Plan 190: चीन की चाल को नाकाम करने के लिए क्या है भारतीय सेना का मास्टर स्ट्रोक 'प्लान 190'
Plan 190: चीन की चाल को नाकाम करने के लिए क्या है भारतीय सेना का मास्टर स्ट्रोक 'प्लान 190'
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएससी) पर भारत और चीन के बीच तनाव गहराता जा रहा है। चीन और भारत दोनों ने भारी संख्या में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर सैनिकों और हथियारों को तैनात किया है। चीन की बढ़ती घुसपैठ को देखते हुए भारतीय सेना 'प्लान 190' पर काम कर रही है। 'प्लान 190' के तहत भारतीय सेना को आक्रामक बनाया जा रहा है। इस योजना में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों को हर दिन 190 मिनट का एक खास तरह का अभ्यास करवाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि चीन की चाल को नाकाम करने के लिए भारतीय सेना का मास्टर स्ट्रोक 'प्लान 190' ही काफी है। आइए जानें आखिर क्या है प्लान 190?
क्या है भारतीय सेना का मास्टर स्ट्रोक 'प्लान 190'
-मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तैनात भारतीय जवानों को एक खास तरह का अभ्यास हर दिन कराया जा रहा है।
-एलएसी पर तैनात जवानों को हर दिन सीमा पर 190 मिनट के एक स्पेशल ड्रिल से गुजरता होता है। इसके तहत लगभग 15,000 फीट की ऊंचाई पर सैनिक 140 मिनट का शारीरिक व्यायाम करते हैं।
-इसमें कैम्पेन में मार्शल आर्ट और अन्य युद्ध प्रशिक्षण के बाद 50 मिनट की आक्रामक गतिविधियां शामिल हैं।
-इसमें जवानों को डम्मी पर राइफल के कटार से वार करने की प्रैक्टिस करनी होती है।
- प्रैक्टिस के दौरान टायर को हथौड़े से पीटना पड़ता है और लकड़ी के एक बंडल को कुल्हाड़ी की सहायता से तेजी से दो भागों में फाड़ना होता है।
- भारतीय सेना की तवांग ब्रिगेड (कोरिया ब्रिगेड) के जवान प्लान-190 के तहत तैयारी कर के खुद को आक्रामक बना लेते हैं ताकि दुश्मन को कोई मौका न दिया जाए। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल ही में कहा था कि अगर चीनी सेना सीमा पर घुसपैठ जारी रखती है तो भारतीय सेना आक्रामक रुख से जवाब दे सकती है।
- बता दें कि भारतीय सेना ने द्वितीय विश्व युद्ध जैसी ऊंची चोटियों पर हाईटैक बंकर बनाए हैं। इन बंकरों में आधुनिक संचार केंद्र, निगरानी कक्ष आदि के साथ-साथ तोपखाने का कमांड सेंटर भी है। इसके अलावा सीमा पर दुश्मन की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
-भारतीय सेना की प्लान-190 का उद्देश्य है 'मार डालो और मारो' गौरतलब है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा से 2.5 किमी की दूरी पर भारतीय सेना ने युद्ध अभ्यास भी किया है।