वर्ल्ड कप खा ना जाए विश्व पुस्तक मेले को
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) राजधानी में कल से शुरू हुए विश्व पुस्तक मेले की सफलता पर आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप खतरा बनता नजर आ रहा है। मेला राजधानी के प्रगति मैदान में शुरू हो गया।
सूखा
रहेगा
माना
जा
रहा
है
कि
इसमें
वर्ल्ड
कप
के
कारण
पुस्तक
प्रेमी
नहीं
आ
पाएंगे।
9
दिनों
तक
चलने
वाले
मेले
में
दो
रविवार
आएंगे।
पुस्तक
मेले
में
सबसे
ज्यादा
लोग
रविवार
को
ही
आते
है।
आज
तो
इसके
सूखे
रहने
की
आशंका
है
भारत-पाकिस्तान
के
बीच
चल
रहे
मैच
के
कारण
जानकारों
का
कहना
है
कि
जिस
दिन
भी
भारत
का
मैच
होगा
या
कोई
और
खास
मैच
होगा,
उस
दिन
इधर
लोग
नहीं
आएंगे।
लोग
टीवी
पर
मैच
देखना
पसंद
करेंगे।
राजधानी के प्रकाशन क्षेत्र से जुड़े रवि कुमार कहते हैं कि कायदे से पुस्तक मेले को विश्व कप से पहले ही आयोजित कर लेना चाहिए था। अब विश्व कप शुरू होने के बाद इधर लोगों को लाना कठिन होगा। बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मेले का शनिवार को उद्घाटन किया।उन्होंने इस अवसर पर पुस्तक पढ़ने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रेलवे और सिविल एविएशन मंत्रालय को प्लेटफॉर्म और एयरपोर्ट पर नेशनल बुक ट्रस्ट के साथ मिलकर बुक स्टॉल स्थापित करने की सलाह दी।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इन स्टॉलों पर हर भाषा की किताबें उपलब्ध होनी चाहिए, जिससे हर भाषा के पाठक अपने लिए किताबें चुन सकें। उन्होंने लोगों में पढ़ने की रुचि विकसित करने के लिए एनबीटी को सलाह दिया कि वह हर जिले में बुक क्लब बनाएं।
अफसोस जताया
इस बीच,हिन्दी के वरिष्ठ कथाकार प्रताप सहगल ने भी कहा कि यह अफसोस की बात है कि पुस्तक मेला वर्ल्ड कप के कारण फ्लाप होने जा रहा है। इससे प्रकाशकों और लेखकों को सच में बहुत पहुंचेगी। वे इसकी साल भर से तैयारी करते हैं। उधर, मेले में आए प्रख्यात लेखक नरेंद्र कोहली ने कहा कि रेलवे और एयरपोर्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर का सबसे अच्छा सदुपयोग बुक स्टॉल खोलना है। अधिकाधिक बुक स्टॉल खुलने से लोगों में पुस्तक पढ़ने का इंटरेस्ट विकसित होगा।
पुस्तकों
का
महाकुंभ
महत्वपूर्ण
है
कि
पुस्तकों
के
इस
महाकुंभ
में
हर
वर्ग
के
पुस्तक
प्रेमियों
के
लिए
प्रकाशक
किताबें
लेकर
आए
है।
इस
वर्ष
मेले
की
थीम
‘सूर्योदय:
पूवरेत्तर
भारत
के
उभरते
स्वर'
है।
इसके
साथ
ही,
प्रकाशकों,
लेखकों
तथा
पुस्तक
प्रेमियों
के
उत्साह
को
देखते
हुए
पिछले
वषों
की
भांति
ही
इस
वर्ष
भी
मेले
में
‘सीईओ
स्पीक'
का
आयोजन
किया
जा
रहा
है।
सच्चे
पुस्तक
प्रेमी
हालांकि
कुछ
जानकारों
को
कहना
है
कि
पुस्तकों
के
सच्चे
प्रेमी
पुस्तक
मेले
में
हर
हालत
में
पहुंचेंगे।
उन्हें
इस
बात
से
कोई
अंतर
नहीं
पड़ता
कि
विश्व
कप
चल
रहा
है
या
नहीं।