जब सुषमा ने कहा अगर सोनिया गांधी पीएम बन गईं तो सिर मुंडवा लूंगी
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नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपने पीछे तमाम रोचक राजनीतिक किस्सों छोड़कर चली गई हैं। सुषमा शायद देश की एक ऐसी नेता थीं जिनके ममता बनर्जी से लेकर कई और विपक्षी नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते थे। लेकिन कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी के साथ उनके पॉलिटिकल रिलेशंस हमेशा नीम और शहद जैसे रहे। साल 2004 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो सोनियां गांधी के विदेशी मूल के होने का मुद्दा खूब उछला। सुषमा और सोनिया के बीच कभी भी वह केमेस्ट्री देखने को नहीं मिली जो ममता या फिर दूसरी महिला नेताओं के साथ थी। सुषमा ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर सोनिया गांधी पीएम बन गईं तो फिर वह सिर मुंडवा कर एक भिक्षु का जीवन जिएंगी।
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साल 1999 से जंग की शुरुआत
साल 2004 के लोकसभा चुनावों के बाद जब सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने की चर्चाएं तेज हो गई थीं। इन चर्चाओं के बीच सुषमा ने एक ऐसी धमकी दे दी जिससे उनका अगल ही स्वरूप देखने को मिला। सुषमा ने उस समय ऐलान किया था कि अगर सोनिया पीएम प्रधानमंत्री बनती हैं तो वह अपने पद से इस्तीफा देंगी। इसके अलावा वह अपने बाल कटा लेंगी और भिक्षुणी का जीवन जिएंगी। सोनिया और सुषमा के बीच एक अघोषित जंग की शुरुआत साल 1999 के लोकसभा चुनाव से मानी जाती है। उस समय दोनों ने ही कर्नाटक के बेल्लारी लोकसभा सीट से एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था। चुनााव 'आदर्श नारी' वर्सेज 'विदेशी महिला' के तौर पर लड़ा गया। चुनाव में सुषमा को करारी शिकस्त मिली और सोनिया संसद पहुंच गई थीं।
नजर आया सुषमा का नया रूप
इसके बाद साल 2004 के लोकसभा चुनाव में जब यूपीए केंद्र सरकार में आई तो कांग्रेस, सोनिया को पीएम बनाने का मन बना चुकी थी। कांग्रेस के फैसले का सुषमा ने पुरजोर विरोध किया। सुषमा ने कहा अगर सोनिया पीएम बनीं तो वह तुरंत अपनी सांसदी छोड़ देंगी और भिक्षुणी का जीवन बिताएंगी। उन्होंने धमकाने वाले अंदाज में कहा था कि उधर सोनिया शपथ लेंगी और इधर वह त्यागपत्र दे देंगी। इसके बाद सुषमा ने कहा कि यह लड़ाई वह भिक्षुणी के तौर पर लड़ेंगी, जिसमें वह रंगीन वस्त्र उतारकर सफेद वस्त्र धारण करेंगी, अपने बाल कटा लेंगी। जमीन पर सोएंगी और भुने चने खाएंगी। इसे उन्होंने अपना कठोर व्रत बताया था। हालांकि, बाद में सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनने से इनकार कर दिया और मनमोहन सिंह पीएम बने थे।