सर्जिकल स्ट्राइक में सेना हथियारों के साथ तेंदुए का मल-मूत्र भी ले गई थी बॉर्डर पार
सितंबर 2016 में पीओके में भारतीय सेना की ओर से जिस सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था, उसमें तेंदुए के मल और मूत्र का भी प्रयोग हुआ था। नगरोटा कोर कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र निंबोकर पुणे में थे और यहां पर उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ी कुछ और रोचक जानकारियों को साझा किया।
नई दिल्ली। सितंबर 2016 में पीओके में भारतीय सेना की ओर से जिस सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था, उसमें तेंदुए के मल और मूत्र का भी प्रयोग हुआ था। सर्जिकल स्ट्राइक के समय नगरोटा कोर कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र निंबोकर मंगलवार को पुणे में थे और यहां पर उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ी कुछ और रोचक जानकारियों को साझा किया। गौरतलब है कि 18 सितंबर 2016 को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के उरी में स्थित सेना के कैंप को निशाना बनाया था। उस आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे। इसी हमले का बदला लेने के मकसद से सेना ने 28 सितंबर को पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और आतंकियों के कैंप्स को निशाना बनाया था।
कुत्तों की वजह से अपनाई रणनीति
लेफ्टिनेंट जनरल निंबोकर ने बताया, 'इस बात की संभावना थी कि जब हम रास्ते से गुजरेंगे तो गांव में मौजूद कुत्ते हमें देखकर भौंक सकते हैं। मुझे पता था कि कुत्तों को तेंदुए से डर लगता है तो हमनें इसलिए तेंदुए का मूत्र अपने साथ रखा। उसने काम किया और कुत्ते हमारे करीब नहीं आ सके।' निंबोकर ने यह बात उस समय बताई जब वह थोर्ले बाजीराव पेशवे प्रतिष्ठान में आयोजित एक पुरस्कार समारोह में मौजूद थे। सितंबर 2016 में सेना के कमांडोज ने लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) को पार किया था। कमांडोज ने एलओसी के उस पा स्थित आतंकियों के कैंप्स पर हमला किया था।
क्या हुआ था सर्जिकल स्ट्राइक की रात
18 सितंबर 2016 के उरी आतंकी हमले के बाद इंडियन आर्मी ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। 28-29 सितंबर को हुई इस सर्जिकल स्ट्राइक में करीब 30 आतंकी मारे गए थे। सेना ने इस सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने की तैयारियां 18 सितंबर को हुए आतंकी हमले के बाद से ही शुरू कर दी। उरी हमले के बाद से ही इसकी तैयारियां हो रही थीं कि पीओके में मौजूद आतंकी ढांचे को कैसे तबाह किया जाएगा।29 सितंबर को इंडियन आर्मी के स्पेशल कमांडोज पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर के अंदर तक दाखिल हुए थे। इन कमांडोज ने आतंकवादियों के सात कैंप्स को तबाह कर दिया था।
कमांडोज को मिला सम्मान
सर्जिकल स्ट्राइक के समय कमांडोज की टीम को मेजर रोहित सूरी लीड कर रहे थे। मेजर सूरी ने रेकी को पूरा किया और फिर अपनी टीम को आदेश दिया कि वे आतंकियों को लॉन्चपैड में खुले में लाकर व्यस्त रखेंगे। इसके बाद मेजर सूरी और उनका सहायक टारगेट के 50 मीटर अंदर आए और उन्होंने दो आतंकवादियों का खात्मा किया। साल 2017 में मेजर सूरी को कीर्ति चक्र मिला तो वहीं पांच कमांडोज को शौर्य चक्र मिला तो 13 को सेना मेडल से पुरस्कृत किया गया।