रोऊंगा तभी जानोगे कि मेरे ही बेटे की गला रेतकर हत्या हुई: अंकित सक्सेना के पिता
अंकित सक्सेना के पिता को शायद अब जवान बेटे की यादें अकेले में डराने लगी हैं. उनकी ज़िंदगी का खालीपन शायद ही भर पाए.
जिस शख़्स के ख़ूबसूरत-जवान बेटे की छह दिन पहले बीच सड़क पर गला रेतकर हत्या कर दी गई हो, अगर वो आपको हंसता हुआ मिले तो आंखों पर यक़ीन करना मुश्किल हो जाता है.
दिमाग़ सवाल करने लगता है, क्या सब कुछ ठीक है? नहीं... सब ठीक नहीं है. एक परिवार बिखर गया है.
अंकित के एक कमरे वाले घर में पहुँचने के लिए एक संकरे जीने से होकर ऊपर जाना पड़ता है. उससे एक बार में एक ही आदमी ऊपर चढ़ सकता है.
घर में एक ऊंची चौकी पर अंकित की मां सोई हुई थीं. कुछ औरतें उन्हें घेरकर आपस में बातें कर रही थीं. उसी कमरे के ही एक हिस्से में किचन था. जहां बर्तन बिखरे हुए थे.
देखकर लग रहा था मानो इस घर में कोई भूकंप आया हो.
बेटे के कुछ हमउम्र दोस्त हैं जो आते-जाते रहते हैं. पिता की आंखें अब उन्हीं में बेटे को तलाश सकती हैं, सो तलाशती हैं.
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रिश्तेदार लौट चुके हैं...
अंकित के पिता कहते हैं, "जब बेटे के दोस्त चले जाते हैं तो टीवी खोलकर बैठ जाता हूं. कभी-कभी अचानक से मेरे ही बेटे की हत्या से जुड़ी ख़बरें आ जाती हैं और सब कुछ आंखों के सामने नाच उठता है."
अंकित सक्सेना की ग़मी में आए रिश्तेदार लौट चुके हैं. उनकी मां इलाज कराकर अस्पताल से लौट आई हैं और पिता ने ख़ुद को पत्थर सा बना लिया है.
मगर शायद उस ग़म से ख़ुद को दूर करने के लिए वो अंकित के दोस्तों के साथ घुले-मिले बैठे दिखते हैं.
अंकित के पिता यशपाल सक्सेना कहते हैं, "सब कह रहे हैं मैं तो रो ही नहीं रहा. क्या जब रोऊंगा तभी मानोगे, मेरा सब लुट गया. मेरी आंखों के आगे मेरे बेटे का गला काट दिया...रो दूंगा तो क्या वो आ जाएगा?"
"कई बार हंसी के पीछे जो दर्द होता है, दिखता नहीं है. वो सिर्फ़ बेटा नहीं था दोस्त था मेरा. उसके साथ सब चला गया."
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वो आख़िरी दिन...
अंकित के पिता कहते हैं, "रोज़ की तरह उस दिन भी वो सुबह ही काम पर निकल गया था. हमें पता होता कि आज कुछ ऐसा हो जाएगा तो उसे सीढ़ी से नीचे ही नहीं उतरने देते."
वो बताते हैं, "काम से लौटने के बाद वो रोज़ शाम को दोस्तों से मिलने जाता था. उस दिन भी रात के क़रीब आठ बजे थे. हमें तो यही लगा कि किसी दोस्त के यहां गया होगा लेकिन तभी एक लड़का दौड़ता हुआ आया और बोला, अंकल जल्दी चलो, आपके लड़के के साथ मार-पिटाई हो रही है."
"मैं मिसेज़ को लेकर सड़क की तरफ़ भागा. देखा तो कुछ लोग अंकित के साथ मार-पिटाई कर रहे थे. हमनें उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वो तो मन बनाकर आए थे."
किसी ने अंकित को बचाने की कोशिश नहीं की...
ये उस युवती के घर के लोग थे जिससे अंकित के साथ अफ़ेयर की बात कही जा रही है.
अंकित के पिता को शिकायत है कि घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने उनके बेटे को बचाने की कोशिश नहीं की.
वो कहते हैं, "युवती के पिता, मां, मामा और भाई का आरोप था कि अंकित ने उनकी लड़की को भगाया है. मैंने बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन वो कुछ सुनने को राज़ी नहीं थे. इसके बाद उन्होंने मेरी पत्नी को ज़मीन पर गिरा दिया और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी."
