सरकार कर रही है भारत बायोटेक से बातचीत, जल्द से जल्द है 12-18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन की प्लानिंग
नई दिल्ली, 15 जून। कोरोना से बचाव के लिए एक मात्र तरीका है वैक्सीनेशन। ऐसे में तीसरी लहर की आशंका है और इसमें बच्चों पर खतरा बताया जा रहा है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार 12 से 18 साल के 80 प्रतिशत बच्चों और किशोरों का वैक्सीनेशन करने की योजना बना रही है। इसके लिए सरकार को कोरोना वायरस वैक्सीन की कम से कम 21 करोड़ खुराकें चाहिए होंगी और इसका ज्यादातर हिस्सा भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' से आएगा। इसके अलावा जो कम होंगे उसे फाइजर और जायडस कैडिला की वैक्सीनों पूरा करेगी।
अंग्रेजी वेबसाइट द इंडियन एक्सप्रेस की खबर की मानें तो 12-15 वर्ष की आयु के किशोरों में इस्तेमाल के लिए यूरोपीय संघ में फाइजर के mRNA वैक्सीन की टेस्टिंग का अप्रूवल मिला है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, कोवाक्सिन बनाने के लिए भारत की स्वदेशी क्षमता का उपयोग करने की उम्मीद है, जिसका अभी भी बच्चों में परीक्षण किया जा रहा है।
अधिकारी ने कहा कि इस बात को लेकर भी अनिश्चितता है कि फाइजर के टीके वास्तव में भारत में कितनी जल्दी आ सकते हैं, जो देश के टीकाकरण प्रयासों में निकटता से शामिल रहे हैं।अधिकारी ने कहा, 'हमें उनसे (फाइजर) पांच करोड़ (50 मिलियन) खुराक मिल रही है। क्योंकि, 12-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की संख्या बहुत अधिक होने का अनुमान है।'