अलविदा 2017: रेलवे ने उठाए कई बड़े कदम, ऐसे गिरा हादसों का ग्राफ
नई दिल्ली। साल 2017 हमें अलविदा कहने की तैयारी में हैं। इस साल अलग-अलग क्षेत्रों में कई ऐसी घटनाएं हुई जो बेहद अहम रही। हालांकि रेल यात्रियों के लिए इस साल भी कुछ ज्यादा अलग नहीं रहा। इस साल भी एक के बाद एक कई रेल हादसे हुए। रेलवे की ओर से यात्रियों की सुविधाओं को लेकर कई बड़े वादे और दावे किए गए, इन्हें पूरा करने के लिए कई जरूरी कदम भी उठाए गए। रेलवे की ओर से दावा किया गया है कि यात्रियों की सुरक्षा को पहले रखते हुए रेल सुरक्षा के लिए सरकार के प्रमुख फैसलों के चलते अप्रैल-नवंबर 2016 में 85 दुर्घटनाएं हुई थीं। वहीं अप्रैल-नवंबर 2017 तक यह कम हो कर 49 दुर्घटनाएं रह गईं। वहीं अप्रैल-नवंबर 2016 में जहां 67 डिरेलमेंट के हादसे हुए थे वो अप्रैल-नवंबर 2017 में कम होकर 37 रह गए। रेल हादसों के चलते ही रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने पद से इस्तीफा दिया, उनकी जगह पीयूष गोयल को रेल मंत्री बनाया गया। मंत्रालय में हुए इस बदलाव के पीछे कोशिश यही थी कि रेलवे को सुरक्षित बनाया जाए। रेल यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा मुहैया कराई जाए, उन्हें जरूरी सुविधाएं मिल सकें। इसके लिए रेल मंत्रालय और रेलवे प्रशासन लगातार जरूरी कदम उठा रहा है। एक नजर साल 2017 में हुए बड़े रेल हादसों पर...
24 नवंबर 2017- वास्कोडिगामा-पटना एक्सप्रेस हादसा
बड़े रेल हादसों की बात की जाए तो सबसे हालिया हादसा 24 नवंबर 2017 में हुआ, जब वास्कोडिगामा-पटना एक्सप्रेस (12741) हादसे की शिकार हो गई। इस एक्सीडेंट में ट्रेन के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई, वहीं 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। ये हादसा सुबह करीब 4 बजकर 22 मिनट पर यूपी के चित्रकूट में मानिकपुर स्टेशन के एडवांस सिग्नल पर हुआ। हादसा उस समय हुआ जब ट्रेन गोवा से पटना जा रही थी। हादसे में जिन तीन लोगों की मौत हुई वो बिहार के रहने वाले थे। हादसे के बाद रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख के आर्थिक मदद का ऐलान किया।
23 अगस्त 2017- कैफियत एक्सप्रेस हादसा
23 अगस्त 2017 में एक रेल हादसा हुआ, जब आजमगढ़ से दिल्ली आ रही 12225 (अप) कैफियत एक्सप्रेस औरैया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में ट्रेन के इंजन समेत 10 डिब्बे पटरी से उतर गए। गनीमत यही रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, हालांकि करीब 21 लोग घायल हुए थे। इस हादसे से ठीक चार दिन पहले यूपी के मुजफ्फरनगर में बड़ा रेल हादसा हुआ था।
19 अगस्त 2017- पुरी-उत्कल एक्सप्रेस हादसा
साल 2017 के बड़े रेल हादसों में यूपी के मुजफ्फरनगर में हुआ पुरी-उत्कल एक्सप्रेस (18477) हादसा था। खतौली में हुए इस हादसे में 23 लोगों की जान चली गई थी। इतना ही नहीं करीब 150 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। इस हादसे के खतरनाक मंजर आज भी जेहन को डराते हैं। हादसा इतना भयानक था कि पुरी-उत्कल एक्सप्रेस के कई डिब्बे एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए ते। यूपी में हुए इस रेल हादसे के तुरंत बाद उस समय के रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस्तीफा देने की पेशकश की थी, जिसे बाद में मान लिया गया। मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार के दौरान पीयूष गोयल को रेल मंत्री बनाया गया।
15 अप्रैल, 2017- राज्यरानी एक्सप्रेस हादसा
15 अप्रैल, 2017 को मेरठ से लखनऊ जा रही राज्यरानी इंटरसिटी एक्सप्रेस के करीब 8 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। राज्यरानी एक्सप्रेस मेरठ से लखनऊ जा रही थी, तभी रामपुर में कोसी पुल के पास ट्रेन पटरी से उतर गई। इस हादसे में करीब 60 लोग घायल हो गए थे।
30 मार्च 2017- महाकौशल एक्सप्रेस हादसा
यूपी के महोबा में हुए इस हादसे में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 30 मार्च को हुए इस हादसे में जबलपुर-निजामुद्दीन महाकौशल एक्सप्रेस के 8 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे में जहां 50 से ज्यादा लोग घायल हुए, वहीं ट्रेन यातायात पर असर पड़ा। करीब डेढ़ दर्जन ट्रेनों का रूट बदला गया।
22 जनवरी, 2017- हीराखंड एक्सप्रेस हादसा
साल 2017 की शुरूआत में ही हुए इस हादसे में 27 यात्रियों की मौत हो गई थी। हीराखंड एक्सप्रेस हादसा 22 जनवरी 2017 को हुआ। ये ट्रेन एक्सीडेंट आंध्र प्रदेश के विजयानगरम जिले में हुआ जब हीराखंड एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 27 यात्रियों की मौत हो गई थी और 36 लोग घायल हुए थे।
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रेलवे ने कहा...
रेल दुर्घटनाओं पर रेलवे की ओर से कहा गया है कि सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के चलते दुर्घटनाओं में भारी कमी आई है। रेलवे के दावे के अनुसार अप्रैल से नवंबर 2016 के बीच 85 रेल दुर्घटनाएं हुई थीं। जब कि इस साल अप्रैल से नवंबर 2017 के बीच 42 फीसदी कम दुर्घटनाएं यानी सिर्फ 49 दुर्घटनाएं हुई हैं।
रेल डिरेलमेंट मं 45 फीसदी की गिरावट
रेलवे ने दावा किया है कि अप्रैल - नवंबर 2016 के बीच जहां रेल डिरेलमेंट के 67 घटनाएं हुई थीं वहीं अप्रैल नवंबर 2017 में 45 फीसदी कम होते हुए 37 रेल डिरेलमेंट की दुर्घटनाएं हुई हैं।