छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस के लिए आसान नहीं है चुनावी राह
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है। एक तरफ जहां भाजपा एक बार फिर से सत्ता में वापसी की तैयारी कर रही है तो कांग्रेस के भीतर आंतरिक कलह कम होने का नाम नहीं ले रही है। पार्टी के भीतर चल रही आंतरिक कलह की वजह से पार्टी की जीत की संभावनाएं भी धूमिल होती नजर आ रही है। पार्टी के भीतर टिकट को लेकर भ्रष्टाचार का मुद्दा, पार्टी के नेताओं की सेक्स सीडी आने के बाद पार्टी की छवि काफी खराब हुई है।
टिकटों के बंटवारे पर रार
सूत्रों के अनुसार प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों के बीच कुछ खास असंतोष नहीं है, ऐसे में पार्टी उम्मीदवारों के टिकट को लेकर अंतिम फैसला नहीं ले सकी है। टिकटों का फैसला नहीं हो पाने की वजह से उम्मीदवार अभी तक अपनी चुनावी तैयारी नहीं शुरू कर सके हैं। ये तमाम मुद्दे प्रदेश में लोगों के बी आ चुके हैं, ऐसे माहौल में कांग्रेस एक अदद ऐसे चेहरे की तलाश में जूझ रही है जो पार्टी को प्रदेश में नेतृत्व प्रदान कर सके।
पार्टी में आंतरिक कलह
तमाम स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद भी पार्टी टिकटों के बंटवारे पर अपना अंतिम फैसला नहीं ले सकी है। पार्टी के भीतर किस तरह से विवाद चल रहा है उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे। काफी मान मनौव्वल के बाद वह पार्टी की इलेक्शन कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे।
विश्वसनीयता की कमी
कांग्रेस के नेता सेक्स सीडी के सामने आने के बाद विवादों में घिरे हैं। जिस तरह से नेताओं पर टिकट बेचने का आरोप लगा है उसके बाद लोगों के बीच पार्टी की छवि काफी ज्यादा खराब हुई है। लेकिन इन तमाम आरोपों पर सफाई देने कांग्रेस के नेता बच रहे हैं। वहीं इन तमाम मुद्दों पर भाजपा प्रवक्ता और विधायक शिवरतन शर्मा का कहना है कांग्रेस के भीतर वैचारिक मतभेद चल रहा है, इन नेताओं की खुद की विश्वसनीयता भी सवालों के घेरे में है।
भाजपा हमलावर
आपको बता दें कि जो सीडी सामने आई है उसमे देखा जा सकता है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को सीडी में कथित रूप से टिकट बेचते हुए देखा जा सकता है। वहीं भाजपा नेता का कहना है कि कांग्रेस के नेता अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं, यहां तक कि खुद केंद्रीय कांग्रेस नेता उनपर सवाल खड़ा कर रहे हैं। भाजपा नेता का कहना है कि जब कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी के नेतृत्व का भरोसा जीतने में विफल रहे तो वह लोगों का विश्वास कैसे जीतेंगे।
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