कारगिल शहीद की बेटी गुरमेहर देखें ये आंकड़े, आंखें खोल देंगे
कारगिल युद्ध में शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी गुरमेहर कौर ने अपने एक वीडियो में किया आतंकवाद पर पाकिस्तान का बचाव। कारगिल वॉर के बाद से वर्ष 2000 से 2012 तक 3,987 सैनिक हो चुके थे शहीद।
नई दिल्ली। कारगिल शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी गुरमेहर सिंह ने पिछले वर्ष एक वीडियो पोस्ट किया था। वीडियो में उनका कहना था कि उनके पिता की जान पाकिस्तान ने नहीं ली बल्कि युद्ध ने ली है। गुरमेहर का यह वीडियो रामजस कॉलेज में हुए विवाद के बाद फिर से सुर्खियों में आया और कई लोगों ने उनकी आलोचना शुरू की।
शहीद हो चुके हैं हजारों
गुरमेहर का कहना है कि उन्हें अपनी देशभक्ति को साबित करन की जरूरत नहीं है। वह भी अपने पिता की तरह ही गोलियां खाने को तैयार हैं। गुरमेहर के विचार उनके अपने विचार हैं और हम उन पर कोई भी बात थोंपना नहीं चाहते हैं लेकिन वह एक बात भूल गई हैं कि कारगिल की जंग भारत पर थोपी गई थी और उस जंग के बाद से वर्ष 2012 तक 3,987 सैनिक अपनी जान गंवा चुके थे। पिछले वर्ष यानी वर्ष 2016 में इंडियन आर्मी ने सबसे बुरा दौर देखा और सबसे ज्यादा सैनिक शहीद हुए। एक नजर डालिए कि कारगिल की जंग के बाद भारत ने कितने सैनिक गंवाएं और वर्ष 2016 में कितने सैनिक शहीद हुए।
वर्ष 2012 में क्या थे आंकड़े
पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटोनी ने वर्ष 2012 में लोकसभा में जो आंकड़े पेश किए थे उसके मुताबिक कारगिल की जंग के बाद वर्ष 2000 से 2012 तक 3,987 सैनिक शहीद हुए थे। इसके बाद वर्ष 2012 में इंडियन आर्मी के 61 सैनिक शहीद हुए तो वर्ष 2013 में यह आंकड़ा 54 था, 2014 में 32 तो 2015 में 33 सैनिक शहीद हुए। लेकिन वर्ष 2016 में 64 सैनिक शहीद हो चुके थे। वर्ष 2010 के बाद शहादत के आंकड़ें में छह गुना इजाफा हुआ था और ये सैनिक किसी वॉर जोन में शहीद नहीं हुए थे।
उरी आतंकी हमला और सर्जिकल स्ट्राइक
18 सितंबर को उरी आतंकी हमला हुआ जिसमें इंडियन आर्मी के 19 जवान शहीद हो गए। इस हमले के बाद भारत ने 29 सितंबर को पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। कहा गया कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए यह कदम उठाया गया। यह भी कहा गया कि इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाक की हरकतों पर लगाम लगेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सुरक्षाबलों ने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से अब तक अपने 26 जवानों को खो दिया है। उरी आतंकी हमला पाकिस्तान की ओर से आए आतंकियों ने अंजाम दिया था।
नगरोटा आतंकी हमला
नवंबर के अंत में नगरोटा में आतंकी हमला हुआ। आर्मी कैंट में हुए इस हमले में मेजर अक्षय गिरीश और मेजर कुणाल गोसावी समेत हवलदार सुखराज सिंह, ग्रेनेडियर राघवेंद्र सिंह, लांस नायक संभाजी यशवंतराव, राइफलमैन असीम राय और नायक चितरंजन देब्बारमा ने अपनी जान गंवा दी। यह एक आतंकी हमला था जो जैश-ए-मोहम्मद की ओर से अंजाम दिया गया था। इस हमले के समय भी कोई युद्ध नहीं चल रहा था। आतंकी हमले से पहले लाइन ऑफ कंट्रोल पार करके दाखिल हुए थे।
पंपोर में आतंकी हमला
दिसंबर में साउथ कश्मीर के पुलवामा जिले के पंपोर में इंडियन आर्मी के काफिले पर आतंकी हमला हुआ। घात लगाकर किए गए इस हमले में सेना के तीन जवान शहीद हो गए।
जून में एक और हमला
जून के आखिर में जम्मू कश्मीर के पंपोर में सीआरपीएफ की गाड़ी पर आतंकी हमला हुआ। इस हमले में सीआरपीएफ ने अपने आठ जवानों को खो दिया। हमला लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने अंजाम दिया और खास बात थी कि हमला आठ जुलाई यानी हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी को मारे जाने से पहले हुआ था।
फरवरी में पंपोर और कैप्टन पवन शहीद
20 फरवरी को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने पंपोर में आतंकी हमला किया। 48 घंटे तक चले एनकाउंटर में 10 पैरा रेजीमेंट के 23 वर्ष के ऑफिसर कैप्टन पवन बेनीवाल और नौ पैरा के 26 वर्ष के कैप्टन तुषार महाजन और लांस नायक ओम प्रकाश शहीद हो गए थे।
पठानकोट आतंकी हमला
2 जनवरी 2016 को पठानकोट स्थित इंडियन एयरफोर्स बेस पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला किया। चार से छह आतंकियों ने बेस पर हमला किया और करीब तीन दिन तक आतंकियों के साथ एनकाउंटर चला। हमले में नेशनल कोस्ट गार्ड (एनएसजी) के एक कमांडो, इंडियन एयरफोर्स के एक गरुण कमांडो और पांच डिफेंस सिक्योरिटी कॉर्प्स के जवान शहीद हो गए थे। हमले को उस समय अंजाम दिया गया था जब न तो युद्ध की आंशका थी और न ही भारत की ओर से कोई भड़काउ कदम उठाया गया था।
सैनिकों का सिर तक ले जाते हैं आतंकी
छह जनवरी 2013 को पुंछ में इंडियन आर्मी के जवान हेमराज का सिर काट कर पाक आतंकी अपने साथ ले गए। फिर अक्टूबर 2016 में 17 सिख रेंजीमेंट के सिपाही मनदीप सिंह के साथ भी ऐसा ही कुछ किया था। फिर इसके बाद नवंबर में भी इंडियन आर्मी के जवान मनदीप सिंह रावत के शव के साथ पाक आतंकियों ने बर्बरता की।
कारगिल में 500 से ज्यादा शहीद
जिस कारगिल वॉर की बात गुरमेहर ने की है उसमें उनके पिता समेत 530 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। वर्ष 1998 से 2017 तक पाकिस्तान की ओर से 47,234 आतंकी हमलों को अंजाम दिया। देश भर में पाक की आतंकी कार्रवाई में 14,743 नागरिकों की मौत हुई और 6,276 सैनिक आतंकवाद से लड़ते हुए शहीद हो गए।