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पत्नी के 72 टुकड़े करने वाले बाप की हैवानियत से अंजान हैं उसके मासूम बच्चे

राजेश गुलाटी के बच्चों ने कभी भी अपने पिता की आवाज नहीं सुनी, मां की हत्या के बाद से ही अपने मामा के साथ रह रहे हैं।

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देहरादून। वर्ष 2010 में जिस तरह से अपनी पत्नी अनुपमा की दुर्दांत तरीके से राजेश गुलाटी ने हत्या की थी, उसके बाद आखिरकार कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है। लेकिन इन सब के बीच राजेश के दो बच्चों का जीवन काफी प्रभावित हुआ है। राजेश को दो बच्चे हैं एक बेटा और एक बेटी और इन दोनों बच्चों ने कभी भी अपने पिता से बात नहीं की है।

बच्चों के सामने कभी नहीं किया घटना का जिक्र

बच्चों के सामने कभी नहीं किया घटना का जिक्र

जिस वक्त राजेश ने अपनी पत्नी अनुपमा की हत्या की थी, उस वक्त राजेश के बच्चे काफी छोटे थे। इस घटना के बाद से ही दोनों बच्चे अपने मामा सुजान कुमार प्रधान के घर उनके परिवार के साथ ही रहने लगे थे। सुजान बताते हैं कि हमने कभी भी बच्चों के सामने उनके पिता के बारे में नहीं बताया, हमने कभी भी उस घटना का बच्चों के सामने जिक्र भी नहीं किया। हम बच्चों को बहुत ही संवेदनशील तरीके से पाल रहे हैं और इन्हें इन तमाम मुद्दों से दूर रखते हैं ताकि इनपर इसका कोई असर नहीं पड़े। अनुपमा की हत्या के बाद उनके भाई सुजान प्रधान ने सात साल तक अपनी बहन के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ी। राजेश ने पुलिस के सामने अपने इकरारनामे में कहा था कि उसने 17 अक्टूबर 2010 को गुस्से में आकर अपनी पत्नी को दीवार पर ढकेल दिया था। लेकिन यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आ गया था जब यह बात निकलकर सामने आई कि राजेश ने अपनी पत्नी के 72 टुकड़े करके उसे फ्रीजर में रख दिया था। बाद में वह एक-एक करके इन टुकड़ों को ठिकाने लगा रहा था।

स्कूल में पहली बार महसूस हुई कमी

स्कूल में पहली बार महसूस हुई कमी

प्रधान बताते हैं कि बच्चों के सिर पर मां-बाप का साया नहीं था, हमने इस बात की कभी भी बच्चों को कमी महसूस नहीं होने दी। लेकिन बच्चों को उस वक्त अपने पिता की कमी महसूस हुई जब स्कूल में पैरेंट्स टीचर मीट के दौरान टीचर ने ने बच्चों से कहा कि क्या तुम लोग अपने पापा को फोन कर सकते हो। प्रधान बताते हैं कि जब अनुपमा की हत्या की गई थी तो दोनों जुड़वा बच्चों की उम्र महज चार वर्ष की थी।

ननिहाल में रहते हैं बच्चे

ननिहाल में रहते हैं बच्चे

दोनों बच्चे अब कक्षा छह में पढ़ते हैं और वह दिल्ली स्थित अपने नाना के घर में ही में संयुक्त परिवार में सबके साथ रहते हैं। इस घर में नाना, नानी, मामा, मामी और उनके दो बच्चे भी रहते है। अब जबकि राजेश गुलाटी को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है तो प्रधान ने कोर्ट से बच्चों के आधिकारिक संरक्षण की मांग की है। उन्होंने बताया कि कोर्ट में ट्रायल के दौरान राजेश के परिवार ने बच्चों की कस्टडी की मांग की थी, लेकिन परिवार अदालत ने इस मांग को ठुकरा दिया था। दोनों ही बच्चे अमेरिका के नागरिक हैं, क्योंकि जब उनका जन्म हुआ था तो उनके माता-पिता अमेरिका में ही रहते थे। कोर्ट ने बच्चों के दुख को देखते हुए राजेश पर 15 लाख रुपए का जुर्माना ठोंकते हुए कहा था कि 14.30 लाख रुपए इन बच्चों के खाते में फिक्स डिपोजिट किया जाए, ताकि भविष्य में बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे।

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English summary
Wife murderer Rajesh Gulati kids never hear their father. They are living with their maternal uncle.
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