जानिए क्या खास हैं कोरोना XE वैरिएंट के लक्षण, कितना अलग है दूसरे वैरिएंट से
मुंबई, 6 अप्रैल: भारत में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन एक्सई के दस्तक देने की खबर ने सनसनी मचा दी है। कोविड के ओमिक्रॉन एक्सई वैरिएंट का यह नया म्यूटेशन पहले यूनाइटेड किंगडम में पाया गया था। इसके बारे में अभी तक जो जानाकारी मौजूद है, इस बहुत ही ज्यादा तेजी से फैलने वाला वैरिएंट माना जा रहा है और ओमिक्रॉन के सबसे संक्रामक स्ट्रेन के मुकाबले भी ज्यादा तेजी से फैल रहा है। आइए इस ओमिक्रॉन वैरिएंट के नए स्ट्रेन के बारे में सबकुछ जानते हैं और इसके लक्षणों पर भी नजर डालते हैं। साथ ही यह भी देखते हैं कि इसकी गंभीरता को लेकर एक्सपर्ट का क्या कहना है?
कोविड का ओमिक्रॉन एक्सई वैरिएंट क्या है ?
यह कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का नया सब-वैरिएंट है। यह ओमिक्रॉन के बीए.1 और बीए.2 स्ट्रेन के म्यूटेशन से बना है, जिसे 'रिकंबिनेंट' बताया जा रहा है। रिकंबिनेंट की प्रक्रिया तब होती है, जब किसी वायरस के दो वैरिएंट मल्टीप्लाई करने के दौरान अपनी विशेषताओं को साझा करते हुए विकसित होते हैं। जब यह प्रक्रिया होती है तो इससे रिकंबिनेंट वायरस पैदा होते हैं।
Recommended Video
ओमिक्रॉन एक्सई वैरिएंट के मुख्य लक्षण क्या हैं ?
यह सब-वैरिएंट बहुत ही नया स्ट्रेन है, इसलिए इसके बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक ओमिक्रॉन एक्सई वैरिएंट में किसी नए लक्षण की बात अबतक सामने नहीं आई है। कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट की तरह ही इसके अधिकतर लक्षण कोल्ड की तरह ही माने जा रहे हैं। इसमें नाक बहना, छींक आना और गले में खराश जैसे लक्षण शामिल हैं। जबकि, कोविड के मूल स्ट्रेन में सामान्य तौर पर मरीजों में बहुत ज्यादा तेज बुखार, खांसी और स्वाद एवं गंध के गायब जैसे लक्षण प्रमुखता से दिखाई पड़ते हैं।
ओमिक्रॉन एक्सई वैरिएंट सबसे पहले कहां पाया गया ?
यह नया सब-वैरिएंट सबसे पहले जनवरी के मध्य में यूनाइटेड किंगडम में पाया गया था। इंग्लैंड में 22 मार्च तक इसके 637 मामलों की पहचान हो चुकी थी। डेल्टा, ओमिक्रॉन ये सब कोरोना वायरस के अलग-अलग वैरिएंट हैं, लेकिन ओमिक्रॉन एक्सई वैरिएंट से किसी के संक्रमित होने का मतलब ये है कि वह एक साथ उसके बीए.1 और बीए.2 दोनों स्ट्रेन से संक्रमित हुआ है।
कितना संक्रामक है एक्सई वैरिएंट ?
मिरर की रिपोर्ट के आधार पर तय करें तो इंग्लैंड के बाद भारत संभवत: पहला देश है, जहां यह नया वैरिएंट मिला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुरुआती जांचों के आधार पर संकेत दिया है कि यह ओमिक्रॉन के दूसरे स्ट्रेन बीए.2 के मुकाबले भी लगभग 10% ज्यादा तेजी से फैल सकता है, लेकिन उसने यह तय करने के लिए और ज्यादा जांच की आवश्यकता भी बताई है। यूके में मार्च में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए 3,400 पॉजिटिव कोविड सैंपल लिए गए थे, उनमें से 90% मामलों के लिए ओमिक्रॉन का बीए.2 जिम्मेदार था।
कितना खतरनाक हो सकता है ओमिक्रॉन का एक्सई स्ट्रेन ?
ब्रिटेन में स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक वहां नए स्ट्रेन के मामले सिर्फ 1% हैं। स्वास्थ्य एक्सपर्ट को ऐसा नहीं लगता है कि नया वैरिएंट अपने पहले वाले स्ट्रेन के मुकाबले ज्यादा गंभीर है।
इसे भी पढ़ें- भारत में कोरोनावायरस वेरिएंट XE की हुई एंट्री, पहला मामला मुंबई में किया गया रिपोर्ट
क्या पहले भी आ चुका है कोविड का ऐसा दोहरा वैरिएंट ?
एक्सई स्ट्रेन पहला रिकंबिनेंट स्ट्रेन नहीं है। इससे पहले डेल्टाक्रॉन वैरिएंट भी आ चुका है, जो ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट की जुगलबंदी था। यह भी पहले यूके और अमेरिका में मिला था, लेकिन जल्द ही ओमिक्रॉन वैरिएंट इसपर हावी हो गया।