राज्यसभा में गूंजा महिला आरक्षण को बढ़ाने का मुद्दा, महिला सांसद बोलीं- अब 33 नहीं 50 फीसदी हो रिजर्वेशन
नई दिल्ली: आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राज्यसभा में महिला आरक्षण का मुद्दा गूंजा। बजट सत्र में चर्चा के दौरान सांसद ने नेतृत्व भूमिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की कमी के मुद्दे पर चर्चा की गई। इस दौरान महिला सांसदों ने संसद में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण को बढ़ाने पर अपनी बात रखी। राज्यसभा की कार्यवाही के बाद सबसे पहले सभापति वेंकैया नायडू ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अपनी बात रखते हुए कहा कि आज का दिन पूरी दुनिया में महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक योगदानों और उपलब्धियों के जश्न मनाने का दिन है। साथ ही ये दिन उनके सम्मान करने का है।
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जिसके बाद राज्य सभा में चर्चा करते हुए शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सांसद और विधानसभा में महिलाओं को 50 प्रतिशत महिला आरक्षण देने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 24 साल पहले हमने संसद में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रस्ताव दिया। आज 24 साल बाद हमें संसद और असेंबली में महिलाओं के लिए इसे 50% आरक्षण करना चाहिए।
इसी तरह एनसीपी सांसद डॉ. फौजिया खान ने कहा कि कई रिपोर्ट से पता चलता है कि 6% से अधिक महिलाओं को नेतृत्व भूमिका नहीं मिली है। हमें इसके बारे में सोचना चाहिए। हम लोकसभा और राज्यसभा में महिलाओं के 33% आरक्षण पर कानून लाकर एक शुरुआत कर सकते हैं। वहीं कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सरकार ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं' का नारा दिया है, लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराधों की उच्च दर एक बहुत ही अलग कहानी बताती है।
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वहीं बीजेपी सांसद सोनल मानसिंह ने इस दौरान अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कहा कि जैसे महिला दिवस मनाया जाता है, उसी तरह मैं मांग करती हूं कि अंतर्राष्ट्रीय पुरुषों का दिन भी मनाया जाना चाहिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। यह वर्षों से सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक जैसे सभी क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने का एक दिन है।