जानिए कब-कब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बन गए अपने मुंह मियां बुद्धु!
बेंगलुरू। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस मुखिया की जिम्मेदारी छोड़ने के बाद अधिक सक्रिय नजर आने लगे हैं। जम्मू-कश्मीर मुद्दे से लेकर विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर राहुल गांधी कैमरे के सामने आकर लगातार बयान दे रहे हैं। यह कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी रणनीति का एक हिस्सा हो सकता है, क्योंकि कांग्रेस मुखिया पद से इस्तीफे के बाद भी कांग्रेस पार्टी के शीर्ष और निचले क्रम के नेता और कार्यकर्ता आज भी उनके खड़ाऊं की पूजा करते हुए दिख रहे हैं।
यह बात अलग है कि पार्टी की वर्किंग कमेटी ने 72 वर्षीय पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाकर पार्टी को नेतृत्व प्रदान किया है, जिससे कांग्रेस में आसन्न टूट को तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव तक टाल जा सके। सोनिया गांधी उम्र की जिस दहलीज पर खड़ी है, उनसे कमजोर कांग्रेस को संभालने की उम्मीद करना बेमानी होगा। यही कारण है कि कांग्रेस महासचिव बनाई गईं प्रियंका गांधी लगातार सियासी दौरे पर हैं और धड़ाधड़ राजनीतिक बयानबाजी कर रही हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद बी राहुल गांधी का राजनीतिक करियर संवारने में जुटी कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी को अग्रणी पंक्ति में बरकरार रखा है। यही कारण हैं कि राहुल गांधी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर पार्टी का चेहरा बने हुए हैं और लगातार पार्टी की ओर से आधिकारिक बयान देते आ रहे हैं, यह अलग बात है कि उनके बयानों का कच्चापन आज भी पार्टी की फजीहत का कारण बन रहा है।
पार्टी अध्यक्ष से मुक्ति के बाद राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर पर सबसे पहला और बड़ा बयान दिया। राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद 15 प्रतिनिधिमंडल के साथ श्नीनगर पहुंचे थे और जब राहुल गांधी को एयरपोर्ट से वापस बैंरग भेज दिया गया तो राहुल गांधी एक वीडियो संदेश जारी करते हैं, जिसमें राहुल गांधी कश्मीर में जारी प्रतिबंध का हवाला देते हुए पूरी दुनिया में भारत के फैसले के खिलाफ बयान देते डालते हैं।
राहुल गांधी के अपरिपक्व बयान का ही नतीजा था कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने उनके बयान को आधार बनाकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत के खिलाफ अर्जी लगा देती है, जिसमें पाकिस्तान ने राहुल गांधी के बयानों का बाकायदा उल्लेख करती हुए शिकायत करती है कि भारत सरकार द्वारा लिए गए फैसले के बाद कश्मीर में मानवाधिकार की हालत बदतर हो चुकी है।
पाकिस्तान द्वारा राहुल गांधी के बयानों को नजीर बनाए जाने पर कांग्रेस पार्टी ने हुई किरकिरी को बचाने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ और जम्मू-कश्मीर के पक्ष में बयान जारी करना पड़ गया। राहुल गांधी के बेतुके, बचकाने और अपरिपक्व बयानों की पूरी फेहरिस्त हैं, जो उन्होंने अपने अब तक पूरे राजनीतिक यात्रा में अब तक दिए हैं, जो चुटकुलों और मीम्स के फैक्टरियों में कच्चे माल के सबसे बड़े सप्लायर में शुमार हो गए हैं।
अभी हाल ही में राहुल गांधी ने अमेरिका के ह्यस्टन में आयोजित हाउडी मोदी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच बातचीत का हवाला देते हुए एक बयान जारी किया है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 के ट्रंप का प्रचार किया है, जो भारत के पारंपरिक रणनीति के खिलाफ है।