"मां पर हमला होता देख अंकित उन्हें बचाने गया तभी उन लोगों के साथ आए दूसरे लोगों ने उसे जकड़ लिया. इसी बीच उसके पिता ने पीछे से आकर अंकित का गला रेत दिया."
'मेरा बेटा लहराते हुए नीचे गिर गया'
यशपाल कहते हैं, "मेरे बेटे ने अकेले तीन-तीन को संभाल रखा था लेकिन थोड़ी देर बाद वो लहराते हुए नीचे गिर गया."
"मेरी बीवी पीछे से चिल्लाने लगी. मैं उसके पास गया. हिलाया-डुलाया लेकिन हरकत नहीं हुई. लाद-फांदकर जब उसे अस्पताल ले गए तो डॉक्टरों ने जवाब दे दिया."
"मिनटों में हट्टा-कट्टा बेटा चला गया. आज भी लगता है एक बार वो फिर आ जाए तो सब ठीक हो जाए. लेकिन अब ये सिर्फ़ अरमान है...जो कभी पूरा नहीं होगा."
अंकित के पिता कहते हैं कि 'उन्हें उस लड़की के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जिसे अंकित की प्रेमिका बताया जा रहा है.'
"अंकित मेरे दोस्त जैसा था और वो मुझसे बहुत सी बातें शेयर करता था लेकिन उसने कभी भी इस लड़की का ज़िक्र नहीं किया."
अंकित की शादी
अंकित के मौसेरे भाई आशीष बताते हैं, "हम लोग अक्सर उसे छेड़ा करते थे कि इस उम्र में भी तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. तो वो कहता था कि मेरे दोस्त ही मेरे सबकुछ हैं."
वो बताते हैं, "उसने कभी भी किसी लड़की का ज़िक्र नहीं किया. परिवार अंकित की शादी के लिए लड़की देख रहा था."
"15 दिन पहले ही हम लोग लड़की देखने गए थे. अंकित भी हमारे साथ जाने वाला था लेकिन अपने काम के चलते वो नहीं जा पाया था."
हालांकि एक ओर जहां अंकित के पिता और दोस्त ऐसे दावे कर रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर अंकित की कथित प्रेमिका का एक वीडियो चल रहा है.
इस वीडियो में वो अंकित के साथ शादी होने की बात कह रही हैं.
हालांकि अंकित के दोस्त और पिता ये ज़रूर मानते हैं कि वो लोग उस युवती और उसके परिवार को जानते थे क्योंकि पहले उनका परिवार उसी ब्लॉक में ही था, जहां अंकित का घर है.
क्या हुआ था अंकित के साथ?
अंकित के एक दोस्त बताते हैं, "पहले वो लोग यहीं रहते थे. आना-जाना भी था. बातचीत भी होती थी."
"लेकिन दोनों के बीच बात इतनी आगे तक है, इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था."
दिल्ली के रघुबीर नगर में 23 वर्षीय एक फ़ोटोग्राफ़र अंकित सक्सेना की कथित तौर पर एक युवती के परिवार के चार सदस्यों के साथ बहस के बाद हत्या कर दी गई.
पुलिस का कहना है कि अंकित सक्सेना के अल्पसंख्यक समुदाय की 20 वर्षीय युवती के साथ प्रेम सम्बन्ध थे.
पुलिस के अनुसार, युवती के पिता, मामा और उसके 16 वर्षीय भाई ने उनके संबंधों को लेकर आपत्ति जताई और उससे दूर रहने को कहा.
इसके बाद बहस के बाद युवती के पिता ने सड़क पर ही कथित तौर पर अंकित की गला रेत कर हत्या कर दी. अंकित की दोस्त का घर उनके घर के आस-पास ही था.
लगता है कि वो उस छोर से आ रहा होगा
दोस्त बताते है किसी के भी घर राजमा-चावल बनता था तो उसे बुला लिया जाता था. राजमा-चावल उसके पसंदीदा थे.
मुहल्ले में रहने वाली मुमताज़ कहती हैं, "आज भी लगता है वो गली के उस छोर से आ रहा होगा."
"यहीं गाड़ी खड़ी करेगा और सीढ़ियां चढ़कर ऊपर चला जाएगा लेकिन सब वहम है..."
उनके घर से जब हम लौटने लगे तो अंकित के पापा ने कहा, "रुको थोड़ी देर में चले जाना. सब चले जाओगे तो..."
शायद अब जवान बेटे की यादें उन्हें अकेले में डराने लगी हैं.