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क्या है गारंटी और वारंटी ? अपना सामान अभी चेक कर लें

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जब आप बाजार से कोई सामान खरीदते हैं और खासकर कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, फोन आदि तो आपके मन में ये भी सवाल आता है कि अगर सामान में कोई खराबी आ गई तो फिर क्या ? दुकानदार से पूछने पर अक्सर दुकानदार दो शब्दों का इस्तेमाल करता है, वो आपको बताता है कि आपके प्रोडक्ट पर इतने महीने की गारंटी या वारंटी है। अब बड़ा सवाल ये कि सामान पर आपको वारंटी मिली है या गारंटी। कुछ लोग इन दोनों शब्दों को एक ही मानते हैं और बिना कुछ पड़ताल किए सामान लेकर घर आ
जाते हैं। लेकिन किसी सामान पर दी जाने वाली गारंटी और वारंटी दोनों अलग- अलग चीजें हैं। इन दोनों के बारे में केवल एक ही समानता है कि ग्राहक को गारंटी या वारंटी का लाभ लेने के लिए सामान के पक्के बिल को सुरक्षित रखना जरूरी है।

Gurantee

क्या है गारंटी ?
जब किसी सामान पर आपको गारंटी मिलती है तो इसका मतलब है कि अगर वो सामन तय समय के अंदर खराब हो जाता है तो कंपनी या फिर दुकानदार को उस खराब हुए उत्पाद के बदले आपको नया उत्पाद देना होगा। यानी गारंटी के तहत दुकानदार या कंपनी आपको खराब प्रोडक्ट के बदले नया प्रोडक्ट देने के लिए बाध्य है।

what is Grantee

क्या है वारंटी ?
जब आपको को किसी उत्पाद पर वारंटी मिलती है तो ये एक तरह से विक्रेता की ओर से किसी ग्राहक को दी जाने वाली विशेष छूट है। जिसमे किसी प्रोडक्ट के खराब होने पर दुकानदार या कंपनी उसी खराब हुए उत्पाद को ठीक कराकर आपको वापस देगी। यानी किसी उत्पाद पर वारंटी दी गई है तो आप उस उत्पाद के खराब होने पर उसे एक निर्धारित समय तक दुकानदार या कंपनी से निशुल्क ठीक करा सकते हैं।

warranty

गारंटी हासिल करने की शर्तें
1. ग्राहक के पास खरीदे गए प्रोडक्ट का पक्का बिल हो या फिर गारंटी कार्ड हो।
2. गारंटी की एक समय सीमा रहती है और इस गारंटी पीरियड के खत्म होने से पहले ही दुकानदार या कंपनी खराब प्रोडक्ट को बदलेगी इसके खत्म होने के बाद नहीं।

वारंटी हासिल करने की शर्तें
1. ग्राहक के पास खरीदे गए प्रोडक्ट का पक्का बिल हो या फिर वारंटी कार्ड हो।
2. वारंटी कार्ड पर विक्रेता के हस्ताक्षर और मोहर लगी हुई हो।
3. वारंटी भी एक तय समय सीमा के लिए होती है। इसके खत्म हो जाने के बाद अगर आप उत्पाद को ठीक करवाने के लिए ले जाते हैं तो कंपनी या दुकादार का उसे ठीक करवाने का दायित्व नहीं है।

आजकल ज्यादातर कंपनियां अपने सामान पर सिर्फ वारंटी ही देती हैं और ये एक तय समय सीमा के लिए होती है लेकिन इसको कुछ और भुगतान करके आगे भी बढ़ाया जा सकता है, लेकिन गारंटी एक निश्चित वक्त के लिए ही होती है और इसे बढ़ाया नहीं जा सकता। इसके अलावा एक बात और ध्यान में रखने वाली ये है कि ग्राहक को दी जाने वाली वारंटी या गारंटी कंपनी की अपने प्रोडक्ट के प्रति जवाबदेही होती है इसलिए ग्राहक को ऐसे ही उत्पाद खरीदने चाहिए जिन पर वारंटी या गारंटी हो क्योंकि बिना इसके आपके उत्पाद के प्रति दुकानदार या कंपनी की कोई जवाबदेही नहीं होगी।आखिर में एक बार आपको फिर बता दें कि गारंटी या वारंटी का लाभ लेने के लिए सामान का पक्का बिल होना जरूरी है। अगर ये आपके पास है और इसके बावजूद कोई दुकानदार या कंपनी उसके द्वारा दिए गए सामान को बदलने या फिर रिपेयर करवाने
से मना करती है तो आपके पास कानूनी कार्रवाई का विकल्प है और आप उपभोक्ता अदालत में मामला दायर कर सकते हैं।

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English summary
What is the difference between Guarantee and Warranty? Please check your products.
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