Thank you Mr Jaishankar for covering up our PM’s incompetence. His fawning endorsement caused serious problems with the Democrats for India. I hope it gets ironed out with your intervention. While you’re at it, do teach him a little bit about diplomacy.https://t.co/LfHIQGT4Ds
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 1, 2019
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सफाई देते हुए बताया कि ह्यूस्टन में पीएम मोदी ने जो 'अबकी बार ट्रंप सरकार' नारे को बोला वह दरअसल अपने संबोधन में उस बात का जिक्र कर रहे थे कि जिस नारे का मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2016 के दौरान अपनी चुनावी कैंपेन में इस्तेमाल किया था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह सफाई अमेरिकी के अपने तीन दिवसीय यात्रा के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब में दिए। विदेश मंत्री ने यहां दोहराया कि हम अमेरिका की स्थानीय राजनीति में दखल नहीं देते हैं, यही भारत की नीति है कि अमेरिका में जो राजनीति होती है, वो अमेरिका की है, जिससे भारत का कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने बताया कि डोनाल्ड ट्रंप ने बतौर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार 2016 में 'अबकी बार ट्रंप सरकार'का इस्तेमाल किया था, जो वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नारे अबकी बार मोदी सरकार से प्रेरित था। ऐसे में किसी तरह की गलतफहमी नहीं होनी चाहिए, लेकिन राहुल गांधी ने यहां भी नहीं चूके।
राहुल गांधी ने बाकायदा ट्वीट करते हुए विदेश मंत्री को संबोधित करके प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए लिखते हैं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर को प्रधानमंत्री को कूटनीति के बारे में थोड़ी जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने आगे लिखा, ''जयशंकर जी, हमारे प्रधानमंत्री की अक्षमता पर पर्दा डालने के लिए धन्यवाद। ट्रंप का समर्थन करने से डेमोक्रेट के साथ भारत के लिए परेशानियां पैदा हुई हैं। ''मैं आशा करता हूं कि आपके दखल से यह मामला खत्म हो गया है। आप प्रधानमंत्री मोदी को थोड़ा कूटनीति के बारे में सिखाइए।
राहुल गांधी की उपरोक्त टिप्पणी को भी उनके पांरपरिक और चिरपरिचित अंदाज में लिया जा रहा है, जिसमें वो कुछ भी बिना जिम्मेदारी के लिए बोलने के लिए मशहूर है। यही कारण था कि दिवंगत पूर्व बीजेपी नेता अरूण जेटली ने राहुल गांधी को बिना नॉलेज का एक्सपर्ट करार दिया था।
राहुल गांधी कई मौकों पर अपने गैर-जिम्मेदार बयानों से पार्टी और देश की फजीहत करा चुके हैं, इनमें जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर दिया गया उनका बयान प्रमुख है, जिसे पाकिस्तानी मीडिया ने ही नहीं, पाकिस्तानी सरकार ने चटकारे लेकर भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय मंच पर जमकर इस्तेमाल किया।
राहुल गांधी अपने सामान्य ज्ञान और आंकड़ों को लेकर भी अक्सर हंसी के पात्र बनते रहे हैं। इनमें दिल्ली के तालकटोरा स्टडेयिम में कोका कोला कंपनी और मैकडोनाल्ड कंपनी पर दिए गए उनके सामान्य ज्ञान को सुनकर लोगों के हंस-हंसकर पेट फूल गए थे।
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रायबरेली दौरे पर राहुल गांधी ने कराई 'नहरों की सिंचाई'
