Wheat export ban: सरकार ने की पाबंदी पर राहत की घोषणा, इन्हें मिलेगी निर्यात की छूट
नई
दिल्ली,
17
मई:
केंद्र
सरकार
ने
वैश्विक
खाद्य
संकट
को
लेकर
मचे
त्राहिमाम
के
बीच
गेहूं
निर्यात
पर
लगाई
गई
पाबंदी
के
अपने
आदेश
पर
थोड़ी
नरमी
दिखाई
है।
सरकार
ने
गेहूं
निर्यात
पर
बैन
को
लेकर
दिए
गए
अपने
आदेश
में
थोड़ी
ढील
दिए
जाने
की
घोषणा
करते
हुए
यह
फैसला
किया
है
कि
विदेश
भेजा
जाने
वाला
जो
गेहूं
13
मई
या
उससे
पहले
कस्टम
में
जा
चुका
है
या
उनके
सिस्टम
में
दर्ज
किया
जा
चुका
है
,
उन्हें
निर्यात
करने
की
छूट
दी
जाएगी।
गेहूं
निर्यात:
सरकार
ने
पाबंदी
पर
दी
थोड़ी
राहत
केंद्र
सरकार
ने
गेहूं
निर्यात
पर
प्रतिबंध
लगाने
के
अपने
आदेश
पर
मंगलवार
को
एक
बहुत
बड़ी
राहत
का
ऐलान
किया
है।
इसके
तहत
तय
किया
गया
है
कि
जहां
भी
गेहूं
की
कंसाइमेंट
13
मई
या
उससे
पहले
कस्टम
के
हवाले
किया
की
जा
चुकी
है
और
उन्होंने
इसे
अपने
सिस्टम
में
दर्ज
कर
लिया
है
उस
कंसाइमेंट
को
निर्यात
की
अनुमति
दी
जाएगी।
भारत
के
फैसले
के
बाद
गेहूं
की
वैश्विक
कीमत
में
6%
की
उछाल
गौरतलब
है
कि
भारत
के
गेहूं
निर्यात
पर
प्रतिबंध
लगाने
के
फैसले
से
दुनिया
भर
में
खलबली
मची
हुई
है।
रिपोर्ट
के
मुताबिक
भारत
के
इस
फैसले
के
चार
दिन
बाद
ही
सोमवार
को
गेहूं
की
वैश्विक
कीमत
में
6%
का
रिकॉर्ड
इजाफा
हो
गया।
इस
बीच
अमेरिका
का
दावा
है
कि
भारत
के
इस
कदम
से
वैश्विक
खाद्य
संकट
और
बढ़ेगा।
इसके
चलते
अमेरिका
ने
भारत
से
अपने
फैसले
पर
पुनर्विचार
करने
की
भी
मांग
की
है।
यूएन
में
अमेरिका
की
स्थायी
प्रतिनिधि
लिंडा
थॉमस-ग्रीनफील्ड
ने
उम्मीद
जताई
है
भारत
गेहूं
के
निर्यात
पर
हाल
ही
में
लगाई
गई
पाबंदियों
को
हटा
लेगा।
देश
में
गेहूं
की
कीमतों
में
कमी
आनी
शुरू
हालांकि,
भारत
ने
गेहूं
निर्यात
रोकने
का
फैसला
शुद्ध
रूप
से
अपने
देश
में
बढ़ती
कीमतों
को
लगाम
लगाने
के
लिए
किया
है
और
उसमें
उसे
सफलता
भी
मिलती
दिख
रही
है।
जहां
इसकी
वैश्विक
कीमतें
उछाल
मार
रही
हैं,
वहीं
देश
में
4
से
8
फीसदी
तक
कीमतों
में
कमी
आने
की
रिपोर्ट
हैं।
जैसे
कि
राजस्थान
में
200
से
250
रुपये
क्विंटल,
पंजाब
में
100
से
150
रुपये
प्रति
क्विंटल
और
उत्तर
प्रदेश
में
करीब
100
रुपये
प्रति
क्विंटल
की
कमी
आई
है।
दरअसल, इस बार गेहूं की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तभी से उछाल आनी शुरू हो गई थी, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। इसके चलते पूरा सप्लाई चेन बिगड़ गया और इस साल उसकी कीमतों में रिकॉर्ड इजाफा हो गया। दुनिया भर में गेहूं का जितना निर्यात होता है, उसका लगभग एक-तिहाई अकेले रूस और यूक्रेन ही पूरा करते हैं।