश के व्यापारी और किसानों पर पड़ेगा सीधा असर
भारत में गेहूं उत्पादक प्रमुख राज्यों की बात करें तो इसमें मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं, जहां मध्य प्रदेश के नजदीक बंदरगाह होने से इसी राज्य से गेहूं का सर्वाधिक निर्यात होता है, लेकिन निर्यात पर प्रतिबंध लगने से मध्यप्रदेश के व्यापारी और किसानों पर इसका सीधा असर पड़ेगा, जहां व्यापारी और किसान दोनों को ही भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है.
मंडियों में गेहूं के दाम हुए कम
भारत सरकार की ओर से गेहूं के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध का सीधा असर अब कृषि मंडियों पर देखने मिल रहा है, जहां गेहूं के भाव काफी कम हो गए हैं. मंडियों में गेहूं के दाम 200 से 300 रूपए तक कम हो गए हैं, जिसके चलते अब हर बोरी पर व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.