वर्ष 2001 पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं थे, तो मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के दौरे पर गए थे। वहां के कंदरावां क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, हमारी सरकार आएगी तो हम ‘नहरों की सिंचाई' के लिए बेहतर इंतजाम करेंगे। राहुल गांधी के मुंह से यह बयान को सुनकर जनसभा में मौजूद भीड़ मंद-मंद मुस्कराने लगी। फजीहत होते देख उनके बगल में खड़े रायबरेली के तत्कालीन लोकसभा सांसद कै.सतीश शर्मा ने मंद स्वर में राहुल गांधी को बताया कि नहरों की सिंचाई नहीं, बल्कि खेतों की सिंचाई के लिए इंतजाम करने के लिए बोलिए।
राहुल गांधी ने जब अमित शाह को बताया हत्या आरोपी
कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए राहुल गांधी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को हत्या का आरोपी बता दिया। राहुल गांधी को करेक्ट करते हुए बाद में अमति शाह ने उन्हें बताया कि उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज था। अदालत ने अपने फैसले में उन्हें बरी भी कर दिया है। वो मुकदमा राजनीति से प्रेरित था और उस केस में कोई साक्ष्य भी नहीं था। शाह ने इस दौरान राहुल गांधी के कानूनी ज्ञान पर टिप्पणी करने से भी इंकार कर दिया, क्योंकि राहुल के सामान्य ज्ञान को लेकर ही अक्सर सवाल उठते रहते हैं। अमित शाह के बयान के बाद राहुल गांधी हमेशा की तरह चुप्पी साध लिया।
कोका कोला और मैकडोनाल्ड कंपनी पर राहुल गांधी की खिंचाई
राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ओबीसी सम्मेलन को संबोधित कर रहे राहुल गांधी ने एक अजीबोगरीब बयान दे दिया, जिससे वो हंसी का पात्र बन गए। कार्यक्रम के दौरान राहुल ने मल्टी-नेशनल कंपनी कोका-कोला और मैक्डोनाल्ड्स की स्थापना से जुड़ी कुछ बातें बताईं। उन्होंने कहा ‘कोका-कोला कंपनी को शुरू करने वाला एक शिकंजी बेचने वाला व्यक्ति था, जहां उसके एक्सपीरियंस और हुनर का आदर हुआ, पैसा मिला, कोका-कोला कंपनी बनी। इसी तरह मैक्डोनाल्ड्स का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि मैक्डोनाल्ड्स को एक ढाबा चलाने वाले ने शुरू किया था। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर जमकर राहुल गांधी की खूब खिंचाई की गई। मजबूरी यह थी कई कांग्रेसी दिग्गजों को भी राहुल गांधी के बचाव के लिए आना पड़ा और उनके बयान के बचाव करते हुए उनकी भी खूब जग हंसाई हुई।
जब आलू के चिप्स को लेकर फंस गए राहुल गांधी
मध्यप्रदेश के धार में विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में राहुल ने किसानों की समस्याओं पर बात करते हुए आलू और चिप्स के उदाहरण के जरिए किसानों को उनकी उपज के कम दाम मिलने की बात समझाने की कोशिश की थी। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आलू का क्या दाम है आजकल? 5 रुपया। चिप्स का पैकेट कितने में बिकता है? उसमें कितना आलू होता है? आधा आलू होता है। उस चिप्स के पैकेट में से किसान को कितना रुपया मिलता है? 50 पैसे, उससे भी कम? राहुल गांधी के आलू और चिप्स पर दिए अपने ज्ञान को लेकर जमकर ट्रोल हो गए। उन्होंने आलू की जो कीमत बताई, वह किसी को हजम नहीं हुई। लोगों ने कहा कि बाजार में निकलकर देखिए साहब, आलू 20-25 रुपए किलो बिक रहा है।
बीएचईएल से मोबाइल खरीदने को लेकर घिरे राहुल गांधी
