Video: जनता दरबार में मुख्यमंत्री को महिला ने सबके सामने कहे अपशब्द, CM ने खोया आपा
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नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के जनता दरबार में जिस तरह से स्कूल की प्रिंसिपल ने अपना विरोध दर्ज कराया उसके बाद मुख्यमंत्री ने महिला को तुरंत गिरफ्तार करने कर सस्पेंड करने का आदेश दे दिया। महिला की अभद्रता के बाद मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में पुलिस को निर्देश दिया कि महिला को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उसे सस्पेंड कर दिया जाए। यह घटना देहरादून की है जब मुख्यमंत्री जनता दरबार में लोगों की समस्या सुन रहे थे। इसी दौरान 57 वर्षीय महिला ने मुख्यमंत्री के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल किया और मुख्यमंत्री के सामने खुद को रिमोट इलाके में ट्रांसफर किए जाने का विरोध किया।
जनता दरबार में दी गालियां
जानकारी के अनुसार महिला का नाम उत्तरा बहुगुणा है और वह नौगांव के सरकारी प्राइमरी स्कूल की प्रिंसिपल है। महिला ने मुख्यमंत्री से कहा कि उसका ट्रांसफर रिमोट लोकेशन में कर दिया गया है, महिला ने बताया कि उसे इस तरह के इलाकों में पिछले 25 साल से तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री ने जब महिला की अपील को खारिज कर दिया तो बहुगुणा ने मुख्यमंत्री से बहस करनी शुरू कर दी, जिसके बाद रावत ने अपना आपा खो दिया और कई बार माइक्रोफोन पर कहा कि सस्पेंड करो इसे अभी, इसे पुलिस हिरासत में लो।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमे देखा जा सकता है कि बहुणुणा जनता दरबार में गालियां दे रही है। जिसके बाद महिला को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत पुलिस हिरासत में ले लिया गया, हालांकि उसे बाद में गुरुवार की शाम को रिहा कर दिया गया। वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद रावत को लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ा, लोगों ने मुख्यमंत्री के इस दुर्व्यवहार और आपा खोने के लिए निशाने पर लिया।
मुख्यमंत्री ने दी सफाई
घटना के बाद रावत ने कहा कि ट्रांसफर की अपील सही मंच पर नहीं की गई, जनता दरबार लोगों की समस्या सुनने के लिए लगाया जाता है, प्रदेश के तमाम कर्मचारियों का ट्रांसफर ट्रांसफर एक्ट के तहत होता है। उन्होंने कहा कि बहुगुणा के सस्पेंशन का आदेश दिया गया था क्योंकि उन्होंने जनता दरबार में अपशब्द का इस्तेमाल किया था और गाली गलौज की थी।
महिला ने बयां किया दर्द
घटना के बाद महिला ने कहा कि मुझे मेरा काम करने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन मुझे इस तरह की लोकेशन पर पिछले 25 साल से रखा गया है, उत्तरकाशी गांव से पहले मुझे चिनयालिसौर में ट्रांसफर कर दिया गया था, मेरे पति मेरे बच्चों का खयाल रखते थे, लेकिन पिछले वर्ष अगस्त माह में उनकी मृत्यु के बाद मेरे बच्चो की देखभाल के लिए कोई नहीं है, यही नहीं अब रिमोट इलाके में काम करने के लिए मैं काफी उम्रदराज हो गई हूं।