क्या वाकई बच्चों को प्रभावित करेगी कोरोना की तीसरी लहर, विशेषज्ञों ने दिया जवाब
नई दिल्ली, जून 8। देश में कोरोना की दूसरी लहर का असर अब धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में सामने आया है कि पिछले 2 महीने के बाद कोरोना के कुल केस 1 लाख से कम आए हैं। हालांकि इस राहत भरी खबर के बीच सरकार और वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंतित हैं, जिसको लेकर कहा गया था कि तीसरी लहर बच्चों को अधिक संक्रमित कर सकती है, लेकिन अब ये दावा किया गया है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए अधिक घातक नहीं होगी। दरअसल, पीएम मोदी की कोविड प्रबंधन टीम के प्रमुख सदस्यों में से एक वीके पॉल ने कहा है कि जहां बच्चों के पैरेंट्स ने वैक्सीन लगवा ली है, वहां बच्चों के लिए कोरोना की तीसरी लहर घातक साबित नहीं होगी।
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वैक्सीन लेने वाले पैरेंट्स के बच्चों को नहीं छूएगी तीसरी लहर
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, वीके पॉल ने कहा है, "अभी यह निश्चित नहीं है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बच्चों के माता-पिता ने कोरोना का टीका लगवा लिया है तो उनपर तीसरी लहर का असर कम होगा, बल्की उन तक वायरस पहुंच ही नहीं पाएगा।" वीके पॉल ने कहा कि अब तक, बच्चों ने वयस्कों के समान सर्पोप्रवलेंस प्रदर्शित किया है, जिसका अर्थ है कि वे वयस्कों के रूप में ज्यादा प्रभावित होते हैं।"
सोमवार को केंद्र सरकार ने कहा कि वर्तमान डेटा ऐसा कोई सुझाव नहीं देता है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक होगी। आपको बता दें कि हाल ही में जिन बच्चों के अंदर कोरोना का संक्रमण हुआ भी हो तो वो उनके पैरेंट्स के जरिए ही फैला है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने दिसंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच दर्ज किए गए विभिन्न आयु समूहों और खंडों के बीच सेरोप्रेवलेंस का डेटा साझा किया, जिसका अर्थ है- 'एक जनसंख्या में रोगज़नक़ का स्तर, जैसा कि रक्त सीरम में मापा जाता है।'
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