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की संचार क्रांति योजना को कठघरे में खड़ा करते हुए राहुल गांधी ने खुद अपने सामान्य ज्ञान से हंसी के पात्र बन गए। चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ‘ये जो मोबाइल है, छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार ने इसे बीएचईएल से क्यों नहीं खरीदा? इतना सुनना था कि वहां मौजूद लोगों के मुंह से हंसी छूट गई है। राहुल गांधी इतना तक नहीं पता है कि बीएचईएल का पूरा नाम भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड है, जो भारी इलेक्ट्रिकल्स सामान बनाती है न कि मोबाइल जैसे उपकरण। यहां भी वह सोशल मीडिया के निशाने पर आए थे और लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया।
शिवराज सिंह चौहान के बेटे पर घोटाले का आरोप लगा फंसे राहुल
अक्टूबर 2018 में राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके बेटे कार्तिकेय पर घोटालों का आरोप लगाया था। इसके बाद जब उन पर मानहानि का मामला दर्ज हुआ तो अपने बयान से पलटी मारते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों में इतने घोटाले हुए हैं कि वे कन्फ्यूज हो गए कि क्या कहना है। राहुल गांधी ने दिए अपने बयान में कहा था कि पनामा पेपर्स में कार्तिकेय का नाम आया है। फजीहत हुए तो यूटर्न लेते हुए सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि वह कन्फ्यूज हो गए थे। उन्हें ई-टेंडरिंग और व्यापमं घोटाले का जिक्र करना था, पनामा पेपर्स का नहीं।
कौरव -पांडव की लड़ाई 1000 वर्ष पूर्व हुई थी को लेकर ट्रोल हुए
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 20 मार्च, 2019 को एक ट्वीट किया, जिसमें कांग्रेस पार्टी को पांडव और भारतीय जनता पार्टी को कौरव बताया। इस ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा, 1000 साल पहले कौरव पॉवर की और पांडव सत्य की लड़ाई लड़ रहे थे। एक बार फिर वही स्थिति है, बीजेपी सत्ता के लिए लड़ रही है और कांग्रेस सत्य के लिए संघर्ष कर रही है। राहुल गांधी अपने सामान्य ज्ञान को लेकर एक बार फिर घिर गए जब उन्होंने ट्वीट में महाभारत को 1000 साल पहले होने का दावा किया। राहुल गांधी को लोगों ने उनके भारत के बारे में जानकारी और इतिहास के ज्ञान को आधार बनाकर खूब ट्रोल किया।
चौकीदार चोर बयान के लिए लगाने पड़े कोर्ट के चक्कर
राफेल मामले में घोटाले का आरोप लगाकर फंसे राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चौकीदार चोर कहना भी भारी पड़ा और सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भरकर अपने बयान के लिए खेद जताना पड़ा। दरअसल, चौकीदार चोर बयान पर भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की तरफ से दायर अवमानना याचिका के सिलसिले में राहुल गांधी को सुप्रीमो कोर्ट में खेद जताना पड़ा। हलफनामे में राहुल ने कहना पड़ा कि राजनीतिक लड़ाई में कोर्ट को घसीटने का उनका कोई इरादा नहीं है। इससे पहले भी राहुल गांधी चौकीदार चोर बयान में सुप्रीम कोर्ट में अवमानना नोटिस पर खेद जता चुके थे। तब राहुल ने कहा था कि यह बयान चुनाव प्रचार के दौरान आवेश में उनके मुंह से निकल गया था।
पीएम मोदी पर घेरने के चक्कर में करा दी पार्टी की फजीहत
राहुल गांधी ने दिवंगत गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से बीमारी के दौरान मुलाकात के बाद दावा किया था कि तत्कालीन रक्षा मंत्री पर्रिकर ने उन्हें बताया कि राफेल डील बदलते समय पीएम ने उनसे नहीं पूछा था, लेकिन राफेल डील से जुड़ा राहुल गांधी का दावा तब उल्टा पड़ गया जब खुद पर्रिकर ने पत्र लिख कर राहुल गांधी पर ओछी राजनीतिक करने का आरोप लगा दिया, क्योंकि राहुल गांधी से रक्षा मंत्री से राफेल डील पर कोई बात नहीं हुई थी, वह महज एक निजी मुलाकात थी।