क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

वेदांता हिंसा: 'पुलिस ने सामने से भेजे में गोली मारी'

तमिलनाडु के तूतीकोरिन ज़िले में थेरसपुरम गांव के प्रवेश द्वार पर एक खोपड़ी मिली थी. ग्रामीणों का कहना है कि वो खोपड़ी जान्सी की है.

हालांकि जान्सी मंगलवार को तूतीतोकिरन में वेदांता ग्रुप की कंपनी स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन में शामिल नहीं हुई थीं.

चश्मदीदों कहना है कि 48 साल की जान्सी अपनी बहन के घर से लौट रही थीं

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
तमिलनाडु
BBC
तमिलनाडु

तमिलनाडु के तूतीकोरिन ज़िले में थेरसपुरम गांव के प्रवेश द्वार पर एक खोपड़ी मिली थी. ग्रामीणों का कहना है कि वो खोपड़ी जान्सी की है.

हालांकि जान्सी मंगलवार को तूतीतोकिरन में वेदांता ग्रुप की कंपनी स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन में शामिल नहीं हुई थीं.

चश्मदीदों कहना है कि 48 साल की जान्सी अपनी बहन के घर से लौट रही थीं तभी गोली लगने से मौत हो गई. थेरसपुरम मछुआरों का गांव है. तूतीकोरिन से इस गांव की दूरी मुश्किल से दो किलोमीटर है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव वाले अब भी सदमे में हैं.

सुधाकर (बदला हुआ नाम) नाम के एक व्यक्ति ने कहा, ''10 मिनट के भीतर जान्सी ज़मीन पर थीं. पुलिस की एक गाड़ी आई और उसमें चार लोग सवार थे. इन्होंने जान्सी को कुत्ते की तरह गाड़ी में खींच लिया था.'' सुधाकर इस बात को बताने में डर रहे थे कि कहीं उन्हें इसका खामियाज़ा न भुगतना पड़े.

विरोध की शुरुआत

स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन मंगलवार सुबह उग्र हुआ था. ग्रामीणों का कहना है कि प्रदर्शनकारी जब शाम में गांव लौट रहे थे तो पुलिस ने गोली चलाई थी. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जान्सी के साथ एक युवक भी मारा गया था. जान्सी के 50 वर्षीय पति अब भी सदमे में हैं और वो किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं.

जान्सी के रिश्तेदार जॉनसन ने कहा, ''हम सभी गांव लौट रहे थे. उसी दौरान जॉनसन अपनी पत्नी जान्सी को खोजते मिले. जब हमने पड़ोसियों से पूछना शुरू किया तो चश्मदीदों ने मारे जाने की बात बताई. हमें पता चला कि जान्सी का शव स्थानीय सरकारी अस्पताल में रखा हुआ है. जान्सी के शव के कुछ हिस्से ग़ायब थे.''

जॉनसन का कहना है कि जान्सी के शव में ज़ख़्म देखने से साफ़ पता चल रहा था कि गोली पास से मारी गई थी. उन्होंने कहा कि वो ग्रामीणों के साथ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे. जॉनसन का कहना है कि जान्सी तो प्रदर्शन में भी शामिल नहीं हुई थीं. ग्रामीणों का सवाल है कि आख़िर जान्सी को गोली क्यों मारी गई?

कई लोग गिरफ़्तार और ग़ायब

ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस वाले गांव से लोगों को ज़बर्दस्ती उठाकर ले गए थे. इसी गांव के राजा (बदला हुआ नाम) ने बताया, ''हमारे गांव से कई लोग ग़ायब हैं. हमें सूचना मिली है कि कई लोगों को पुलिस स्टेशन पर रखा गया है. हम लोग डरे हुए हैं कि पुलिस उन्हें मारेगी. हमने शांतिपूर्ण तरीक़े से प्रदर्शन किया था पर पुलिस ने हिंसक तरीक़ों को आज़माया.''

तमिलनाडु पुलिस के डीजी टीके राजेंद्रन का कहना है कि थेरसपुरम गांव में रोड रोको और पत्थरबाजी रोकने के लिए गोली चलाई गई थी. उन्होंने कहा, ''ग्रामीणों ने सड़क को बंद कर दिया था. इसके बाद पत्थरबाज़ी होने लगी. सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुक़सान पहुंचाया जा रहा था. चेतावनी के बाद भी लोग सुनने को तैयार नहीं थे. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलीबारी की थी.''

अगर पुलिस गोली चलाने से पहले चेतावनी उचित तरीक़े से जारी करती को जान्सी की जान नहीं जाती. ग्रामीणों का कहना है कि जान्सी की मौत केवल एक परिवार का नुक़सान नहीं है बल्कि पूरे गांव का नुक़सान है.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Vedanta violence Police shot dead in front
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X