LAC पर शहीद सैनिकों के परिवार के 1 सदस्य को नौकरी देगी बंगाल सरकार, मुआवजे का भी ऐलान
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गल्वान घाटी में शहीद होने वाले पश्चिम बंगाल के दो जवानों के परिजनों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पांच-पांच लाख रुपये और दोनों के परिवार से एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का फैसला किया है। बता दें की चीनी सेना के साथ भारतीय सेना की झड़प हिंसक हो गई थी। इस हिंसा में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे। शहीद हुए 20 जवानों में दो पश्चिम बंगाल के हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को ऐलान किया की है कि सरकार एलएसी पर गल्वान घाटी में चीन के साथ हुई झड़प में शहीद हुये पश्चिम बंगाल के दोनों जवानों के परिवारों को पांच-पांच लाख का मुआवजा देगी। इसके अलावा इन शहीद सैनिकों के परिवार में एक सदस्य को राज्य की ओर से नौकरी भी दी जायेगी। 19 जून को भारत चीन संघर्ष पर पीएम द्वारा बुलाई गई सभी पार्टियों की बैठक पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि, हमें अपने राष्ट्र पर गर्व है, हम मिलकर यह लड़ाई लड़ेंगे। हम इस समय राष्ट्र के साथ खड़े हैं।
लद्दाख के गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय सेना के 20 जवान में से एक पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रहने वाले राजेश ओरंग भी हैं। उनका परिवार पिछले महीने से अपने बेटे के आने का इंतजार कर रहा है। पिछले महीने ही राजेश अपने घर जाने वाले थे, हालांकि लॉकडाउन के कारण वे जा नहीं पाए थे। राजेश ओरंग 6 साल से भारतीय सेना के साथ काम कर रहे थे। वे बिहार रेजिमेंट में तैनात थे। हिंसक झड़प में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनका निधन हो गया।
संघर्ष में मारे गए जवानों में से एक पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा प्रखंड के बांसदा निवासी गणेश हांसदा भी थे। नके पिता का नाम सुगदा हांसदा और मां का नाम कापरा हांसदा है। दो भाइयों में गणेश हांसदा छोटे थे और उनकी शादी अभी नहीं हुई थी। घर में माता-पिता और भाई भाभी हैं। वे कांस्टेबल थे। शहीद गणेश के बड़े भाई दिनेश हांसदा ने बताया कि करीब दो सप्ताह पहले घर पर उनकी आखिरी बार बात हुई थी और अपनी सलामती की बात बताई थी।
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