सज्जन कुमार की सजा पर हरसिमरत कौर बोलीं- अंतत: न्याय का पहिया चल गया
नई दिल्ली। 1984 में सिख विरोधी नरसंहार से जुड़े मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार पर हाई कोर्ट की ओर से उम्र कैद की सजा को केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इसे ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं कि 2015 में शिरोमणि अकाली दल के अनुरोध पर उन्होंने 1984 के नरसंहार की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है, न्याय के पहिए अंतत: चल गए हैं।
हरसिमरत कौर ने कहा कि आज सज्जन कुमार, कल जगदीश टाइटलर और फिर कमलनाथ और अंत में गाधी परिवार पर गाज गिरेगी। बता दें कि कमलनाथ ने आज ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण किया है। ऐसे में आगे चलकर उनके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। 1984 के सिख दंगों में कथित भूमिका पर नाम आने के बाद कमलनाथ ने पंजाब राज्य बीजेपी अध्यक्ष पद छोड़ने वाले नाथ ने जोरदार तरीके से अपनी निर्दोषता को साबित करने किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।
निचली
अदालत
ने
कर
दिया
था
सज्जन
कुमार
को
बरी
2013
में
दिल्ली
कैंट
में
हुए
सिख
विरोधी
दंगा
मामले
में
कांग्रेस
के
वरिष्ठ
नेता
सज्जन
कुमार
को
संदेह
का
लाभ
मिल
गया
था
और
कड़कड़डूमा
कोर्ट
ने
उन्हें
संदेह
का
लाभ
देते
हुए
बरी
कर
दिया
था।
अदालत
ने
कहा
कि
मामले
की
मुख्य
गवाह
जगदीश
कौर
ने
जस्टिस
रंगनाथ
मिश्रा
आयोग
के
समक्ष
सज्जन
कुमार
का
नाम
नहीं
लिया
था।
अदालत
ने
कहा
कि
वर्ष
1985
में
सिख
विरोधी
दंगा
मामलों
की
जांच
के
लिए
गठित
जस्टिस
रंगनाथ
मिश्रा
आयोग
के
समक्ष
मुख्य
गवाह
जगदीश
कौर
ने
बयान
दिया
था।
इसमें
उसने
सज्जन
कुमार
का
नाम
नहीं
लिया
था,
जबकि
अन्य
आरोपियों
के
नाम
लिए
थे।
बाद
में
सज्जन
कुमार
का
नाम
जोड़ा
गया।
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