इंदौर में 4 मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का 4 दिन में हुआ बड़ा असर, तीन ठीक होकर जा चुके घर
इंदौर। मध्य प्रदेश में प्लाज्मा थेरेपी को मंजूरी मिलने के बाद अब डॉक्टर और सरकार ने दावा किया है कि इस पद्धति से उपचार के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित तीन मरीजों को ठीक किया जा चुका है। जबकि एक और मरीज संक्रमण से मुक्त होने के कगार पर है। डॉक्टरों ने इन मरीजों को संक्रमण से मुक्त हुए लोगों का प्लाज्मा चढ़ाया था। दावा किया जा रहा है कि उसके बाद चार दिन के अंदर ही इन मरीजों की हालत में सुधार होने लगा और वे पूरी तरह से ठीक हो गए। तीन मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है और वे अपने घर को लौट चुके हैं। चौथे मरीज की हालत में भी काफी सुधार है। डॉक्टर ने कहा कि उनको भी एक-दो दिन में अस्पताल में छुट्टी दे दी जाएगी।
ऑरबिंदों अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति
मध्य प्रदेश सरकार ने ऑरबिंदों अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति दी। संक्रमण से मुक्त हुए दो डॉक्टरों ने प्लाज्मा डोनेट किया जिसे 26 अप्रैल को चार मरीजों को चढ़ाया गया। डॉक्टरों ने इस बारे में बताया है कि प्लाज्मा चढ़ाने के चार दिन बाद ही असर हुआ और वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित हुए ये मरीज धीरे-धीरे ठीक होने लगे। तीन संक्रमित मरीज अनीश जैन, प्रियल जैन और कपिलदेव भल्ला की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वहीं एक और मरीज ठीक हो चुके हैं और डॉक्टर ने कहा कि उनको भी जल्दी ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
डॉक्टर रवि डोसी ने कहा- चारों संक्रमण से मुक्त
प्लाज्मा थेरेपी देने में शामिल सीनियर डॉक्टर रवि डोसी ने बताया कि चारों संक्रमित मरीजों ,से पहले अनुमति ली गई थी। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर ने जो मानक तय किए हैं उसी के मुताबिक 26 साल की महिला, 23, 40 और 55 साल के तीन पुरुषों को प्लाज्मा दिया गया। 26 अप्रैल को इनको यह थेरेपी दी गई थी। अब ये चारों मरीज संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। उनकी दो जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। फेफड़ों की एक्सरे रिपोर्ट की जांच में पुष्टि हुई है कि ये चारों अब संक्रमण से मुक्त हो गए हैं। डॉक्टर रवि डोसी ने बताया कि इस थेरेपी के बारे में अभी किसी नतीजे की घोषणा करने की स्थिति में हम नहीं है। इस थेरेपी का प्रयोग अभी कुछ और मरीजों पर करेंगे और उसके बाद इसके नतीजों के बारे में विस्तार से आईसीएमआर को अवगत कराएंगे। उन्होंने बताया कि संक्रमण से मुक्त हुए मरीज प्लाज्मा दान करने को इच्छुक हैं।
संक्रमण से मुक्त हुई प्रियल जैन ने बताया
कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हुई प्रियल जैन ने कहा कि इस बीमारी के बाद उनके फेफड़े का साठ प्रतिशत हिस्सा खराब हो गया था। इसके बाद डॉक्टरों ने मुझे प्लाज्मा चढ़ाया। डॉक्टर ने यह पहले ही बता दिया था कि इस इलाज का असर होगा कि नहीं, इसके बारे में अभी कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है लेकिन कई जगहों पर इस थेरेपी से उपचार किया जा रहा है। मेरे परिजनों ने इसकी अनुमति दी जिसके बाद मुझे यह थेरेपी दी गई। चार दिन में ही इसका असर हुआ और मैं ठीक हो गई। मेरे फेफड़े का संक्रमण अब 20 प्रतिशत रह गया है।
संक्रमण से मुक्त हुए कपिलदेव ने बताया
कपिलदेव भल्ला भी वायरस के संक्रमण से ग्रस्त थे और उनके अंदर ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम हो गया था। इंदौर विकास प्राधिकरण के अफसर कपिलदेव के मुताबिक वह दस दिन तक अस्पताल में रहे लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। 26 अप्रैल को उनको प्लाज्मा चढ़ाया गया और 29 अप्रैल को जैसे उनके अंदर चमत्कार सा हुआ। उनके अंदर ऑक्सीजन का स्तर ठीक हो गया और डॉक्टर ने ऑक्सीजन की नली को हटा दिया। इसके बाद मैं धीरे-धीरे ठीक हो गया और मुझे छह मही को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
गृह मंत्री ने दी जानकारी
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्लाज़्मा थेरेपी से इंदौर में स्वस्थ हुए मरीजों से वीडियो कॉल पर बात की। साथ ही स्वस्थ हुए मरीज़ों से कहा कि वे कोरोना पीड़ितों को जागरूक करें। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी से इंदौर और भोपाल में इलाज शुरू हो चुका है। गृह मंत्री ने कहा कि यह एकदम नई थेरेपी है और इससे तीन पेशेंट ठीक हुए हैं। गृह मंत्री ने बताया कि उन्होंने संक्रमण से मुक्त हुए मरीजों से चर्चा की है और उनको अपना अनुभव सबसे सांझा करने का आग्रह किया है। भोपाल और इंदौर दोनों जगह हमने प्लाज्मा थेरेपी को प्रारंभ किया है और इसे और आगे ले जाने की कोशिश करेंगे।
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