उत्तराखंड हादसे में लापता पिता की तलाश में बेटे ने नहीं छोड़ी उम्मीद
चमोली। Uttrakhand Glacier Burst:उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने से हुए बड़े हादसे में दर्जनों लोगों की जान चली गई है और तकरीबन 100 से अधिक लोग इस हादसे के बाद लापता हैं। लापता लोगों की तलाश में उनके परिजन राहत और बचाव कार्य पर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। इस हादसे में बशरत जरगर जिनकी उम्र 52 वर्ष है वो लापता हैं, उनका 24 साल का बेटा सलीक जरगर अभी भी उम्मीद लगाए हैं कि जल्द ही उसके पिता उसे सही सलामत मिल जाएंगे। सलीक का कहना है कि जब भी मलबे से सुरक्षाकर्मी किसी शव को निकालते हैं तो उसे लगता है कि यह शव किसी और का होगा और मेरे पिता सही सलामत मुझे मिल जाएंगे।
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रैनी गांव से तकरीबन 8 किलोमीटर दूर तपोवन में रिषिगंगा पॉवर प्लांट स्थित है। तपोवन में रहने वाले और पॉवर प्लांट में काम करने वाले कई लोग इस हादसे के बाद से लापता हैं। वहीं मौके पर राहत-बचाव कर रही टीम के अधिकारियों का कहना है कि अब वह यहां जिंदा लोगों की तलाश नहीं कर रहे हैं। सलीक जोकि नोएडा यूनिवर्सिटी के छात्र हैं और उनके अंकल शबीर जरगर जोकि श्रीनगर में रहते हैं वो हादसे के बाद से ही बशारत को तलाश रहे हैं। कई बार इन लोगों ने 7 फरवरी के बाद उन्हें फोन किया, लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं लग सका है।
बशारत जरगर कुंदन ग्रुप के साथ काम करते थे। कुंदन ग्रुप रिषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट को चलाता है लेकिन इस हादसे के बाद यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से नष्ट हो गया। बशारत बतौर जनरल मैनेजर कंपनी में तैनात थे और वह दिल्ली से काम करते थे और अक्सर प्लांट का दौरा करते थे। हादसे से पहले प्लांट में मेंटेंनेंस का काम चल रहा था और प्लांट बंद था। लेकिन मेंटेनेंस काम के चलते काफी लोग प्लांट में थे।
शबीर ने बताया कि मैंने रविवार की सुबह 10.13 बजे बशारत से बात की थी, उस वक्त उन्होंने पूछा था कि घर पर कैसा है सबकुछ। मैंने उनसे कहा था कि अभी मैं व्यस्त हूं 15-20 मिनट में फोन करता हूं। लेकिन जब 10.30 बजे मैंने फोन किया तो उनका फोन बंद था। बशारत के परिवार का कहना है कि कुंदन ग्रुप की ओर से अभी तक उन्हें किसी ने संपर्क नहीं किया है। हम यहां का वीडियो देखने के बाद यहां आए हैं। कम से कम कंपनी हमे इस हादसे के बारे में सूचना तो दे ही सकती थी।